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350 साल पुरानी है गोरखपुर की ये जामा मस्जिद

मुगल काल में बनी गोरखनाथ स्थित जामा मस्जिद करीब 350 वर्ष पुरानी है। 60 वर्ष पहले यहां पर नई मस्जिद तामीर कराई गई। पुरानी मस्जिद में अंदर जाने के लिए तीन दरवाजे और एक गुबंद थे। गुंबद पर इरानी चिन्ह...

350 साल पुरानी है गोरखपुर की ये जामा मस्जिद
Center,GorakhpurFri, 02 Jun 2017 07:46 PM
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मुगल काल में बनी गोरखनाथ स्थित जामा मस्जिद करीब 350 वर्ष पुरानी है। 60 वर्ष पहले यहां पर नई मस्जिद तामीर कराई गई। पुरानी मस्जिद में अंदर जाने के लिए तीन दरवाजे और एक गुबंद थे। गुंबद पर इरानी चिन्ह कमल के फुल का निशान था। जिससे यह प्रतित होता था कि यह शाही मस्जिद है। मस्जिद छोटी होने के कारण करीब 1957 में नई मस्जिद तामीर कराई गई। लोगों का कहना है कि पुरानी मस्जिद का गुंबद इतना मजबूत था कि सैकड़ों लोगों ने उसे तोड़ने में 6 से 8 दिन लगा दिए थे। 70 वर्षीय मोहम्मद अहमद कहते हैं कि मुगल काल के समय में बादशाह जब कही घूमने जाते थे तो जहां उनका ठहराव होता था। वहीं पर वो मस्जिद बनवा देते थे। यहां पर भी मुगलों ने मस्जिद बनवाई थी। उस समय मस्जिद में एक साथ 300 से 400 लोग ही नमाज अदा कर पाते थे। संख्या बढ़ी तो पुरानी मस्जिद की जगह नई मस्जिद तामीर कराई गई। नई मस्जिद में 9 दर है और 30-30 फीट की 2 बड़ी मीनारे है। इसकी नक्काशी ऐसी कराई गई है कि चारों तरफ से हवा आ सके। इस समय मस्जिद में आम दिनों में 2500 नमाजी नमाज अदा करते हैं। ईद, बकरीद और अलविदा में 5 से 6 हजार नमाजी नमाज अदा करते हैं।

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