वैदिक मंत्र उच्चारण से सराबोर हो रहा है विष्णु मंदिर परिसर
गोरखपुर, निज संवाददाता। मानस उत्थान समिति के संयोजन में चल रहे धार्मिक अनुष्ठानों में...

गोरखपुर, निज संवाददाता। मानस उत्थान समिति के संयोजन में चल रहे धार्मिक अनुष्ठानों में वैदिक मंत्रोच्चारण से विष्णु मंदिर परिसर सराबोर हो रहा है। मंगलवार को 45 दंपतियों ने यज्ञ कुंड में आहुति डाली। भागवत कथा का रसपान करते हुए देर रात रामलीला का भी आनंद श्रद्धालुओं ने लिया।
भागवत कथा में अयोध्या से पधारे कथा व्यास आचार्य बलराम दास ने कहा कि भक्ति के लिए कोई उम्र नहीं होती। जब अवसर मिले भगवान का भजन कर लेना चाहिए। जब भगवान कुंती से वरदान मांगने के लिए कहते हैं तो वो दुख को मांगती हैं। वह कहती हैं कि जब विपत्ति होती है तभी आपको याद करती हूं। सुख में भूल जाती हूं। भक्त को दुख से नहीं घबराना चाहिए क्योंकि दुख ही भगवान रूपी सुख को देता है। अंत में आरती कर भक्तों में प्रसाद वितरण किया गया।
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देवी सीता ने श्रीराम के गले में डाली जयमाला
देर रात आयोजित हुई रामलीला में दिखाया गया महर्षि विश्वामित्र श्रीराम व लक्ष्मण के साथ जनकपुर पहुंचते हैं। स्वयंवर में सबको राजा जनक की प्रतिज्ञा सुनाई गई। बताया गया कि जो भी इस शिव धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाएगा उसी से देवी सीता का विवाह होगा। सभी राजा एक-एक करके आते हैं परंतु कोई धनुष को हिला तक नहीं पता। तब महर्षि विश्वामित्र के आदेश पर श्रीराम उठते हैं और एक ही बार में धनुष उठा लेते हैं। जैसे ही प्रत्यंचा चढ़ाते हैं धनुष टूट जाता है। देवी सीता श्रीराम के गले में जयमाल डाल देती हैं।
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