बाढ़ पीड़ितों की मदद को गुजरात से खरीद लाया स्टीमर
गोरखपुर। अरविन्द कुमार राय राप्ती-रोहिन और गोर्रा का पानी जिले में कहर बरपा रहा...
गोरखपुर। अरविन्द कुमार राय
राप्ती-रोहिन और गोर्रा का पानी जिले में कहर बरपा रहा है। दूसरी तरफ गोबरहिया नाले का पानी सिउरिया और सेमरा समेत दर्जन भर गांवों में तबाही मचा रहा है। सिउरिया गांव के लोगों को आने-जाने के लिए एक डोंगी नाव मिली है। सिउरिया गांव के बलवंत ने ग्रामीणों का दर्द महसूस किया और गुजरात जाकर स्टीमर खरीद ले आया। अब बलवंत के स्टीमर से गांव के लोग आ-जा रहे हैं। बलवंत और उनके भाइयों ने तकरीबन 7 लाख रुपये खर्च किए हैं।
सिउरिया गांव से तकरीबन डेढ़ किमी पूरब डोमिनगढ़-मानीराम बंधा है जबकि चार किमी पश्चिम से कालेसर-जंगल कौड़िया फोरलेन गुजरा है। गांव पूरी तरह पानी से घिरा हुआ है। गांव में राप्ती और रोहिन की नहीं बल्कि गोबरहिया नाले का पानी भरा हुआ है। महराजगंज जिले से आने वाले इस नाले की उफान का ही असर है कि दर्जन भर गांव डूबे हुए हैं। इसी नाले का पानी फोरलेन पर चढ़ गया था।
चारों तरफ पानी से घिरे सिउरिया के लोगों को आने-जाने के लिए पहले तो प्रशासन ने नाव लगवाई थी। एक मोटरबोट भी लगाई गई थी लेकिन इन दिनों किन्हीं कारणों से हट गई है। जिला प्रशासन ने एक डोंगी नाव उपलब्ध कराई है। तेज हवा में बाढ़ के पानी में उफान के कारण डोंगी नाव डगमगाने लगती है जिससे उस पर सवार ग्रामीणों की सांसें अटक जाती हैं। इसी गांव के निवासी बलवंत ने ठान ली कि ऐसी समस्या गांव में जब-जब बाढ़ आएगी तो आनी ही है। ग्रामीणों की मदद की जानी चाहिए। उन्होंने गुजरात में कमाने वाले अपने भाइयों से सम्पर्क किया। गांव वालों का दर्द बताया। इसके बाद भाइयों की मदद से बलवंत ने स्टीमर मंगा लिया।
बचपन से नाव पर आते जाते रहे
बलवंत ने कहा कि उन्हें याद है कि जब वह छोटे थे तो बाढ़ के समय में उनके माता-पिता ही नहीं पूरे गांव के लोग नाव से ही आते-जाते थे। कभी नाव डगमगा जाती थी। कभी-कभी पलट भी जाती थी। बचपन से ही मेरा सपना था कि यदि किसी लायक हो जाएंगे तो गांव वालों की मदद जरूर करेंगे। बचपन से जो मन में ठाना था उसे पूरा करने का मौका मिला।