स्तनपान के दौरान नवजात को आए पसीना तो हो सकता है दिल का रोग
दूध पीते समय यदि बच्चे के माथे पर पसीना आए तो हो जाए सावधान। यह दिल की बीमारी के लक्षण हैं। इसके अलावा अगर बच्चे की सांस फूल रही हो या वह जल्द थक जाता हो तो यह हृदय रोग के लक्षण हो सकते हैं। यह कहना...
दूध पीते समय यदि बच्चे के माथे पर पसीना आए तो हो जाए सावधान। यह दिल की बीमारी के लक्षण हैं। इसके अलावा अगर बच्चे की सांस फूल रही हो या वह जल्द थक जाता हो तो यह हृदय रोग के लक्षण हो सकते हैं। यह कहना है लखनऊ स्थित डिवाइन हार्ट एंड मल्टी स्पेशियालिटी हॉस्पिटल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. एके श्रीवास्तव का।
डॉ. श्रीवास्तव आइएमए के तत्वावधान में शनिवार को शहर के एक होटल में कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दिल की बीमारी के साथ पैदा हुआ बच्चा गुलाबी, सामान्य रंग या शरीर में नीलापन लिए हो सकता है। कुछ बच्चों में जन्म के छह से आठ महीने बाद नीलापन दिखता है। कहा कि नवजात बच्चों के हृदय की सर्जरी अब लखनऊ में ही संभव हो चुकी है। पहले लोगों को दिल्ली, मुंबई या चेन्नई जाना पड़ता था। डॉ. एके श्रीवास्तव ने कार्यशाला में आए डॉक्टरों को स्लाइड के जरिये ऑपरेशन से जुड़ी बारीकियां दिखाईं। आइएमए के सचिव डॉ. आरपी शुक्ल ने कहा कि तेजी से बढ़ रही गंभीर बीमारियां चिंता का विषय हैं।
महिलाएं भी होती हैं दिल की मरीज
इनर व्हील क्लब द्वारा स्टॉर हास्पिटल में शनिवार को दिल की बीमारी के जांच का शिविर आयोजित किया गया। इस मौके पर हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. सुधीर श्रीवास्तव ने 35 लोगों की जांच की। इस दौरान स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सुरहिता करीम ने कहा कि मेनोपॉज के बाद महिलाओं में दिल की बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। इस मौके पर सरोज अग्रवाल, प्रियंका दास मौजूद रहीं।