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शर्तों में बंधे स्वेटर, ठिठुर रहे हैं परिषदीय स्कूलों के बच्चे

परिषदीय स्कूलों के बच्चों को बंटने वाला स्वेटर शर्तो में बंध गया है। कड़ाके की ठंड में इधर बच्चे ठिठुर रहे हैं। उधर अधिकारी बैठक कर स्वेटर खरीदारी की रणनीति बना रहे हैं। शासन ने बेसिक शिक्षा विभाग को...

शर्तों में बंधे स्वेटर, ठिठुर रहे हैं परिषदीय स्कूलों के बच्चे
जितेंद्र पाण्डेय,गोरखपुर Sat, 06 Jan 2018 05:22 PM
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परिषदीय स्कूलों के बच्चों को बंटने वाला स्वेटर शर्तो में बंध गया है। कड़ाके की ठंड में इधर बच्चे ठिठुर रहे हैं। उधर अधिकारी बैठक कर स्वेटर खरीदारी की रणनीति बना रहे हैं। शासन ने बेसिक शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि 15 जनवरी तक बच्चों में ब्रांडेड कंपनी का स्वेटर बंट जाए। इसके लिए प्रति स्वेटर 200 रुपये के हिसाब से बजट दिया गया है। कम बजट और उसमें भी देरी तथा लम्बी प्रक्रिया की वजह से तय समय में स्वेटर बंट पाने पर सवाल खड़ा हो गया है। 

परेशानी
-शासन ने कहा, 200 रुपये में खरीदा जाए ब्रांडेड कम्पनी का स्वेटर 
-उत्तर प्रदेश शासन से निर्देश मिलने के बाद अधिकारियों ने की बैठक
- 6 से 15 जनवरी तक परिषदीय बच्चों में बांटा जाना है निशुल्क स्वेटर 
-गुणवत्ता निगरानी व खरीद के लिए विभाग-प्रशासन स्तर पर 2 कमेटी 
-स्वेटर खरीदने के लिए शासन की तरफ से विभाग को नहीं मिला धन

कड़ाके की ठंड पड़ रही है। बच्चे ठिठुर रहे हैं। अभी तक परिषदीय स्कूलों के बच्चों में स्वेटर वितरण की कवायद हो रही है। पहले शासन स्तर से स्वेटर की  खरीददारी की जानी थी। मगर कम्पनियों से बात नहीं बनने के कारण यह जिम्मेदारी शिक्षकों को दे दी गई है। इसके साथ ही शासन ने सख्त नियम और शर्त भी रखी है।
शासन की तरफ से बेसिक शिक्षा विभाग को मिले निर्देश में 6 जनवरी से स्वेटर बंटना शुरू हो जाना है और 15 जनवरी तक पूरा कर लिया जाना है। हालांकि नियम में यह भी है कि वितरण के पहले इसका प्रचार-प्रसार कराया जाए। स्कूल प्रबंधन की बैठक बुलाई जाए। नमूने के तौर पर एक-एक स्वेटर की खरीददारी की जाए। स्वेटर खरीद के लिए बनाई गई दोनों कमेटियों से उसे पास कराया जाए। इसके बाद ही स्वेटर वितरित कराया जाए। गड़बड़ी मिलने पर बीईओ और विद्यालय प्रबंध समिति की जिम्मेदारी होगी।
शासन के इस निर्देश के बाद शुक्रवार को प्रभारी जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक हुई। अधिकारियों को शासन के सभी नियमों से अवगत कराया गया। इसके बाद बीएसए की अध्यक्षता में बीईओ की बैठक हुई जिसमें बीएसए ने समस्त बीईओ को बीआरसी स्तर पर होने वाली बैठक, गुणवत्तपूर्ण स्वेटर की खरीद के मानक सहित अन्य नियमों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने तय समय के अंदर स्वेटर बंटवाने की चेतावनी भी दी।

