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पहले कमरे में ही किया इलाज फिर मिटा दिए सबूत !

बीआरडी मेडिकल कालेज में रेजीडेंट डॉक्टर की रहस्यमय मौत से पर्दा अब तक नहीं उठ सका है। खबर है कि हॉस्टल की छात्राओं ने कमरे में ही डॉ. आरती का इलाज किया। उसे ड्रिप भी चढ़ाई गई। कुछ दवाएं इंजेक्शन के...

पहले कमरे में ही किया इलाज फिर मिटा दिए सबूत !
कार्यालय संवाददाता, गोरखपुरSun, 03 Dec 2017 09:31 PM
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बीआरडी मेडिकल कालेज में रेजीडेंट डॉक्टर की रहस्यमय मौत से पर्दा अब तक नहीं उठ सका है। खबर है कि हॉस्टल की छात्राओं ने कमरे में ही डॉ. आरती का इलाज किया। उसे ड्रिप भी चढ़ाई गई। कुछ दवाएं इंजेक्शन के जरिए दी गई। हालांकि पुलिस को जांच में क्राइम सीन पर इलाज करने का कोई सबूत नहीं मिला।

डॉ. आरती की रहस्यमय मौत का मामला
हॉस्टल में साथियों ने ही पहले किया था इलाज
पुलिस के पहुंचने से पहले कमरे से हटा दिए थे इलाज के सबूत

सनसनी: BRD मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में मिली डॉक्टर की लाश

बीआरडी मेडिकल कालेज के गायनी विभाग की सीनियर रेजीडेंट डॉ. आरती झा इंदिरा हॉस्टल के कमरा नंबर 35 में रहती थी। वह शुक्रवार की देर रात अपने कमरे में अचेत मिली थी। पास के कमरे में रहने वाली सीनियर रेजीडेंट जब उससे मिलने पहुंची तब घटना की जानकारी हुई। बताया जाता है कि इंदिरा हॉस्टल में रहने वाली जूनियर डॉक्टरों ने कमरे में ही डॉ. आरती का इलाज शुरू कर दिया। उसे ड्रिप लगाई गई। जूनियर डॉक्टरों को कमरे में मरीजों को बेहोश करने वाली एक दवा मिली। जिसके बाद जूनियर डॉक्टरों का माथा ठनका। आनन-फानन में एनेस्थिसिया के रेजीडेंट को बुलाया गया। एक एंटी डोज भी लगाया गया। फिर भी जब डॉ. आरती को होश नहीं आया तो मेडिसिन वार्ड ले उन्हें जाया गया।

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पुलिस को नहीं मिले इलाज के सबूत
खबर है कि डॉ. आरती की मौत के बाद इलाज करने वाले जूनियर डॉक्टर सकते में आ गए। आनन-फानन में कमरे से इलाज के सबूतों को हटाने का फैसला किया गया। गायनी विभाग की रेजीडेंटों ने कमरे से इलाज के सभी उपकरण व दवाएं हटा दी। यहां तक कि जूनियर डॉक्टरों ने मरीज को बेहोश करने वाली दवा को भी हटा दिया। पुलिस को छात्रा के कमरे में सिर्फ एक सीरिंज ही मिली। 

‘‘कमरे में रेजीडेंट के इलाज करने की जानकारी मुझे नहीं है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। इस पर ज्यादा कुछ कहना उचित नहीं है।’’
डॉ. राकेश सक्सेना,प्रवक्ता, बीआरडी मेडिकल कालेज

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हॉस्टल के बाहर पसरा है सन्नाटा
बीआरडी में सीनियर रेजीडेंट की मौत के बाद से जूनियर डॉक्टर सकते में आ गए हैं। इंदिरा हॉस्टल में मातम सा माहौल है। रविवार को हॉस्टल में सन्नाटा पसरा रहा। ज्यादातर जूनियर डॉक्टर हॉस्टल के कमरों में ही रहीं। सिर्फ वहीं रेजीडेंट बाहर निकले जिनकी वार्ड में ड्यूटी थी। रेजीडेंट का मनोबल बढ़ाने के लिए गायनी विभाग के शिक्षक हॉस्टल में समय-समय पर राउंड लगा रहे हैं।

आज दी जा सकती है श्रद्धांजलि
डॉ. आरती की मौत के सदमें से बीआरडी के छात्र उबर नहीं सके हैं। रविवार को छात्र व जूनियर डॉक्टर सकते में रहे। रविवार को छात्रों ने श्रद्धांजलि सभा भी नहीं की। खबर है कि सोमवार को जूनियर डॉक्टर श्रद्धांजलि सभा कर सकते हैं। इस पर फैसला सोमवार को बैठक कर जूनियर डॉक्टर ले सकते हैं। उधर इस घटना के बाद डॉ. आरती के पैतृक आवास पर जाने के लिए भी जूनियर डॉक्टर उहापोह में रहे। इसको लेकर रविवार को कोई फैसला नहीं हो सका। 

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