महराजगंज जिला अस्पताल में नवजातों का इलाज एसएनसीयू की तर्ज पर
जिला अस्पताल में नवजातों को दिल्ली के कलावतीसरन अस्पताल की तरह स्वास्थ्य लाभ मिलेगा। इसके लिए सभी बाल रोग विशेषज्ञ दिल्ली में प्रशिक्षण लेंगे। इसी क्रम में डॉ. आरपी राय को दिल्ली भेजा गया है। उनके...
जिला अस्पताल में नवजातों को दिल्ली के कलावतीसरन अस्पताल की तरह स्वास्थ्य लाभ मिलेगा। इसके लिए सभी बाल रोग विशेषज्ञ दिल्ली में प्रशिक्षण लेंगे। इसी क्रम में डॉ. आरपी राय को दिल्ली भेजा गया है। उनके वहां से लौटने पर दूसरे विशेषज्ञ को भेजा जाएगा। इसके बाद इलाज की बेहतर व्यवस्था हो सकेगी।
जिला अस्पताल के 12 बेड वाले सीक न्यू बार्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) में समय से पहले जन्म लेने वाले व किसी रोग से पीड़ित नवजात को भर्ती कर स्वस्थ किया जाता है। नवजातों को बेहतर स्वास्थ्य लाभ देने के लिए अस्पताल के सभी छह बाल रोग विशेषज्ञों की ड्यूटी लगाई गई है। मात्र दो साल में सैकड़ों नवजातों को इस वार्ड में रखकर स्वस्थ्य किया जा चुका है।
अस्पताल प्रशासन की बेहतर रिपोर्ट पर शासन ने जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड को हाईटेक करने के साथ ही दिल्ली के कलावतीसरन एसएनसीयू अस्पताल की तरह इलाज देने का निर्देश दिया है। इसके लिए अस्पताल के सभी बाल रोग विशेषज्ञों को दिल्ली में 15 दिन का प्रशिक्षण लेना है।
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अस्पताल के ये डॉक्टर लेंगे प्रशिक्षण
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. आरपी राय, डॉ. डीके सिंह, डॉ. रामनवल, डॉ.राजीव रंजन मिश्र, डॉ. रमन, और डॉ. विशाल चौधरी।
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एसएनसीयू में इन बच्चों को मिलता है जीवनदान
ऐसे बच्चे जिनके पैदा होने के बाद बचने की संभावना नहीं रहती उन्हें एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कर स्वस्थ किया जाता है। ऐसे बच्चे जो पैदा होने के बाद नहीं रोते, समय से पहले पैदा होने वाले बच्चे, कम वजन वाले बच्चे ,जन्म के समय से पीलिया होना, सांस लेने में तकलीफ, मां का दूध नहीं पीना, हाथ पैर नीला पड़ जाना, जन्म के तुरंत बाद झटके आना, जन्म लेते ही संक्रमण का शिकार होना, गंदा पानी पी लेना, दिव्यांग बच्चों का भी यहां उपचार किया जाता है।
जिला अस्पताल के सभी बाल रोग विशेषज्ञों को दिल्ली के कलावतीसरन अस्पताल में प्रशिक्षण लेना है। डॉक्टर आरपी राय दिल्ली में प्रशिक्षण ले रहे हैं। एक-एक कर सभी बाल रोग विशेषज्ञों को वहां भेजा जाएगा।
डॉक्टर आरबीराम, सीएमएस