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इम्युनिटी के लिए ड्राईफ्रूट की खूब हो रही है खरीदारी

गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता

इम्युनिटी के लिए ड्राईफ्रूट की खूब हो रही है खरीदारी
हिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरMon, 29 Jun 2020 02:00 AM
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गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाताकोरोना संक्रमण से बचाव के लिए शरीर की इम्युनिटी बढ़ाना ही सबसे अहम हथियार साबित हो रहा है। इसके लिए ड्राईफ्रूट और गरम मसालों पर लोगों की निर्भरता बढ़ी है। ऐसे में ड्राईफ्रूट और मसाले का कारोबार में काफी इजाफा दिख रहा है। मांग के हिसाब से हो रही आपूर्ति का नतीजा है कि काजू, बादाम, खजूर, अंजीर की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। इसी तरह मसालों की भी मांग काफी बढ़ गई है।कोरोना वायरस से निपटने के लिए अभी तक कोई वैक्सीन या कारगार दवा नहीं होने से लोग रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले ड्राईफ्रूट और मसाला का नियमित इस्तेमाल कर रहे हैं। लॉकडाउन में इनकी कीमतों में इजाफा हुआ था, लेकिन आपूर्ति सामान्य होने से अब कीमतें स्थिर हो गई हैं। वैसे तो किशमिश, काजू, बादाम, ताल मखाना की डिमांड है ही, लेकिन विशेष मांग अंजीर और खजूर की है। खूनीपुर में ड्राईफ्रूट के कारोबारी उमादत्त गुप्ता का कहना है कि ‘गोरखपुर से सीमावर्ती बिहार के साथ ही नेपाल को भी ड्राईफ्रूट का आपूर्ति होती है। वर्तमान में काजू टुकड़ा को छोड़कर सभी ड्राईफ्रूट की अच्छी डिमांड है। वहीं कारोबारी सोमू निगम का कहना है कि ‘ड्राईफ्रूट दक्षिण के राज्यों से सर्वाधिक आता है। सप्लाई तो सामान्य हुई है लेकिन माल भाड़े में इजाफे का असर इनकी कीमतों पर दिखने लगा है। प्रति किलो 5 से 10 रुपये का अंतर दिखने लगा है। शहर के प्रमुख ड्राईफ्रूट कारोबारी अनिल जायसवाल का कहना है कि ‘इम्युनिटी को लेकर लोग अंजीर और खजूर की खूब खरीदारी कर रहे हैं। लॉकडाउन से पहले ड्राईफ्रूट का महीने का कारोबार 8 से 10 करोड़ रुपये का था, इसमें करीब 10 फीसदी का इजाफा हुआ है। मिठाई की कम खपत का पड़ाअसर : मिठाई की कम खपत का असर ड्राईफ्रूट पर पड़ा है लेकिन कुल बिक्री पर असर नहीं दिख रहा है। काजू कतली बर्फी में प्रयोग होने वाला काजू टुकड़ा की मांग न के बराबर है। जिनके पास स्टाक बचा हुआ था उन्हें काफी नुकसान हो रहा है। कारोबारी उमादत्त गुप्ता ने बताया कि ‘लॉकडाउन में पहले काजू टुकड़ा 560 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा था। वर्तमान में इसकी कीमत गिरकर 460 रुपये पहुंच गई है। कई कारोबारियों को काजू टुकड़ा कोल्ड स्टोरेज में रखना पड़ रहा है। इसके एवज में उन्हें 25 से 30 रुपये प्रति गत्ता किराया देना पड़ रहा है।जड़ी-बूटियों की भी खूब बढ़ी मांगकोरोना से बचाव को लेकर जड़ी बूटियों की मांग का असर इनके दाम पर दिख रहा है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए तैयार हो रही काढ़ा को लेकर गिलोय, अश्वगंधा, मुलेठी, तुलसी और अन्य जड़ी बूटियों की मांग इन दिनों सर्वाधिक है। दालचीनी, अजवाइन, चिरायता, सोंठ, काली मिर्च, बड़ी इलायची के दाम में भी दस से बीस फीसदी की वृद्धि हुई है। मसालों के थोक विक्रेता सोमू निगम का कहना है कि ‘मसालों और जड़ी बूटियों की कीमतों 10 से 20 फीसदी का इजाफा हुआ है।ड्राईफ्रूट के दाम (किलो में रेट)बादाम 550-650 मखाना 750-800काजू 570-900किसमिस 150-250 अखरोट 480-1300किसमिस कंधार 220-450अंजीर 650-1200 खजूर 120-800 जड़ी बूटी/मसाला वर्तमान रेटअश्वगंधा 500-600 तुलसी 600-800 मुलेठी 250-300सोंठ 550-600आंवला 360-400दालचीनी 350-400नोट-सभी कीमतें रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से हैं।

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