एनजीटी में सुनवाई को लेकर लखनऊ में हुआ मंथन
एनजीटी की ओर से गठित ईस्टर्न यूपी रीवर्स एंड वाटर रिजर्वायर मॉनिटरिंग कमेटी के चेयरमैन जस्टिस एसके सिंह ने बुधवार को लखनऊ में जीडीए सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल...
एनजीटी की ओर से गठित ईस्टर्न यूपी रीवर्स एंड वाटर रिजर्वायर मॉनिटरिंग कमेटी के चेयरमैन जस्टिस एसके सिंह ने बुधवार को लखनऊ में जीडीए सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में दाखिल की जाने वाली एक्शन टेकेन रिपोर्ट को लेकर उनकी तैयारियों पर मंथन हुआ। 10 फरवरी को एनजीटी दिल्ली में रामगढ़ताल वेटलैंड सहित कई मामलों में सुनवाई होनी है।
लखनऊ में आयोजित बैठक में जीडीए की ओर से सचिव रामसिंह गौतम शामिल हुए। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण ने पहले ही एक्शन टेकेन रिपोर्ट दाखिल कर दिया है। इस रिपोर्ट में जल निगम एवं वन विभाग की रिपोर्ट को भी समाहित किया गया है। बैठक में गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण का कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ। एनजीटी ने 10 फरवरी को होने वाली सुनवाई में रिपोर्ट दाखिल करने के लिए सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव को नोडल अधिकारी बनाया था।
प्रमुख सचिव को सभी संबंधित विभागों से रिपोर्ट लेकर उसे एनजीटी में दाखिल करना था। बैठक में इस विभाग से विशेष सचिव पहुंचे। जिन विभागों ने रिपोर्ट नहीं दी थी, उन्हें आज ही सौंपने को कहा गया है। जीडीए की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट में लोहिया एन्क्लेव के आवंटियों को कब्जा दिलाने की अपील की गई है। जीडीए ने रामगढ़ताल के 50 मीटर दायरे में कुछ न करने की बात भी कही है। 500 मीटर दायरे में करीब 10 हजार निर्माण आ रहे हैं जिनमें से पांच हजार जीडीए की योजनाओं से संबंधित हैं। अब सबकी नजरें 10 फरवरी को एनजीटी के फैसले पर टिकी हैं।