VIDEO: तेज आंधी-पानी से उखड़े होडिँग-बैनर और टूटीं पेड़ की डालियां
पिछले कुछ दिनों से चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी की मार झेल रहे लोगों को बुधवार की दोपहर थोड़ी राहत मिली। तेज आंधी और फिर बारिश की वजह से मौसम ठंडा हो गया। अलबत्ता इस दौरान बिजली की आपूर्ति बाधित...
पिछले कुछ दिनों से चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी की मार झेल रहे लोगों को बुधवार की दोपहर थोड़ी राहत मिली। तेज आंधी और फिर बारिश की वजह से मौसम ठंडा हो गया। अलबत्ता इस दौरान बिजली की आपूर्ति बाधित रही।
बुधवार को दोपहर बाद आसमान में अचानक काले बादल छाने लगे। बादलों के बदलते तेवर देखकर लोगों को इस बात का आभास हो गया कि आंधी-पानी आएगा। तेज आंधी शुरू हो गई। शहर में चारो तरफ धूल भरी आंधी की वजह से सड़क पर चलना मुश्किल हो गया। जो जहां थीं, वहीं सड़कों के किनारे वाहनों को खड़ा कर लिया। बाइक सवारों ने बाइक किनारे खड़ी कर दी और मकानों तथा दुकानों में जाकर शरण ले ली। तेज हवाओं से शहर के बैनर-होर्डिंग उड़ गए। पेड़ों की टहनियां टूट कर सड़कों पर गिर गईं।
काली मंदिर के पास होडिँग गिर जाने की वजह से तकीबन एक घंटे तक सड़क जाम रहा। रेलवे स्टेशन के सामने होर्डिंग गिर गए। रुस्तमुपर और लेकर अम्बेडकर चौराहे तक जगह-जगह पेड़ की डालियां गिर गइं। शाहपुर क्षेत्र में वी माट से लेकर पासपोट आफिस तक सड़क के दोनों किनारों पर जल भराव हो गया। तकरीबन 2000 परिवारों को दिक्कतें हुईं।
65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवा
बुधवार की दोपहर करीब 12:30 बजे 65 किलोमीटर की रफ्तार से हवा चलने के कारण बैनर, पोस्टर और होर्डिंग उखड़ गए। पिछले कुछ दिनों से तापमान 40 डिग्री के आसपास रहने और हवा में नमी काफी ज्यादा बढ़ने से वायुमंडल काफी गर्म हो गया। बंगाल की खाड़ी से चली पुरवा हवाओं के मिलने से बिहार से पूर्वी उत्तर प्रदेश तक आंधी के साथ बूंदाबांदी हुई।
हिमालय से सटे इलाकों में ज्यादा रहा असर
मौसम विशेषज्ञ कैलाश पांडेय ने बताया कि पूर्वी उत्तरप्रदेश में इसका सबसे ज्यादा असर हिमालय से सटे इलाकों में रहा। यहां जमकर बारिश हुई। वहीं गोरखपुर एवं आसपास के क्षेत्रों में तेज हवाएं चलीं।