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महराजगंज में पहुंचा टाइगर, देखिए कैमरे में कैसे हुआ कैद

सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग के उत्तरी चौक रेंज में जोड़े के साथ बाघ आया है। जंगल में उसने चीतल का शिकार किया। फिर घने जंगल में ठहरा भी। इस बीच जंगल में ही पौधरोपण कर रहे चौकीदार ने उसे गुजरते देख फौरन...

महराजगंज में पहुंचा टाइगर, देखिए कैमरे में कैसे हुआ कैद
मनोज त्रिपाठी,महराजगंजWed, 10 Jan 2018 11:51 AM
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सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग के उत्तरी चौक रेंज में जोड़े के साथ बाघ आया है। जंगल में उसने चीतल का शिकार किया। फिर घने जंगल में ठहरा भी। इस बीच जंगल में ही पौधरोपण कर रहे चौकीदार ने उसे गुजरते देख फौरन अफसरों को सूचना दी। डीएफओ मौके पर पहुंचे। बाघ के साथ ही उसके पदचिह्नों को कैमरे में कैद कर वनकर्मियों को अलर्ट किए। घटनाक्रम सात जनवरी का है। 

उत्तरी चौक रेंज का एक चौकीदार जंगल के किनारे पौधे लगा रहा था। इसी दौरान करीब दो सौ मीटर दूर बाघ को सड़क पार करते देखा। चौकीदार ने फौरन उच्चाधिकारियों को सूचना दी। डीएफओ मनीष सिंह मौके पर पहुंचे। जंगल के जिस रास्ते से बाघ गुजरा था। वहां उसके पदचिह्न मिले। कुछ दूरी पर बाघ चीतल का शिकार करते दिखा। मांस खाने के बाद कुछ हिस्सा वहीं छोड़ कर चला गया। इस पूरे घटनाक्रम को डीएफओ ने कैमरे में कैद कर रिपोर्ट आला अधिकारियों को भेज दी। 

बिहार के वाल्मिकीनगर टाइगर रिजर्व से सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग सटा होने से शिवपुर, निचलौल व मधवलिया रेंज में अक्सर बाघ आने की सूचना मिलती है। लेकिन कभी पुख्ता प्रमाण नहीं मिले। इस बीच उत्तरी चौक रेंज में बाघ के दिखाई देने से वन विभाग उत्साहित है।
 
प्रभागीय वनाधिकारी मनीष सिंह बताते हैं कि पिछले एक साल की मेहनत का यह फल है कि चौक रेंज में बाघ  आया है। पूरी कोशिश रहेगी कि उसको ऐसा माहौल मिले जिससे वह इसे अपना टेरेटरी (इलाका) बना सके। 
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बाघों ने भरी हामी अब सरकार की बारी
सोहगीबरवा में बाघ आने को पर्यावरण प्रेमी सुखद संकेत मान रहे हैं। अधिवक्ता विनय कुमार पांडेय का कहना है कि बाघों ने सेंक्चुरी में रहने के लिए हामी भर दी है। अब सरकार की बारी है। सेंक्चुरी में बाघों के संरक्षण के लिए त्वरित उपाय होने चाहिए। हालांकि जंगल के अंदर जब गांव बसेंगे। सड़क बनेगी। पक्का निर्माण होगा। स्वास्थ्य केन्द्र व विद्यालय बनेंगे तो बाघ कैसे रहेंगे। भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून के वैज्ञानिक यह बता चुके हैं कि बाघ व मानव एक साथ नहीं रह सकते।  
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उत्तरी चौक रेंज में बाघ प्रत्यक्ष दिखाई दिया है। वनक्षेत्र में उसके पदचिह्न भी मिले हैं। पूरी कोशिश है कि जंगल में बाघ को पूरी आजादी मिले। इसके लिए विभागीय कर्मियों को अलर्ट कर दिया गया है। उसके मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है। 
मनीष सिंह-डीएफओ

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