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यूपी बोर्ड परीक्षा: जिस कालेज में पकड़ी जायेगी नकल, रद होगी उसकी मान्‍यता 

यूपी बोर्ड परीक्षा को नकल विहीन कराने के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद ने नये नियम जारी किये हैं। इस बार नकल कराने वाले परीक्षा केन्द्रों पर शिक्षा अधिनियम और एंटी कॉपिंग एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।...

यूपी बोर्ड परीक्षा: जिस कालेज में पकड़ी जायेगी नकल, रद होगी उसकी मान्‍यता 
जितेन्‍द्र पांडेय,गोरखपुरSat, 28 Oct 2017 07:27 PM
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यूपी बोर्ड परीक्षा को नकल विहीन कराने के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद ने नये नियम जारी किये हैं। इस बार नकल कराने वाले परीक्षा केन्द्रों पर शिक्षा अधिनियम और एंटी कॉपिंग एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही परीक्षा केन्द्रों को डिबार घोषित करने व विद्यालय की मान्यता रद्द करने के साथ अर्थ दण्ड भी लगाया जाएगा।

यूपी बोर्ड परीक्षा 2018 में शासन ने नकल माफियाओं पर नकेल कसने की तैयारी कर ली है। माध्यमिक शिक्षा मंत्री के फरमान के बाद परिषद ने पुराने नियमों को बदलते हुए नये नियम जारी करते हुए सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देशित कर दिया है। परिषद ने डिआईओएस को सख्त निर्देश दिया है कि बोर्ड परीक्षा के दौरान किसी भी परीक्षा केन्द्र पर नकल करते हुए या फिर आपत्तिजनक गतिविधिया पाई जाय तो वहां के केन्द्र व्यवस्थापक, प्रधानाध्यापक और कक्षा निरीक्षकों पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। 

इसके अलावा परीक्षा केन्द्रों के 200 मीटर के दायरें में केवल परीक्षा संचालन से जुड़े कर्मचारियों के अलावा कोई भी नहीं दिखेगा। इसकी जिम्मेदारी केन्द्र व्यवस्थापक की होगी। वहीं परिषद ने कहा है कि डिआईओएस द्वारा परीक्षा केन्द्र निर्धारण के लिए किये गए जांच में सभी केन्द्रों पर सीसी कैमरा, बिजली, कुर्सी-मेज, पेयजल की व्यवस्था सही होनी चाहिए। परीक्षा के दौरान शिकायत मिलने पर इसके दोषी डिआईओएस होंगे और इनके ऊपर भी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
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पहले नकल करते पकड़े जाने पर होते थे डिबार
बोर्ड परीक्षा के दौरान जिन केन्द्रों को नकल करते हुए पकड़ा जाता था। उन्हें 3 से 5 साल के लिए डिबार घोषित किया जाता था। समय पूरा होने के बाद एक बार फिर वह विद्यालय परीक्षा केन्द्र बनने लायक हो जाता था। मगर नये नियम के तहत डिबार के साथ उन विद्यालयों की मान्यता रद्द करने की कार्रवाई भी की जाएगी।
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कमिश्नर नहीं करेंगे परीक्षा केन्द्रों की संस्तुति
इस बार परिषद ने परीक्षा केन्द्रों के बनाने की जिम्मेदारी डिआईओएस और जिलाधिकारी तक सुनिश्चित की है। डिआईओएस द्वारा विद्यालयों की जांच की जाएगी। इसके बाद परीक्षा केन्द्रों की सूची तैयार करके जिलाधिकारी के पास जाएगी। जहां से डीएम द्वारा फाइनल किया जाएगा। जब कि पहले परीक्षा केन्द्रों के निर्धारण में कमिश्नर द्वारा जांच करने के बाद फाइनल किया जाता था।
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परिषद द्वारा जारी नये नियमों के साथ ही यूपी बोर्ड परीक्षा कराई जाएगी। इस बार पूरी तरह से नकल विहीन परीक्षा होगी। पकड़े जाने पर उक्त परीक्षा केन्द्रों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित होगी।
ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह भदौरिया, जिला विद्यालय निरीक्षक 

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