लाही बीज के लिए लक्ष्य 550 के सापेक्ष 629 आवेदन
Gorakhpur News - गोरखपुर, मुख्य संवाददाता। प्रदेश सरकार की लाही (तोरिया) की खेती के लिए प्रोत्साहन देने

गोरखपुर, मुख्य संवाददाता। प्रदेश सरकार की लाही (तोरिया) की खेती के लिए प्रोत्साहन देने वाली योजना को गोरक्षनगरी में जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। 550 लाभार्थियों के लक्ष्य के मुकाबले अब तक 629 किसानों ने आवेदन किया है। मांग को देखते हुए कृषि विभाग ने निशुल्क मिनी किट प्राप्त करने की अंतिम तिथि 31 अगस्त तक बढ़ा दी है, जिसमें अभी दो दिन शेष हैं। इससे योजना की लोकप्रियता और किसानों की रुचि का भी पता चलता है। पहली बार है कि लाही का निशुल्क मिनी किट वितरित करने के लिए विभागीय पोर्टल agridarshan.up.gov.in पर आवेदन ऑनलाइन माध्यम से लिए जा रहे हैं।
इसके अलावा किसानों का चयन भी लॉटरी सिस्टम के जरिए होगा। प्रत्येक चयनित किसान को 02 किलोग्राम लाही (तोरिया) बीज की निशुल्क मिनी किट दी जाएगी। उप कृषि निदेशक धनंजय सिंह ने बताया कि सरकार ने तिलहनी फसल उत्पादन को बढ़ावा देने की पहल है। ताकि उत्तर प्रदेश तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बन जाए। इस कदम से न केवल तेल उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि किसानों की आय भी बढ़ेगी। चयनित किसानों को पीओएस मशीन से तोरिया बीज का मिनी किट वितरित किया जाएगा। सितंबर के प्रथम पखवाड़े से करें बोआई, 85 दिन में तैयार होगी फसल तिलहनी खेती को बढ़ावा देने के लिए सरसों की तरह तोरिया अथवा लाही की खेती भी कैच क्राप के रूप में की जाती है। खरीफ की असफल बुवाई, क्षतिग्रस्त फसल अथवा रबी की फसल लेने से पहले कम अवधि (80 से 85 दिन) तोरिया की फसल ले सकते है। इसकी बुवाई सितंबर के प्रथम से द्वितीय पखवाड़े तक कर सकते हैं। बीज 4 से 5 किग्रा प्रति हेक्टेयर लगता है। तोरिया की प्रजाति पीटी 303, पीटी 30, टाइप 9, टाइप 36 अथवा तपेश्वरी लगा सकते है। इस फसल में लगभग 40 से 42 प्रतिशत तक तेल प्राप्त कर सकते हैं। तोरिया का उत्पादन एक हेक्टयेर में 10 से 12 क्विंटल तक होता है। कुछ वर्षों में तिलहन में आत्मनिर्भर हो जाएंगे संयुक्त कृषि निदेशक डॉ. अरविंद सिंह कहते हैं कि 2016-17 में तिलहन का उत्पादन सूबे में 12.40 लाख मीट्रिक टन था जो सरकार की कोशिश से 2024-25 में बढ़ कर 29.20 लाख मीट्रिक टन हो गया। तिलहन के उत्पादन में करीब डेढ़ गुने की वृद्धि हुई। उत्पादन और रकबे में वृद्धि की यही स्थित रही तो अगले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश दलहन एवं तिलहन के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएगा।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।




