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गोरखनाथ मंदिर में जुटेंगे सिद्ध संत, विद्वान एवं राजनेता, जनिए क्यों

ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की 125वीं जयंती एवं 50वीं पुण्यतिथि और महंत अवेद्यनाथ की 100वीं जयंती एवं  5वीं पुण्यतिथि पर 7 दिवसीय भव्य समारोह 12 सितंबर से शुरू होगा। गोरखनाथ मंदिर के ब्रह्मलीन...

गोरखनाथ मंदिर में जुटेंगे सिद्ध संत, विद्वान एवं राजनेता, जनिए क्यों
 गोरखपुर मुख्य संवाददाता, गोरखपुरSun, 08 Sep 2019 04:00 PM
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ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की 125वीं जयंती एवं 50वीं पुण्यतिथि और महंत अवेद्यनाथ की 100वीं जयंती एवं  5वीं पुण्यतिथि पर 7 दिवसीय भव्य समारोह 12 सितंबर से शुरू होगा। गोरखनाथ मंदिर के ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम के उदघाटन एवं समापन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल होंगे। समापन समारोह में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती भी शामिल होंगी। 

आयोजन
- 12 सितंबर से शुरू होगा 7 दिवसीय ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ का जन्मतिथि-पुण्यतिथि समारोह
- उद्घाटन और समापन कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे सीएम योगी आदित्यनाथ         
- समापन केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती भी रहेगी उपस्थित

गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमल नाथ ने बताया कि 12 से 16 सितंबर के बीच संगोष्ठी आयोजित की जाएगी। 16 सितंबर को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत भी शामिल होंगे। संगोष्ठी में  मुख्य अतिथि के तौर पर संतों और मुख्य वक्ता के तौर पर राष्ट्रीय स्तर के विद्वान आमंत्रित हैं। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. सतीश चंद्र मित्तल, उत्तर प्रदेश गो-सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रो. श्याम नंदन मुख्य वक्ता के रूप में आएंगे। वहीं स्वामी डॉ. श्यामदास, महंत सुरेश दास, महंत शेरनाथ, महंत राममिलन दास, नारायण गिरि, नरहरिनाथ, स्वामी गोपाल, डॉ. रामविलास वेदांती, स्वामी विद्या चैतन्य, महंत बालकनाथ, महंत शिवनाथ, महंत सुरेंद्र नाथ अतिथि के रुप में शामिल होंगे। 17 सितंबर को ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की श्रद्धांजलि सभा में मुख्य वक्ता पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती और जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेवाचार्य मुख्य अतिथि होंगे। 18  सितंबर को महंत अवेद्यनाथ की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा मुख्य वक्ता केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान एवं महंत नृत्यगोपाल दास मुख्य अतिथि होंगे। 

तिथिवार आयोजन का प्रारूप
 
   तिथि                        संगोष्ठी का विषय                   मुख्य अतिथि              मुख्य वक्ता              स्थानीय वक्ता 
12 सिंतबर           राष्ट्रीय पुनर्जागरण या व संत समाज      स्वामी डा. श्यामदास       प्रो. सतीश चंद्र          प्रो. रामअचल सिंह
13 सितंबर           सांस्कृतिक राष्ट्रवाद व संस्कृत            महंत सुरेश दास           हृदय नारायण दीक्षित    प्रो. एमएम पाठक 
                                                                     महंत शेरनाथ 
                                                                    महंत : राममिलन दास
14 सितंबर          सामाजिक समरसता और संत समाज      महंत नारायण गिरि           बसव राज पाटिल       प्रो. आइएस विश्वकर्मा
                                                                    महंत नरहरि नाथ                  
15 सितंबर          सनातन संस्कृति में गो-सेवा का महत्व    स्वामी गोपाल                प्रो. श्याम नंदन       अतुल सिंह व प्रहलाद ब्रह्मचारी 
16 सितंबर                  जल है तो कल है                   स्वामी विद्या चैतन्य          गजेंद्र शेखावत            प्रो. गोविंद पांडेय 
                                                                     महंत बालक नाथ 
17 सितंबर         महंत दिग्विजयनाथ : श्रद्धांजलि सभा      स्वामी रामानुजाचार्य         साध्वी उमा भारती             ------
                                                                   स्वामी वासुदेवाचार्य        
18 सितंबर         महंत अवेद्यनाथ : श्रद्धांजलि सभा         महंत नृत्यगोपाल दास         धर्मेंद्र प्रधान                  -----
                                                                    महंत शिवनाथ
                                                                   महंत सुरेद्र नाथ        

11 से 17 सितंबर के बीच होगी श्रीमद्भागवत कथा
पुण्यतिथि समारोह के दौरान गोरखनाथ मंदिर परिसर में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन भी किया जाएगा। कथा का आयोजन मुख्य समारोह से एक दिन पूर्व यानी 11 सितंबर से शुरू होकर समापन समारोह से एक दिन पहले यानी 17 सितंबर तक होगा। व्यासपीठ पर कथा वाचक के रूप में अयोध्या के स्वामी राघवाचार्य विराजमान होंगे। कथा की शुरुआत 11 सितंबर को शाम 2:30 बजे महापुराण की कथा शोभायात्रा के साथ होगी। कथा शाम तीन से छह बजे के बीच सुनाई जाएगी। 18 सितंबर को हवन व भंडारे का आयोजन किया गया है।

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