छह का टार्गेट, चार गिरफ्तार, दो अफसरों की अभी तलाश
ओवरलोडिंग मामले में पहले चरण में अधिकारियों और कर्मचारियों समेत छह लोगों की गिरफ्तारी का एसआईटी ने टार्गेट बनाया था। इनमें चार को वह गिरफ्तार करने में कामयाब हो गई। हालांकि दो अफसर चकमा देकर फरार हो...
ओवरलोडिंग मामले में पहले चरण में अधिकारियों और कर्मचारियों समेत छह लोगों की गिरफ्तारी का एसआईटी ने टार्गेट बनाया था। इनमें चार को वह गिरफ्तार करने में कामयाब हो गई। हालांकि दो अफसर चकमा देकर फरार हो गए। एसआईटी की दो टीमें उनकी तलाश के लिए लगातार दबिश दे रही हैं।
एसआईटी ने जांच को कई चरणों में बांटा है। पहले चरण में आसपास के जिलों के अधिकारी-कर्मचारी चिह्नित किए गए हैं। सबूतों के आधार पर गिरोह से सीधे जुड़े छह लोगों को एसआईटी ने अपने रडार पर लिया और उनमें से चार को दबोच लिया गया जबकि दो को पकड़ने में टीम चूक गई।
गिरफ्तारी शुरू करने से पहले एसआईटी ने विवेचना के दौरान लिखा-पढ़ी कर उन्हें पहले छह अधिकारियों और कर्मचारियों को अभियुक्त बनाया। उसके बाद गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग टीमें बनाईं। तीन को तो एसआईटी ने एक ही जगह से उठा लिया। संतकबीरनगर और बस्ती के एआरटीओ एक अधिकारी के पार्टी में शामिल होने गोरखपर आए थे। बस्ती एआरटीओ के साथ उनका प्राइवेट चालक भी था। वहीं अन्य के लिए टीमें दूसरे जिले में रवाना हुई थी। देवरिया आरटीओ मे तैनात सिपाही को टीम ने एक बैंक के बाहर से उठा लिया। वह पैसा जमा करने गया था।
इस तरह कुल छह में से चार आरोपियों को तो एसआईटी ने उठा लिया पर दो अफसर टीम के हत्थे नहीं चढ़ पाए। एसआईटी टीम उनकी तलाश में उनके तैनाती स्थल के साथ ही आवास तक गई पर पहचानने में देर होने से वे चकमा देकर निकल गए। अब उनकी गिरफ्तारी होने के बाद टीम दूसरे चरण में अपना काम शुरू करेगी। दूसरे चरण में अन्य जिलों पर फोकस करने की एसआईटी की रणनीति है। माना जा रहा है कि धीरे-धीरे सभी 21 जिलों तक जांच का दायरा बढ़ेगा और कई अधिकारी-कर्मचारियों पर गाज गिरेगी।
एआरटीओ आजमगढ़ के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई आज
आजमगढ़ के एआरटीओ ने एफआईआर को रद्द कराने के लिए हाईकोर्ट में आवेदन किया था। इस मामले में पिछली तारीख पर पुलिस से रिपोर्ट मांगी गई थी। एसआईटी की तरफ से रिपोर्ट भेजी गई है। 19 फरवरी को उस मामले में तारीख है। एआरटीओ के मामले में आने वाले फैसले पर अन्य जिलों के कर्मचारी और अधिकारियों की नजर है। वे इस मामले में खुद भी हाईकोर्ट की रुख कर सकते हैं।