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फिर बढ़ने लगी जेलों में बदमाशों की संख्या, सख्ती से मची खलबली

गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता योगी राज में पुलिस का शिंकजा बढ़ने पर माफिया जेल...

फिर बढ़ने लगी जेलों में बदमाशों की संख्या, सख्ती से मची खलबली
हिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरMon, 02 Aug 2021 04:12 AM
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गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता

योगी राज में पुलिस का शिंकजा बढ़ने पर माफिया जेल पहुंच गए हैं या तो भूमिगत हो गए हैं या फिर उन्होंने शहर या प्रदेश छोड़ दिया है। जेलों में बढ़ती बदमाशों की संख्या इस ओर इशारा भी कर रही है। मुख्यमंत्री के गृह जिले गोरखपुर में वर्तमान समय 2170 के करीब बंदियों की संख्या जेल में पहुंच गई है। यह हाल तब है जब कोरोना की वजह से पैरोल और अंतरिम जमानत पर भी बंदियों को छोड़ा गया है।

कमोबेश यही स्थिति अन्य जेलों की भी है। गोरखपुर-बस्ती मण्डल के सभी जेल गुण्डों-बदमाशों से फुल हो गई है। यहां न सिर्फ बदमाशों की संख्या बढ़ी है बल्कि पिछले साल जुलाई महीने की अपेक्षा भी इसमें काफी बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल बदमाशों की संख्या काफी घट गई थी। पर अब हाल यह है कि अपनी क्षमता से दो गुनी से ज्यादा बंदी जेल में होने की वजह से जेल के अधिकारियों को भी व्यवस्था दुरुस्त रखने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है।

पिछले दो तीन महीने में माफिया सुधीर सिंह, प्रदीप सिंह, शूटर सन्नी सिंह सहित 25 से ज्यादा बदमाशों के जेल जाने के बाद माफियाओं और गुण्डों में खौफ का माहौल और पनपा है। वहीं पुलिस ने बीते चार महीने में दर्जन भर लुटेरों के पैर में गोली मारकर उन्हें जेल पहुंचाया है। पुलिस मुठभेड़ में जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली इनके पैर में लगी थी।

इन सब वजहों से आलम यह है कि जिले के करीब कई माफिया पुलिस की डर से इन दिनों भूमिगत हो गए हैं। कुछ ने बिहार तो कुछ ने नेपाल की राह पकड़ ली है। पुलिस इनमें से छह की जोर-शोर से तलाश कर रही है। वे मोबाइल का भी इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। वहीं जिनका अभी नम्बर नहीं आया है वह भूमिगत तो हो ही गए हैं। एडीजी लगातार इन माफियाओं की फाइल देख रहे हैं और उन्हें दबोचने का टार्गेट सौंप रहे हैं।

गोरखपुर जेल

जुलाई 2021 में 2170 बंदी

जुलाई 2020 में 1684 बंदी

जुलाई 2019 में 2043 बंदी

जुलाई 2018 में 1940 बंदी

जुलाई 2017 में 1735 बंदी

जुलाई 2016 में 1506 बंदी

बोले जेलर

वर्तमान समय में जेल में सबसे ज्यादा बंदियों की संख्या है। यह अब तक की सर्वाधिक संख्या हैं। रोजाना जेल में अच्छी-खासी संख्या में बंदियों की आमद हो रही है। हालांकि पहले की पहले की अपेक्षा जेल की क्षमता भी बढ़ गई है। अस्थाई जेल की वजह से भी मदद मिल रही है कोई दिक्कत नहीं आ रही है।

- प्रेम सागर शुक्ला, जेलर

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