आयुष्मान योजना की लाभार्थी ने अस्पताल को चुकाए 25 हजार
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में फर्जीवाड़े की कीमत लाभार्थियों को चुकानी पड़ रही है। खजनी की रहने वाली प्रीति लाभार्थी होने के बावजूद योजना का लाभ नहीं पा सकी। प्रीति के प्रसव के बाद...
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में फर्जीवाड़े की कीमत लाभार्थियों को चुकानी पड़ रही है। खजनी की रहने वाली प्रीति लाभार्थी होने के बावजूद योजना का लाभ नहीं पा सकी। प्रीति के प्रसव के बाद सोमवार को परिवारीजनों को अस्पताल को 25 हजार रुपये का बिल चुकाना पड़ा। उधर, प्रीति के पिता की शिकायत पर हो रही फर्जीवाड़े की जांच किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है।
प्रीति के लिए प्रधानमंत्री का आयुष्मान लाभार्थी पत्र महज कोरा कागज बनकर रह गया। प्रीति का नाम आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की सूची में है। प्रीति के साथ ही उसके पिता सूर्यनारायण और माता विमला देवी के नाम भी इस सूची में हैं। करीब छह महीने पहले तीनों को प्रधानमंत्री द्वारा भेजा गया शुभकामना पत्र भी मिला था। करीब 10 दिन पहले पता चला कि गर्भवती प्रीति का गोल्डन कार्ड लखनऊ में फर्जीवाड़ा कर किसी और ने बनवा लिया है। इसकी शिकायत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जांच शुरू कराई है।
अस्पताल ने नहीं माना लाभार्थी
प्रसव पीड़ा होने पर तीन दिन पहले प्रीति को महानगर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल प्रशासन ने गोल्डन कार्ड न होने पर प्रीति को आयुष्मान योजना का लाभार्थी मानने से इनकार कर दिया। प्रीति की सेहत को देखते हुए परिवारीजनों ने निजी अस्पताल में ही प्रसव कराने का फैसला किया। प्रीति ने बेटे को जन्म दिया। सोमवार को प्रीति डिस्चार्ज हुई तो अस्पताल प्रशासन ने 25 हजार रुपये का बिल थमा दिया। परिवारीजनों ने जैसे-तैसे रकम चुकाई।
बेटे का नाम नहीं शामिल होगा सूची में
गोल्डन कार्ड में फर्जीवाड़े के कारण प्रीति के नवजात का मामला भी फंस गया। सामान्यत: आयुष्मान योजना के लाभार्थी की संतान का नाम जन्म के बाद ही सूची में जुड़ जाता है। इस योजना में प्रीति को लाभ नहीं मिला नहीं ऐसे में बेटे का नाम भी योजना के लाभार्थियों की सूची में दर्ज नहीं हुआ।
वर्जन
प्रीति का मामला पेचीदा है। इस मामले की जांच राज्य स्तर से हो रही है। इसमें समय लगेगा। जांच के बाद रकम के रिफंड होने और नवजात के नाम को दर्ज करने पर फैसला होगा।
डॉ. एनके पाण्डेय, नोडल अधिकारी