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ये भी हैं कोरोना योद्धा: महिलाएं पीठ पर टैंक लाद कर गांवों में कर रहीं सैनिटाइजर का छिड़काव 

चूल्हा-चौका करने के बाद हर दिन सुबह 8 बजे से लगातार 2 बजे तक जिले की ग्राम पंचायतों में 567 महिला सफाई कर्मी कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रही हैं। अपनी पीठ पर सैनेटाइजर से भरा 20 किलोग्राम का टैंक लाद...

ये भी हैं कोरोना योद्धा: महिलाएं पीठ पर टैंक लाद कर गांवों में कर रहीं सैनिटाइजर का छिड़काव 
मुख्‍य संंवाददाता,गोरखपुर Thu, 09 Apr 2020 04:11 PM
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चूल्हा-चौका करने के बाद हर दिन सुबह 8 बजे से लगातार 2 बजे तक जिले की ग्राम पंचायतों में 567 महिला सफाई कर्मी कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रही हैं। अपनी पीठ पर सैनेटाइजर से भरा 20 किलोग्राम का टैंक लाद क्वारंटीन सेंटर से लेकर ग्रामवासियों के घरों तक में निरंतर 7 घंटे छिड़काव कर रही हैं। 24 मार्च से यह सिलसिला अनवरत जारी है लेकिन उसके बाद भी इन महिला सफाई कर्मियों का हौसला बरकार है।

जिले की सभी 1352 ग्राम पंचायतों में 3059 सफाई कर्मचारी मौजूद है जिसमें 567 महिला सफाई कर्मी है। पुरुष सफाई कर्मियों के साथ महिला सफाई कर्मी भी कोरोना योद्धा की भूमिका निभा रही हैं। इनकी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय ने सभी सफाई कर्मचारियों को स्वच्छता किट यानी मॉस्क, साबुन, हैंड सैनेटाइजर और गल्ब्स उपलब्ध कराए गए हैं। ताकि वे स्वयं को कोरोना संक्रमण से बचा सके। डीपीआरओ हिमांशु शेखर ठाकुर कहते हैं कि कोरोना के संक्रमण को रोकने में इन महिला सफाई कर्मियों का योगदान उल्लेखनीय है। 

बेटी दरवाजे पर वापसी का करती है इंतजार: अंजू यादव
ग्राम सभा अवरुष में बनाए गए क्वारंटीन सेंटर में सैनेटाइजर का छिड़काव कर रही अंजू यादव बताती हैं कि 7 घंटे बाद घर वापसी होती है। बेटी दरवाजे पर खड़ी इंतजार में होती, उसे देखते ही गोद में उठा लेने का मन करता है। लेकिन बाहर ही सभी कपड़े उतार कर बाथरूम में नहाने के बाद अंदर प्रवेश करती हूं। मेरे सास-ससुर, पति और दो बच्चे साथ रहते हैं। सभी की सुरक्षा का ध्यान रखना पड़ता है। 

14 दिन से रोज 6 टंकी करती हूं छिड़काव: संगीता गौड
नेवाईजपार में सैनेटाइजर से छिड़काव करती संगीता गौड बताती हैं कि 14 दिन से रोज 6 टंकी सैनेटाइजर हर दिन छिड़क रही। धूप में सुबह 8 बजे से 2 बजे तक काम पूरा करने में काफी मेहनत करनी पड़ती है। पीठ और हाथ दोनों दर्ज करने लगता है लेकिन इस बीमारी को भगाने के लिए यह करना ही है। आज महिलाएं क्या नहीं कर रहीं, इसलिए यह करने में परहेज नहीं। गांव के लोग भी हौसला बढ़ाते हैं। 

संक्रमण का लगता है, लेकिन सुरक्षा का रखते हैं ख्याल: सविता
शिवराजपुर गांव में नंगे पांव सैनेटाइजर का छिड़काव करती सविता कहती है कि कोरोना के संक्रमण का डर लगता है लेकिन विभाग से स्वयं की सुरक्षा प्रशिक्षण मिला है। गल्ब्स, मास्क, साबुन और हैंड सैनेटाइजर भी मिला है। स्वयं को सुरक्षित रखते हुए प्रतिदिन क्वारंटीन सेंटर से लेकर लोगों के घरो में सैनेटाइजर छिड़कने का काम कर रहीं हूं। बताती है कि चप्पल पहन कर गर्मी में चलने पर पसीने से चप्पल फिसलने लगती है। 

कोरोना से जंग करते हुए गर्व महसूस होता है: प्रेमशीला
गौरगंज ग्राम पंचायत में सैनेटाइजर का छिड़काव कर रहीं प्रेमशीला देवी कहती हैं कि यह काम करते हुए गर्व महसूस होता है। गांव में लोग डरे हुए हैं लेकिन हम स्वयं की सुरक्षा करते हुए दूसरों की जान बचाने के लिए जोखिम उठा रहे। हम साबित कर रहे कि महिलाएं पुरुषो से कम नही है। काम खत्म करने के बाद घर के बाहर ही स्नान आदि करने के बाद घर में प्रवेश करते हैं। लोगों को दूर-दूर खड़े रहने और घर से बाहर न निकलने के लिए जागरूक भी करते हैं। 

‘‘कोरोना संक्रमण में महिला सफाई कर्मियों का योगदान महिला सशक्तिकरण का बड़ा उदाहरण है। उन पर अपने घरों के चूल्हे चौके की जिम्मेदारी है ही, कई छोटे बच्चे भी संभालती है। उसके बाद भी संक्रमण के जोखिम के बीच पुरुषो के साथ कंधे के कंधा मिला काम कर रही है। यह काफी श्रमसाध्य कार्य भी है। उनकी सुरक्षा का जरूरी इंतजाम किया गया है।’’
हर्षिता माथुर, मुख्य विकास अधिकारी गोरखपुर

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