इन बेबसों को पहले हालात और अब अफवाहों ने मारा
अफवाहों को पंख क्या लगे, मंदबुद्धि लोगों की शामत आ गई। पहले नसीब ने दिमागी हालत बिगाड़ दी। दर-दर भटकाया, भूख-प्यास ने बिलबिलाया और अब सोशल मीडिया पर फैल रही बच्चा चोरी की अफवाहों ने कहर बरपा दिया।...
अफवाहों को पंख क्या लगे, मंदबुद्धि लोगों की शामत आ गई। पहले नसीब ने दिमागी हालत बिगाड़ दी। दर-दर भटकाया, भूख-प्यास ने बिलबिलाया और अब सोशल मीडिया पर फैल रही बच्चा चोरी की अफवाहों ने कहर बरपा दिया। पहले लोग पागल समझकर दुत्कारते थे और अब बच्चा चोर समझकर पीट रहे हैं। नसीब की मार ऐसे पड़ रही है कि हर बार उन्हें रोना आ रहा है...। इनके आंसुओं को पोछने वाला कोई अपना भी नजर नहीं आ रहा।
यह पीड़ा उन लोगों की है जिन्हें बीते दिनों ग्रामीणों ने अफवाहों के चक्कर में पीट दिया। इनमें महिलाओं की संख्या ज्यादा है। बच्चा चोर की काल्पनिक घटनाएं सोशल मीडिया पर इस तरह वायरल होने लगीं जैसे घटना सच्ची हो। संदेश बनाने वाला या फारवर्ड करने वाला ऐसी चाशनी लगाकर उसे पेश कर रहा हैं जैसे बच्चा चोरी की ये घटनाएं उनके सामने ही हुई हो। फिर शुरू हो रहा है...फारवर्ड...फारवर्ड का खेल। पुलिस अपील कर रही है, शहर-ग्रामीण हर जगह मुनादी करवा रही है पर ये वारदातें रुकने का नाम नहीं ले रही हैं।
रो रहे हैं अपने नसीब पर : जिले में ऐसी सात वारदातें हो चुकी हैं जिनमें मंदबुद्धि व विक्षिप्त दिखने के बावजूद लोग महज बच्चा चोर की अफवाह पर पीटने लगे। यह आलम तब है जब अभी तक जिले के बच्चा चोरी की कोई सही वारदात सामने नहीं आई है। कुछ लोगों को तो इस कदर पीटा गया कि वे अस्पताल में भर्ती हैं।
मातृ-छाया आश्रम में पहुंचाई गईं शिकार महिलाएं : अफवाहों की शिकार कई मनोरोगी महिलाओं को मातृ-छाया आश्रम में पहुंचाया गया। ये महिलाएं अपने नाम से ज्यादा कुछ भी नहीं बता पा रही हैं। कुछ की भाषा ही समझ में नहीं आ रही है। संस्था से जुड़े लोग इनका इलाज कर रहे हैं। उम्मीद है कि इलाज व काउंसलिंग के बाद शायद वह सही जानकारी दें। संचालक आजाद पाण्डेय बताते हैं ऐसी महिलाओं की जानकारी मिलते ही उनकी टीम उन्हें तत्काल अपने यहां लेकर आ रही है। वह लोगों से अपील भी कर रहे हैं कि इन बेबस महिलाओं को पीटा न जाए बल्कि संस्था को सूचना दी जाए।
मानसिक रूप में बीमार नौ महिलाएं हुई शिकार
पिछले दस दिन में एक दर्जन से ज्यादा महिलाएं और पुरुष बच्चा चोरी के अफवाह में भीड़ का शिकार बनीं। इसमें से नौ मानसिक रूप में बीमार हैं। इनमें तीन महिलाएं मातृ-छाया आश्रम में हैं जबकि तीन का जिला अस्पताल और दो का मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। एक को आशा ज्योति केन्द्र में रखा गया है। इसके अलावा कैम्पियरगंज, झंगहा, चौरीचौरा, पीपीगंज और गोरखनाथ में भी महिलाओं को बच्चा चावेर समझकर लोगों ने पीट दिया।
प्रधान ने दिखाई संवेदनशीलता, डीएम को लिखा पत्र
कैम्पियरगंज के भौराबारी गांव की प्रधान इंद्रावती देवी ने संवेदनशीलता दिखाते हुए डीएम को पत्र लिखकर अपने गांव के साथ ही आसपास के गांव में घूम रहे मानसिक बीमार व्यक्ति को अफवाहों से बचाने की अपील की है। प्रधान ने बताया है कि दीना नाम का एक व्यक्ति मंदबुद्धि का है। वह मेरे गांव के अलावा अन्य गांवों में भी घूमता है। कहीं वह बच्चा चोरी के अफवाहों का शिकार न बन जाए, ग्राम पंचायत इसको लेकर चिंतित है। प्रधान ने अनुरोध किया है कि इस मानसिक बीमार को अपने आश्रय गृह में रखवाकर इलाज कराएं।
बोले एसएसपी
बच्चा चोरी के अफवाह में किसी को पीटना कानूनी अपराध है। सभी थानेदारों से कहा गया है कि ऐसे किसी भी मामले में तुरंत एफआईआर दर्ज कर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करें। अफवाहों को लेकर लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है।
डॉ. सुनील गुप्ता, एसएसपी