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गोरखपुर में जल्द फीवर ‘कंट्रोल रूम

बुखार पीड़ितों तत्काल सहायता पहुंचाने के लिए जल्द ही फीवर कंट्रोल रूम बनाने की तैयारी है। इसके लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इस कंट्रोल रूम के जरिए फीवर से पीड़ित मरीजों को बताया जाएगा कि वह किस...

गोरखपुर में जल्द फीवर ‘कंट्रोल रूम
हिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरSun, 24 Nov 2019 02:20 AM
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बुखार पीड़ितों तत्काल सहायता पहुंचाने के लिए जल्द ही फीवर कंट्रोल रूम बनाने की तैयारी है। इसके लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इस कंट्रोल रूम के जरिए फीवर से पीड़ित मरीजों को बताया जाएगा कि वह किस जगह जाकर इलाज कराएं और इस स्थिति में क्या करें। सम्बंधित केन्द्र में भेजने के साथ ही मरीज की लगातार ट्रैकिंग की जाएगी कि वह किस हालत में है। इस सिस्टम से फीवर को नियंत्रण करने में काफी सहायता मिलेगी।

कमिश्नर जयंत नार्लिकर ने बताया कि इंसेफेलाइटिस हो या स्वाइन फ्लू या फिर डेंगू। सभी बीमारियों की शुरूआत बुखार से ही होती है। अक्सर सामान्य बुखार में भी लोग तनाव में आ जाते हैं और गंभीर बीमारी समझ बैठते हैं। ऐसे में इस समस्या को दूर करने के लिए कंट्रोल रूम बनाने की योजना चल रही है। इस कंट्रोल रूम में स्वास्थ्य विभाग के एक्सपर्ट बैठेंगे। यहां जब किसी मरीज के परिजन फोन करेंगे तो हेल्पलाइन पर बैठा कर्मचारी परिजन को यह बताएंगा कि वह अपने घर या गांव से किस नजदीक के स्वास्थ्य केन्द्र या अस्पताल जाए। कंट्रोल रूम में बैठा एक्सपर्ट मरीज की पूरी जानकारी एकत्र कर लेगा। इसके बाद हर 7 वें, 15 वें औ 25 वें दिन मरीज की ट्रैकिंग करता रहेगा। इसके साथ ही आशा और एएनएम की भी ड्यूटी लगाई जाएगी ताकि वह मरीज का अपडेट लेती रहें।

बेवजह लोगों में न हो तनाव

कमिश्नर श्री नार्लिकर ने बताया कि इंसेफेलाइटिस, स्वाइन और डेंगू जैसी बीमारियों सही ट्रैकिंग न होने से लोगों में बेवजह तनाव बढ़ जाता है। कुछ मामलों में देखने में आया है कि मौत किसी और बीमारी से होती है और उसे इंसेफेलाइटिस या डेंगू से बता दिया जाता है। इससे आम जन तनाव में आ जाते हैं।

कार्ययोजना बनाई जा रही है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग से कहा गया है। कार्ययोजना बन जाने के बाद शासन के पास मंजूरी के लिए भेजेंगे। मंजूरी आते ही नई व्यवस्था शुरू करा दी जाएगी। इससे लोगों को काफी सहायता मिलेगी।

जयंत नार्लिकर, कमिश्नर

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