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हाल ए पेंट्रीकार: काकरोच-गंदगी वाली कैग की रिपोर्ट पर वैशाली-सम्पर्क क्रांति ने भी लगाई मुहर

गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता कैग ने रेलवे की घटिया खानपान की जो पोल खोली है उसपर गोरखपुर से गुजरने वाली वीआईपी ट्रेन वैशाली और गोरखधाम की पेंट्रीकार ने मुहर लगा दी है। जी हां पेंट्रीकार में मिलने वाले...

हाल ए पेंट्रीकार: काकरोच-गंदगी वाली कैग की रिपोर्ट पर वैशाली-सम्पर्क क्रांति ने भी लगाई मुहर
Gorakhpur ,Gorakhpur Sat, 22 Jul 2017 10:24 PM
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गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता
कैग ने रेलवे की घटिया खानपान की जो पोल खोली है उसपर गोरखपुर से गुजरने वाली वीआईपी ट्रेन वैशाली और गोरखधाम की पेंट्रीकार ने मुहर लगा दी है। जी हां पेंट्रीकार में मिलने वाले गुणवत्ता विहीन लंच और ब्रेकफास्ट ने यह साबित कर दिया है कि इनका खाना खाने योग्य नहीं है। 
कैग की रिपोर्ट आने के बाद ‘हिन्दुस्तान’ ने शनिवार को जब ट्रेनों की पड़ताल की यात्रियों ने रेलवे के खाने की जमकर बुराई की। 

किचन में गंदगी तो थी ही साथ ही नाश्ते में दिए जाने वाले समोसे और पकौड़े बासी थे। हैरान करने वाली बात तो यह थी नालियों में डूबे रहने वाले पाइपों से पेंट्रीकार में खाना बनाने के लिए पानी भरा जा रहा था। पानी के जार सिर्फ दिखाने के लिए रखे गए थे। 
रात में आठ बजे से दिए जाने वाला खाना दोपहर दो बजे ही बना कर रख लिया गया था। 

एक  दिन पहले सना हुआ आटा दूसरे दिन प्रयोग में लाया जा रहा था। दुखद यह है कि यात्रियों को मजबूरन न चाहते हुए भी यही खाना और नाश्ता खाना पड़ता है। यात्रियों की मुश्किल यहीं खत्म नहीं हो रही है। पेंट्रीकार के वेंडर यात्रियों से ओवरचार्जिंग भी जमकर करते हैं। सात रुपये की चाय 10 रुपये की और 55 रुपये का स्टैंडर्ड खाना 65 रुपये में बेचा जा रहा है। 

यह है कैग की रिपोर्ट
नियंत्रक और महालेखा परीक्षा (कैग) देश भर की अलग-अलग ट्रेनों में परोशे जाने वाली खानपान की पड़ताल कराई थी। इसमें पाया कि यात्रियों को दिया जाने वाला खाना खाने योग्य नहीं है।

दाल में सिर्फ पानी, आलू-परवल में सिर्फ आलू्, मटर-पनीर में सिर्फ मटर
एक ओर जहां गुणवत्ता विहीन खाना परोशा जा रहा है वहीं दूसरी ओर जो मिल भी रहा है उसमें कोई स्वाद नहीं है। यात्रियों से बातचीत और खाना-नाश्ता देख यह साफ हो गया दाल और सब्जी खाने लायक नहीं है। दाल में इस कदर पानी कि दाल का स्वाद ही न आए। सब्जी आलू-परवल की बनी थी लेकिन उसमें सिर्फ आलू ही था। मटर-पनीर में तो पनीर ढूढने से भी नहीं मिलेगी। 

हाल-ए सम्पर्क क्रांति
समय-4:45 बजे शाम
प्लेटफार्म नम्बर एक पर सम्पर्कक्रांति खड़ी हुई तो उसके पेंट्रीकार में चढ़ी जांच टीम ने अवैध पानी की बोतले जब्त कर लीं। उसके बाद टीम को देखते ही पेंट्रीकार कर्मचारियों ने पानी से किचन को साफ करना और खाने के बर्तनों को ढ़कना शुरू कर दिया। इसके बाद नाली में डूबी पानी के पाइप को उठाया और किचन में रखे भगौनों में पानी भरना शुरू कर दिया। 

हाल-ए वैशाली एक्सप्रेस
समय-5:30 बजे शाम
प्लेटफार्म नम्बर एक से सम्पर्कक्रांति एक्सप्रेस के जाने के बाद आई वीआईपी ट्रेन वैशाली एक्सप्रेस खड़ी हुई वैसे ही पेंट्रीकार के कर्मचारी उतरे और वही नाली में डूबी हुई पाइप उठाई और भगौने में पानी भरने लगे। यहां खाना दोपहर डेढ़ बजे ही बना लिया गया था। दाल और सब्जी में पानी की मात्रा ज्यादा नजर आ रही थी। किचन में गंदनी तो थी ही ममानक पानी की बोतले भी मिलीं। 

पेंट्रीकार का खाना तो खाने लायक नहीं है। दिन में आलू पकौड़ा मंगया था। पकौड़ा तो गर्म था लेकिन उसके अंदर का आलू बासी था। एक ही बार खाने के बाद पकौड़ा फेंक दिया। कैग की रिपोर्ट पूरी तरह से ठीक है। इसपर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। 
एसएन झा, यात्री 

दोपहर में खाना मंगाया था। एक तो उसमें कोई स्वाद नहीं था दूसरे सब्जी में सिर्फ आलू ही था। चावल भी पूरा पका नहीं हुआ था। यंू कह लें कि मजबूरन ही खाना पड़ा। 
हरिशंकर कुमार, यात्री

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