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गोरखनाथ मंदिर में तैयारियां पूरी, शनिवार से होगी श्रीराम कथा की अमृत वर्षा

ब्रह्मलीन गोरक्षपीठाधीश्वर महंत दिग्विजयनाथ की 49 वीं और महंत अवेद्यनाथ की चौथी पुण्यतिथि पर आयोजित साप्ताहिक श्रद्धांजलि समारोह के तहत वाल्मिकि रामायण पर आधारित श्रीराम कथा की अमृत वर्षा शनिवार से...

गोरखनाथ मंदिर में तैयारियां पूरी, शनिवार से होगी श्रीराम कथा की अमृत वर्षा
प्रमुख संवाददाता ,गोरखपुर Fri, 21 Sep 2018 08:56 PM
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ब्रह्मलीन गोरक्षपीठाधीश्वर महंत दिग्विजयनाथ की 49 वीं और महंत अवेद्यनाथ की चौथी पुण्यतिथि पर आयोजित साप्ताहिक श्रद्धांजलि समारोह के तहत वाल्मिकि रामायण पर आधारित श्रीराम कथा की अमृत वर्षा शनिवार से होगी। वाराणसी के प्रसिद्ध संत और कथाव्यास जगदगुरु अनन्तानंद द्वाराचार्य स्वामी डॉ.रामकमल दास वेदान्ती संगीतमयी श्रीराम कथा सुनाएंगे। सात दिन तक चलने वाली इस कथा का उद्घाटन शनिवार को दोपहर दो बजे शोभायात्रा और अखंड ज्योति स्थापना के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। 

शोभायात्रा, मुख्य मंदिर में गुरु गोरक्षनाथ के पूजन से शुरू होगी। ब्रह्मलीन गोरक्षपीठाधीश्वर महंत दिग्विजयनाथ और ब्रह्मलीन गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ के समाधि स्थल से होते हुए श्री दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार पहुंचेगी जहां अखंड ज्योति की स्थापना होगी। गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ ने कहा कि  दोनों ब्रह्मलीन गोरक्षपीठाधीश्वरों ने भारतीय संस्कृति के पर्याय हिन्दुत्व को अपना मिशन बनाया। हिन्दू समाज में छुआछूत को पाप माना। एकरस समाज की रचना में पूरा जीवन लगा दिया। इन महान लक्ष्यों के लिए हिन्दू संस्कृति के सभी पंथों और देवी-देवताओं की एक साथ उपासना विधि गोरखनाथ मंदिर में सृजित की गई।

शिवावतारी गोरखनाथ की इस शैवपीठ ने मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम को, शक्ति की अधिष्ठात्री देवी दुर्गा को, श्रीराम भक्त हनुमान को न केवल स्वीकार किया बल्कि उनके मन्दिरों को गोरखनाथ मन्दिर परिसर का अभिन्न हिस्सा बनाया। दोनों ब्रह्मलीन गोरक्षपीठाधीश्वरों के साप्ताहिक श्रद्धांजलि समारोह में श्री भागवत कथा या श्रीराम कथा इसी वैचारिकी की उपज है। दिग्विजयनाथ जी महाराज की पुण्यतिथि पर श्रीमद्भागवत कथा या श्रीराम कथा के आयोजन की परम्परा ब्रह्मलीन महन्त अवेद्यनाथ ने शुरू की थी। उस परम्परा को वर्तमान गोरक्षपीठाधीश्वर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे बढ़ाया है।

योगी कमलनाथ ने कहा कि साप्ताहिक श्रद्धांजलि समारोह के तहत श्रीराम कथा को समसामाजिक राष्ट्रीय-सामाजिक मुद्दों से जोड़कर कथाव्यास, दोनो ब्रह्मलीन गोरक्षपीठाधीश्वरों के विचारों और उनकी इच्छाओं को जन-जन तक पहुंचाएंगे। धर्म-संस्कृति की रक्षा के लिए राजधर्म का वह संदेश भी कथा में गूंजेगा, जो भारत की ऋषि परम्परा देती रही है। व्यक्ति को परिवार, समाज, राष्ट्र के दायित्ववोध को समझाते हुए श्रीराम कथा वाल्मिकि रामायण के विविध पात्रों को आदर्श भक्तों के सामने प्रस्तुत करेगी। कथा जहां आदर्श परिवार की परिकल्पना को साकार करेगी। वहीं ‘जननी-जन्म भूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी’ के मंत्र पर राष्ट्रधर्म की भी प्रतिष्ठा करेगी। 

खास तौर पर रहेंगे मौजूद
योगी कमलनाथ ने बताया कि श्रीराम कथा के उद्घाटन के मौके पर   दिगम्बर अखाड़ा के महन्त सुरेशदास, बड़े भक्तमाल अयोध्या के महन्त अवधेशदास, महन्त राममिलन दास, महन्त रविन्द्र दास, महन्त पे्रमदास, महन्त पंचानन्द पुरी, महन्त मिथलेशनाथ सहित कई संत महात्मा मौजूद रहेंगे। शोभायात्रा में बतौर यजमान सर्वश्री ईश्वर मिश्र, सीताराम जायसवाल, जवाहरलाल कसौधन, पुष्पदन्त जैन, ओम प्रकाश जालान, चन्द्र प्रकाश जालान, गंगा राय, अरूण कुमार अग्रवाल, अतुल सर्राफ, विकास जालान, संतोष कुमार अग्रवाल, महेश पोद्दार, अवधेश सिंह, जितेन्द्र बहादुर चन्द, चन्द्र बंसल, बृजेश यादव, महेन्द्र पाल सिंह, मारकण्डेय यादव, गोरख सिंह, ओम प्रकाश कर्मचन्दानी, संजय गुप्ता, कृष्ण मोहन, उर्मिला सिंह, प्रदीप जोशी,  अजय सिंह, विनोद कुमार राना और रेवती रमण दास अग्रवाल सपरिवार शोभायात्रा में शामिल होंगे। 

कार्यक्रम स्थल पर खास इंतजाम 
योगी कमलनाथ ने बताया कि श्रीरामकथा में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कार्यक्रम स्थल पर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। बुजुर्गों-महिलाओं के बैठने के लिए अलग व्यवस्था की गई है।  अशक्त भक्तों के लिए कुर्सी की व्यवस्था होगी। 

संगोष्ठी कल 
श्रद्धांजलि समारोह के तहत ‘लोक कल्याण भारतीय संस्कृति की विशेषता’ विषय पर 23 सितम्बर को सुबह दस बजे से दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में संगोष्ठी होगी। संगोष्ठी की अध्यक्षता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। दिगम्बर अखाड़ा के महन्त सुरेश दास बतौर मुख्य अतिथि और केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री डॉ.सत्यपाल सिंह बतौर मुख्य वक्ता शामिल होंगे। संगोष्ठी में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रान्त प्रचारक मुकेश खांडेकर का भी व्याख्यान होगा।  

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