मुम्बई-दिल्ली से आने वाली ट्रेनें पूरी तरह से पैक, यात्रियों की मुश्किलें बढ़ीं
गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता होली को अब महज चार दिन बचे हैं लेकिन ट्रेन में...
गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता
होली को अब महज चार दिन बचे हैं लेकिन ट्रेन में सीट एक भी नहीं है। दिल्ली-मुम्बई और कोलकाता से आने वाली ट्रेनें पूरी तरह से पैक होकर आ रही हैं। सामान्य बोगियों में भी यात्रियों को बैठने की जगह नहीं मिल रही है। स्लीपर कोच में अधिकतर यात्री फर्श पर बैठकर यात्रा कर रहे हैं। वैशाली, सम्पर्कक्रांति ट्रेन इस कदर पैक हो आ रही हैं कि यात्री ट्रेन रुकने पर न तो आसानी से उतर पा रहे हैं और न ही चढ़ पा रहे हैं। एक तरफ जहां ट्रेनें पैक हैं वहीं फ्लाइट का किराया तीन गुना अधिक महंगा है और बसों में भी जगह नहीं मिल पा रही है।
होली पर घर आने वाले यात्रियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। ट्रेन-बस हर जगह मारामारी है। दरभंगा से गोरखपुर होते हुए दिल्ली जाने वाली बिहार सम्पर्कक्रांति हो या फिर सहरसा से आने वाली वैशाली या फिर मुजफ्फरपुर से आने वाली सप्तक्रांति, सभी ट्रेनें ठसाठस पैक आ रही हैं। दो महीने पहले तक जिस गोरखधाम सुपरफास्ट में आसानी से सीट मिल जा रही थी, उसमें इन दिनों 200 से अधिक वेटिंग मिल रही है। कुछ तारीखों में तो गोरखधाम और वैशाली में नो-रूम है।
होली के बाद भी ट्रेनें पूरी तरह पैक
होली के बाद दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई जाने वाली ट्रेनें भी पैक हो गई हैं। किसी भी ट्रेन में वेटिंग 150 से कम नहीं है। ट्रेनों में बढ़ती भीड़ को देख यात्री दूसरे विकल्प भी अपना रहे हैं।
रेलवे जंक्शन गुलजार
ट्रेनों में भीड़ बढ़ने से भले ही सभी यात्रियों को बर्थ न मिल पा रही हो लेकिन दो साल तक कोरोना का दंश झेलने वाला जंक्शन पूरी तरह से गुलजार नजर आ रहा है। हर प्लेटफार्म पर चहल-पहल और यात्रियों की भीड़ दिख रही है। इससे जहां रेलवे की कमाई में 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, वहीं रेलवे के वेंडरों और कुलियों की भी कमाई बढ़ गई है।
