संगोष्ठी: रामायण, महाभारत व कौटिल्य के अर्थशास्त्र में है किन्नरों का वर्णन
रामायण हो या महाराभारत। चाहे कौटिल्य का अर्थशास्त्र हो। किन्नरों का वर्णन हमेशा होता रहा है। समाज को इस मामले मे जागरूक करने की जरूरत है। समाज और देश में किन्नर सराहनीय योगदान दे रहे...
रामायण हो या महाराभारत। चाहे कौटिल्य का अर्थशास्त्र हो। किन्नरों का वर्णन हमेशा होता रहा है। समाज को इस मामले मे जागरूक करने की जरूरत है। समाज और देश में किन्नर सराहनीय योगदान दे रहे हैं।
यह बातें दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के प्रो. अजय कुमार शुक्ल ने कही। प्रो. शुक्ल युवा दर्पण टीम एवं दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के एनएसएस द्वारा संयुक्त रूप से शनिवार को संवाद भवन में आयोजित संगोष्ठी में अपनी बात रख रहे थे। ‘समाज में किन्नरों का स्थान विषय पर आयोजित संगोष्ठी प्रो. शुक्ल ने कहा कि किन्नर भी समाज के अंग हैं। उनकी महत्ता है। समाज में सत्य और न्याय की स्थापना में इनका योगदान रहा है।
इससे पहले युवा दर्पण टीम के संरक्षक पंडित नरेंद्र उपाध्याय ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि किन्नर समुदाय करीब-करीब समाज की मुख्य धारा में जुड़ चुका है। जरूरत है कि इसे लेकर समाज को और जागरू किया जाए। एनएसएस के समन्वयक प्रो. शरद कुमार मिश्र ने कहा कि किन्नरों को सम्मान देना होगा। सभ्य समाज को इसके लिए आगे आना होगा। दर्जा प्राप्त पूर्व राज्यमंत्री डा. केसी पांडेय ने कहा कि महाभारत का युद्ध जीता गया। उसमें किन्नर का योगदान रहा। इस दौरान डॉ.संजयन त्रिपाठी, डा. रूप कुमार बनर्जी, राकेश उपाध्याय, मनोज कुमार मिहिर, राकेश श्रीवास्तव, डा. अमृता जयपुरियार ने भी अपनी-अपनी बात रखी।
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इन्हें किया गया सम्मानित
युवा दर्पण टीम और डीडीयू के एनएसएस द्वारा आयोजित संगोष्ठी के बाद किन्नर किरन, शिल्पा, नंदिनी, नैना आदि को सम्मानित किया गया।
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नरेंद्र उपाध्याय ने जताया आभार
युवा दर्पण टीम के संरक्षक पंडित नरेंद्र उपाध्याय ने कार्यक्रम कर संचालन किया। साथ ही उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित प्रबुद्धजनों, सहयोगियों का आभार ज्ञापित किया।