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सोहगीबरवा में बाघों की गिनती मार्डन टूल्‍स से 

सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग में बाघों की गिनती अत्याधुनिक उपकरणों के माध्यम से होगी। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण अभिकरण (एनटीसीए) ने इसके लिए दिशा निर्देश जारी किया है। बाघों की गिनती पर कोई सवाल न उठने पाए,...

सोहगीबरवा में बाघों की गिनती मार्डन टूल्‍स से 
हिन्‍दुस्‍तान टीम ,महराजगंजTue, 23 Jan 2018 10:17 AM
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सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग में बाघों की गिनती अत्याधुनिक उपकरणों के माध्यम से होगी। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण अभिकरण (एनटीसीए) ने इसके लिए दिशा निर्देश जारी किया है। बाघों की गिनती पर कोई सवाल न उठने पाए, इसके लिए उनकी मौजूदगी के ठोस प्रमाण भी एकत्र किए जाएंगे। 

इस बीच जिस कैमरा ट्रैप के जरिए बाघ की गणना की जाएगी वह अपने फोकस के सामने किसी भी प्रकार की हरकत को अपने सेंसर से भांप कर फौरन तस्वीरें खींच लेगा। यह कैमरा बाघों की धारियों का विश्लेषण कर यह बता देगा कि सामने से एक ही बाघ कई बार गुजरा है या फिर कई बाघ। इससे वन विभाग को दस्तावेज तैयार करने में आसानी होगी।

बाघ गणना के लिए एनटीसीए चुनिंदा वन प्रभागों के डीएफओ को प्रशिक्षित करने के बाद अब गणना में शामिल होने वाले सभी वन कर्मियों को भी प्रशिक्षण देगा। इसके लिए समय निर्धारित कर दिया गया है। 29 जनवरी को प्रशिक्षण के बाद बाघों की अप्रत्यक्ष गिनती शुरू की जाएगी। 

इसमें बाघ नहीं दिखेंगे पर उनके पंजे के चिह्न, पेड़ों में नाखून मारने के निशान व मल को एकत्र किया जाएगा। दूसरे चरण में सभी साक्ष्यों के सैंपल भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून की प्रयोगशाला में भेजा जाएगा। पहले दो चरण में बाघों के अप्रत्यक्ष प्रमाण मिलने के बाद तीसरे चरण में उनके रूट की पहचान की जाएगी। चौथे चरण में जंगल में बाघों के रूट पर ही ट्रैप कैमरे लगाए जाएंगे। 
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दस मीटर के फासले पर लगाए जाएंगे ट्रैप कैमरे 
सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग में बाघों की गणना के लिए 50 ट्रैप कैमरों की डिमांड की गई है। बाघों का रूट चिह्नित होने के बाद दो ट्रैप कैमरों को दस-दस मीटर के फासले पर लगाया जाएगा। इसमें से एक कैमरा बाघों की तस्वीर लेगा तो दूसरा बाघों की धारियों का इमेज लेकर उसका विश्लेषण करेगा।
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रेंज फाइंडर की लेजर किरणें बताएंगी बाघ की दूरी  
बाघ गणना में रेंज फाइंडर का भी इस्तेमाल होगा। यह उपकरण वन कर्मियों के पास मौजूद रहेगा। इससे निकलने वाली लेजर किरणें यह बता देंगी कि जंगल का राजा बाघ और तेंदुआ कितनी दूर है। उसके बाद कंपास व जीपीएस से लोकेशन लेकर साफ्टवेयर के जरिए सूचना एनटीसीए को भेजी जाएगी। 
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सेंक्चुरी में बाघ गणना के लिए एनसीटीए के दिशा निर्देश के मुताबिक तैयारी शुरू कर दी गई है। गणना के लिए शासन से 50 ट्रैप कैमरे, 14 रेंज फाइंडर, 14 कंपास, 14 जीपीएस व 39 स्मार्ट फोन की डिमांड की गई है। कर्मियों का प्रशिक्षण पूरा होने के बाद गणना शुरू कर दी जाएगी।  
मनीष सिंह-डीएफओ

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