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डीडीयू को तकनीकी रूप से समृद्ध बनाने का कुलपति ने दिया लक्ष्य

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय का 63वां स्थापना दिवस समारोह बुधवार को धूमधाम से मनाया गया। पंत भवन पर पूजन के बाद संवाद भवन में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. वीके सिंह ने...


डीडीयू को तकनीकी रूप से समृद्ध बनाने का कुलपति ने दिया लक्ष्य
हिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरThu, 02 May 2019 08:58 PM
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दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय का 63वां स्थापना दिवस समारोह बुधवार को धूमधाम से मनाया गया। पंत भवन पर पूजन के बाद संवाद भवन में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. वीके सिंह ने डीडीयू को तकनीकी रूप से समृद्ध बनाने का लक्ष्य रखा। कहा कि वह जल्द ही शिक्षकों, अधिकारियों व विद्यार्थियों की मदद से इस लक्ष्य का हासिल कर लेंगे।

सुबह प्रशासनिक भवन परिसर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय के प्रतिमा पर कुलपति, प्रति कुलपति व विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने माल्यार्पण किया। इसके बाद विश्वविद्यालय में निर्मित सबसे पहले भवन पंत भवन पर कुलपति प्रोफेसर विजय कृष्ण सिंह ने विधिवत पूजन अर्चन किया।

इसके बाद 10 बजे से ललित कला एवं संगीत विभाग द्वारा संवाद भवन में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कुलपति प्रोफेसर, कुलसचिव सुरेश चंद्र शर्मा, प्रतिकुलपति एसके दीक्षित, वित्त अधिकारी वीरेंद्र चौबे ने दीप प्रज्वलित कर सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ किया। संयोजिका प्रोफेसर ऊषा सिंह व प्रोफेसर विनोद सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया। ललित कला एवं संगीत विभाग की छात्रा ज्योति सिंह, शिवानी पांडेय व छात्र राजन ने गणेश वंदना, सरस्वती वंदना तथा राष्ट्र भक्ति से सराबोर गीत प्रस्तुत किए। भारतीय परंपरा अनुसार हिन्दी महीना चैत्र में गाये जाने वाला गीत 'चैती' का भी गायन किया गया। गोरखपुर के रंगाश्रम थिएटर ग्रुप की ओर से ‘हम इसके मामा है लघु नाटक का मंचन किया गया। नाटक के माध्यम से लोगों को लोकतंत्र के त्योहार में मतदान करने के लिए अपील की गई।

इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर विजय सिंह कृष्ण ने कहा कि यह मेरे लिए गर्व बात है कि मैं इसी विश्वविद्यालय का छात्र रहा हूं और आज कुलपति के रूप में विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस समारोह मना रहा हूं। वास्तव में किसी भी विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस उसकी पहचान होती है। युवा देश का कर्णधार है और आज जरूरत है कि युवाओं को पारम्परिक शिक्षा के साथ साथ तकनीकी शिक्षा से जोड़ने की। हम सभी को मिलकर विश्वविद्यालय को तकनीकी रूप से सुदृढ़ बनाना है। पूरा विश्वास है कि इस विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी गण एवं विद्यार्थी मिलकर विश्व विद्यालय में पठन-पाठन का माहौल कायम रखेंगे। समाज के निर्माण का कार्य भी करेंगे।

कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर अजय शुक्ला व धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव सुरेश चंद्र शर्मा ने किया। स्वागत भाषण कार्यक्रम की संयोजिका प्रोफसर ऊषा सिंह ने किया। कार्यक्रम में प्रोफेसर राजवंत राव, प्रोफेसर सीपी श्रीवास्तव, प्रोफेसर हरिशरण, परीक्षा नियंत्रक डॉ. अमरेंद्र सिंह, प्रोफेसर हुमा सब्जपोश, प्रोफेसर अवधेश तिवारी, प्रोफेसर मुरली मनोहर पाठक, प्रोफेसर गोपाल प्रसाद, प्रोफेसर रविशंकर सिंह, लेखाधिकारी पीएन सिंह, प्रोफेसर राजेश सिंह, कर्मचारी संघ अध्यक्ष महेंद्र नाथ सिंह, डॉ बीएन सिंह सहित विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी व छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में ललित कला संगीत विभाग के शिक्षक शुभंकर डे ,श्रद्धा शुक्ला, डॉ. प्रदीप साहनी, डॉ. गौरी शंकर चौहान व प्रदीप रजौरिया का विशेष सहयोग रहा।

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