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18 को जंक्शन पर एक साथ उमड़ेगी टीईटी परीक्षार्थियों और छठ की भीड़

छठ के बाद दिल्ली-मुम्बई वापस लौटने वाले यात्रियों की भीड़ और 18 नवम्बर को आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में बाहर से आने वाले करीब 20 हजार परीक्षार्थियों को लेकर रेलवे की सुरक्षा एजेंसियां खासा...

18 को जंक्शन पर एक साथ उमड़ेगी टीईटी परीक्षार्थियों और छठ की भीड़
हिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरThu, 15 Nov 2018 09:07 PM
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छठ के बाद दिल्ली-मुम्बई वापस लौटने वाले यात्रियों की भीड़ और 18 नवम्बर को आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में बाहर से आने वाले करीब 20 हजार परीक्षार्थियों को लेकर रेलवे की सुरक्षा एजेंसियां खासा बेचैन हैं। इसी का नतीजा है कि बुधवार को आरपीएफ-जीआरपी और स्टेशन प्रबंधन के बीच लम्बी बैठक चली। बैठक में भीड़ से निपटने को लेकर काफी देर तक मंथन चला। बैठक के दौरान दोनों सुरक्षा एजेंसियों ने दो ट्रेनें वाराणसी और दो लखनऊ के लिए मांगी हैं।

एसपी जीआरपी पुष्पांजलि ने बताया कि अभी दो सप्ताह तक छठ की जबरदस्त भीड़ रहेगी। ऊपर से 18 नवम्बर को आयोजित परीक्षा में बाहर से करीब 20 हजार परीक्षार्थी आ रहे हैं। ऐसे में अचानक से सभी प्लेटफार्मों पर काफी भीड़ बढ़ जाएगी। इसी भीड़ से बचने के लिए अतिरिक्त फोर्स के साथ ही अतिरिक्त ट्रेन की भी जरूरत होगी। इसी भीड़ को देखते हुए पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य परिचालन प्रबंधक को पत्र लिखकर 18 नवम्बर को लखनऊ, छपरा और वाराणसी के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए कहा गया है।

इसके साथ ही सर्कुलेटिंग एरिया में मोबाइल टिकट काउंटर और अतिरिक्त उदघोषणा कराए जाने के लिए कहा गया है। वहीं सर्कुलेटिंग एरिया में फायर टैंकर खड़े किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि 18 नवम्बर को होने वाली भीड़ को देखते हुए 17 नवम्बर तक लगातार तैयारी चलती रहेगी। पड़ोसी जिलों के थानों से फोर्स की मांग की गई है।

...तो संख्या पहुंच जाएगी एक लाख के पार

गोरखपुर जंक्शन पर आम दिनों में औसतन 50 से 55 हजार की भीड़ होती है। ऐसे में छठ के बाद वापस जाने वालों और टीईटी परीक्षा देकर वापस लौटने वालों भीड़ इसमें मिलकर एक लाख के पार हो जाएगी। इतनी संख्या में भीड़ से निपटना रेलवे प्रबंधन के साथ सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती है।

स्पेशल ट्रेनें नहीं चली तो आरक्षित बोगियों के यात्रियों की होगी आफत

अगर लखनऊ और वाराणसी के लिए स्पेशल ट्रेनें नहीं चलाई गईं तो परीक्षा देकर वापस लौटने वाले अधिकतर परीक्षार्थी सप्तक्रांति, वाराणसी पैसेंजर और कुशीनगर एक्सप्रेस पर सवार होंगे। ये ऐसी ट्रेनें हैं जो पहले से पैक रहती हैं। ऐसे में इन ट्रेनों पर परीक्षार्थी आरक्षित कोच में सवार होंगे। इससे आरक्षित बर्थ वाले यात्रियों को काफी असुविधा होगी।

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