गुणवत्तापूर्ण स्वेटर खरीददारी के लिए बनी टीम
परिषदीय स्कूलों के बच्चों में बांटने के लिए स्वेटर खरीद के लिए दो टीमें बनाई गई। पहली टीम में छह सदस्य शामिल हैं। इसमें जिलाधिकारी अध्यक्ष, मुख्य विकास अधिकारी, वरिष्ठ उपजिलाधिकारी, महाप्रबंधक उद्योग विभाग, मुख्य कोषाधिकारी को सदस्य और जिला बेसिक शिक्षाधिकारी को सदस्य एवं सचिव बनाया गया है। दूसरी चार सदस्यीय टीम बनाई गई है। इसमें विद्यालय प्रबंध समिति को अध्यक्ष, प्रधानाध्यापक सदस्य सचिव, एसएमसी का नामित सदस्य और एक अभिभावक का चयन किया गया है।

चार साइज का होगा मैरुन रंग का स्वेटर
परिषदीय बच्चों में स्वेटर वितरण के लिए शासन की तरफ चार साइज के स्वेटर मैरुन रंग के होंगे। कक्षा एक व दो के छात्रों के लिए एस साइज, कक्षा 3 व 4 के लिए एम साइज, कक्षा 5 और 6 के लिए एल साइज और कक्षा 7 व 8 के लिए एक्सएल साइज का स्वेटर खरीदा जाएगा। 

बाजार में 440 रुपये में मिल रहा ब्रांडेड स्वेटर
शासन की तरफ से परिषदीय बच्चों में निशुल्क ब्रांडेड कंपनी के स्वेटर का दाम 200 रुपयो निर्धारित किया गया है जबकि बाजार में इस तरह के स्वेटर 500 से 600 रुपये में मिल रहे हैं। गोलघर स्थित ऊनी कपड़ों के थोक व फुटकर विक्रेता जहुरु उल्लाह ने बताया कि बाजार में ब्रांडेड कम्पनी के स्वेटर 200 रुपये में नहीं मिलेंगे। अगर 100 से 300 स्वेटर एक साथ खरीदा जाए तो थोक में 440 रुपये के हिसाब से मिल सकता है। 

शिक्षक नहीं बांटेंगे स्वेटर, 200 रुपये में कहा मिलेगा स्वेटर
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने आपात बैठक बुलाई जिसमें निर्णय लिया कि जिले के शिक्षक स्वेटर नहीं बाटेंगे। जब शासन 249 रुपये में स्वेटर नहीं खरीद पाया तो शिक्षक 200 रुपये में कहां से खरीदेंगे। बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाध्यक्ष भक्तराज राम त्रिपाठी ने कहा कि प्रदेशीय संघ ने स्वेटर वितरण का विरोध किया है। उन्होंने सचिव को सूचित कर दिया है कि प्राथमिक के शिक्षक स्वेटर नहीं खरीदेंगे। जिला प्राथमिक शिक्षक भी प्रदेशीय संघ का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि शासन का यह तुगलकी फरमान है। जिसे शिक्षक स्वीकार नहीं करेगा। जब उन्हें 249 रुपए में स्वेटर नहीं मिला तो आनन-फानन में शिक्षकों को जिम्मेदारी दे दी गई। जिला उपाध्यक्ष ज्ञानेन्द्र ओझा ने कहा कि आधी ठंड बीतने के बाद सरकार को स्वेटर बांटने की याद आ रही है। उन्होंने कहा कि शासन में बैठे मंत्री, सचिव व उच्च स्तर के अधिकारियों की जब कंपनियों से बात नहीं बनी तो वह शिक्षकों को जिम्मेदारी सौंप दिए। जिलामंत्री श्रीधर मिश्र ने कहा कि प्राथमिक शिक्षक संघ स्वेटर खरीददारी का विरोध करता है। प्रशासन को अगर ज्यादा चिंता है तो वह खुद स्वेटर खरीदकर बच्चों में वितरीत करवा दें। बैठक में प्रान्तीय आडीटर राजेश धर दूबे, कोषाध्यक्ष सुधांशु मोहन सिंह, वीरेन्द्र धर दूबे,्र रामचन्द्र शाही, राजेश पाण्डेय, अनिल पाण्डेय, डॉ. गोविन्द राय, हरिहर पाण्डेय, विपिन दूबे, नरेन्द्र प्रताप सिंह, मृत्युंजय राय, अजय सिंह, जनार्दन श्रीवास्तव, बृजेश प्रताप सिंह, आशोक सिंह, राकेश दूबे सहित 100 से अधिक शिक्षक उपस्थित रहे।

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