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नीली होगी कुलियों को वर्दी, कहलाएंगे यात्री सहायक

स्टेशनों पर दिखने वाले कुली जल्द ही नए यूनिफार्म में नजर आएंगे। कुलियों की वर्दी लाल की जगह नीली तो होगी साथ ही इन्हें यात्री सहायक के नाम से जाना जाएगा। जी हां, ऐसा पहली बार होगा जब रेलवे में...

प्रतीकात्मक तस्वीर
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भागलपुर से आम की खेप ट्रेन में रखते कुली, ये आम राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेजा गया।
2/ 2भागलपुर से आम की खेप ट्रेन में रखते कुली, ये आम राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेजा गया।
आशीष श्रीवास्तव ,गोरखपुर Fri, 26 Jan 2018 09:05 AM
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स्टेशनों पर दिखने वाले कुली जल्द ही नए यूनिफार्म में नजर आएंगे। कुलियों की वर्दी लाल की जगह नीली तो होगी साथ ही इन्हें यात्री सहायक के नाम से जाना जाएगा। जी हां, ऐसा पहली बार होगा जब रेलवे में कुलियों के यूनिफार्म का रंग बदलने जा रहा है। 

बदलाव
रेलवे की स्थापना के बाद से पहली बार बदलेगा कुलियों के यूनीफार्म का रंग
नया नाम मिलने के साथ ही मिलेगी ट्रॉली 
पहले चरण में सिर्फ चुंनिदा स्टेशनों लागू होगी व्यवस्था
कंधे और सिर पर नहीं उठाना होगा बोझ
ड्रेस बदलने के साथ ही लाल वर्दी में नजर नहीं आएंगे कुली

   रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी के अनुसार भारतीय रेल के कुछ चुनिंदा रेलवे स्टेशन पर पहले यह व्यवस्था की जाएगी। इसमें पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ, वाराणसी और गोरखपुर जंक्शन शामिल हैं। 
इसके साथ ही कुलियों को राहत देते हुए इन्हें ट्रॉली दिए जाने का प्रावधान है। इसके मिल जाने से कुलियों को सिर और कंधे पर बोझ उठाने की जरूरत नहीं होगी। ट्राली पर आसानी से सामान ले जा और ला सकेंगे। इन सब के साथ ही सबसे महत्वपूर्ण बदलाव इनके पदनाम को लेकर होगा। इन्हें यात्री सहायक का दर्जा दिया जाएगा। इसके बाद से कुली गोरखपुर, लखनऊ और वाराणसी स्टेशनों पर कुली नहीं बल्कि सहायक के नाम से बुलाए जाएंगे। 

रेलवे की कमाई का जरिया भी बनेंगे कुली
सूत्रों के अनुसार कुली की वर्दी में बदलाव होते ही रेलवे के भी अच्छे दिन शुरू हो जाएंगे। कुलियों की यूनिफार्म से रेलवे करोड़ों की कमाई भी करेगा। कुलियों की यूनिफार्म ऐसे तैयार की जाएगी जिस पर अलग-अलग कंपनियों के विज्ञापन होंगे। यूनिफार्म पर कंपनियों के नाम छापने के बदले रेलवे उनसे पैसे वसूल करेगा। 

ट्रॉली पर होगा सामान
ट्रॉली मिल जाने से कुली सामान सिर या कंधे पर बांधने के बजाय एयरपोर्ट पर मिलने वाली ट्रॉली से ले जाएंगे। इससे कुली भारी भरकम सामान की ढुलाई करने से बच सकेंगे।

बोर्ड ने मांगी कुलियों की सूची
बोर्ड ने इस व्यवस्था को लागू करने के लिए कुलियों की सूची मांगी है। 
कुलियों की संख्या
गोरखपुर-137
लखनऊ-65
वाराणसी-170

सवा सौ पुराना रिश्ता है रेलवे और कुली का
भारतीय रेल और कुलियों का सम्बंध 125 साल पुराना है। तब से लेकर कुली पीढ़ी दर पीढ़ी इस काम को करते आ रहे हैं।
कुलियों की पोशाक
कुली नीली और लाल ड्रेस पहनता है साथ ही बाए हाथ की बाजू पर  एक ब्रास का बिल्ला भी बाँधे रहता है। यही बिल्ला कुली की पहचान होती है। 

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