Strict Action by Gorakhpur Development Authority Against Illegal Construction in Flood Zone डूब क्षेत्र में निर्माण पर जीडीए ने की कार्रवाई, चला बुलडोजर , Gorakhpur Hindi News - Hindustan
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डूब क्षेत्र में निर्माण पर जीडीए ने की कार्रवाई, चला बुलडोजर

Gorakhpur News - गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण और प्लॉटिंग के खिलाफ कार्रवाई की। राप्ती नदी के कैचमेंट एरिया में लगभग पांच एकड़ भूमि पर अवैध प्लॉटिंग और बाउंड्रीवाल को ध्वस्त किया गया।...

Newswrap हिन्दुस्तान, गोरखपुरThu, 28 Aug 2025 08:29 AM
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डूब क्षेत्र में निर्माण पर जीडीए ने की कार्रवाई, चला बुलडोजर

गोरखपुर। मुख्य संवाददाता। गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने बुधवार को डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण और प्लॉटिंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई की। राप्ती नदी के कैचमेंट एरिया के ग्राम जमुआड़ में लगभग पांच एकड़ भूमि पर की गई अवैध प्लॉटिंग और बाउंड्रीवाल को ध्वस्त किया। चेताया गया कि बिना तलपट मानचित्र स्वीकृत कराएं जमीन की प्लाटिंग अवैध है। ऐसे किसी भी कदम को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बुधवार को 12 बजे के करीब जिला प्रशासन की ओर से नामित मजिस्ट्रेट के साथ चिलुआताल थाना की पुलिस और पीएसी बल पहुंचा। मौके पर पहुंचे प्रभारी मुख्य अभियंता किशन सिंह, सहायक अभियंता अनिल सिंह, राज बहादुर सिंह, संजीव तिवारी, ज्योति, अवर अभियंता रोहित कुमार, मनीष कुमार त्रिपाठी, प्रभात कुमार और राकेश कुमार समेत प्रवर्तन स्टाफ ने 05 एकड़ जमीन पर काटी जा रही प्लाटेड कालोनी के निर्माण को ध्वस्त कर दिया।

किशन सिंह ने बताया कि अंकित पांडेय ने बिना तलपट मानचित्र स्वीकृत कराए अवैध प्लॉटिंग कर रहा था। ऐसी अवैध प्लॉटिंग न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि शहर की विकास योजनाओं को भी बाधित करती है। लोगों के लिए भविष्य में गंभीर संकट पैदा कर सकती है। उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन ने कहा कि डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण और प्लॉटिंग के खिलाफ अभियान आगे भी निरंतर जारी रहेगा। नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत किसी भी व्यक्ति को अवैध निर्माण की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने आम नागरिकों से अपील की कि किसी भी अवैध प्लॉटिंग में निवेश करने से पहले जीडीए से सत्यापन अवश्य कराएं, जिससे भविष्य में धोखाधड़ी और विवाद से बचा जा सके। निर्माणाधीन अस्पताल का मानचित्र भी स्वीकृत नहीं उधर हार्बर्ट बंधे के पास डूब क्षेत्र में निर्माणाधीन 14 करोड़ रुपये से 50 बेड के सरकारी आयुर्वेदिक चिकित्सालय का मानचित्र भी स्वीकृत नहीं कराया गया है। यहां काफी संख्या में अस्पताल, कॉम्प्लेक्स और दुकानें बनी और बन रही है लेकिन मानचित्र स्वीकृति किसी के पास नहीं है। नियमानुसार यहां मानचित्र स्वीकृत भी नहीं हो सकता है।

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