बाढ़ में डूबे गांवों के गरीबों पर प्रदेश सरकार का करम, जानिए कैसे
सरकार बाढ़ प्रभावित गांवों के किसानों को क्षतिपूर्ति तो देगी ही श्रमिकों को भी आर्थिक मदद करेगी। 18 साल से ऊपर के लोगों को 60 रुपये तथा इससे नीचे के लोगों को 45 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान...
सरकार बाढ़ प्रभावित गांवों के किसानों को क्षतिपूर्ति तो देगी ही श्रमिकों को भी आर्थिक मदद करेगी। 18 साल से ऊपर के लोगों को 60 रुपये तथा इससे नीचे के लोगों को 45 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान करेगी। यह भुगतान उतने दिनों का होगा जितने दिन तक गांव में पानी रहा।
खास-खास
किसानों को मिलेगी क्षतिपूर्ति, श्रमिक पाएंगे अनुदान
बर्बाद हुए मछली पालकों को भी मिलेगी आर्थिम मदद
सरयू, राप्ती-रोहिन, आमी और गोर्रा नदी में आई बाढ़ से 100 से अधिक गांव प्रभावित हो गए थे। हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो गई थी। पशु हानि भी हो गई थी। प्रदेश सरकार ने बाढ़ से प्रभावित गांवों के लोगों को मदद पहुंचाने की बड़ी पहल की है। किसानों की जो फसलें नुकसान हुई हैं उनकी क्षतिपूर्ति तो पहले से ही मिलती रही है लेकिन इस बार मछली पालकों को भी प्रशासन ने आर्थिक मदद देने का फैसला लिया है। जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण के अनुसार इस बार जिन मछली पालकों की मछलियां बह गई हैं उन्हें 12200 रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से भुगतान किया जाएगा। मछली का बीज भी उन्हें मुफ्त दिया जाएगा। बाढ़ में जिन ग्रामीणों की जमीन कट कर नदी में मिल गई है उन्हें भी सरकार ने प्रति हेक्टेयर 35500 रुपये देने का निर्णय लिया है।
राष्ट्रीय टीम ने किया है सर्वे
राष्ट्रीय आपदा प्रबंध प्राधिकरण की टीम 21 सितम्बर को गोरखपुर आई थी। इस टीम ने सर्वेक्षण करने के बाद अपनी रिपोर्ट दी है। जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण के मुताबिक राष्ट्रीय टीम ने अपनी रिपोर्ट दे दी है।