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गीडा में जल्द होगा 500 करोड़ का निवेश-प्रमुख सचिव

प्रमुख सचिव उद्योग आलोक टंडन ने कहा कि गीडा में लैंड बैंक से लेकर अवस्थापना सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। गीडा में अभी तक 1500 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। इन्वेस्टर्स समिट में 2500 करोड़ से अधिक के...

गीडा में जल्द होगा 500 करोड़ का निवेश-प्रमुख सचिव
हिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरThu, 05 Dec 2019 01:37 AM
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प्रमुख सचिव उद्योग आलोक टंडन ने कहा कि गीडा में लैंड बैंक से लेकर अवस्थापना सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। गीडा में अभी तक 1500 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। इन्वेस्टर्स समिट में 2500 करोड़ से अधिक के प्रस्ताव आये थे। गीडा में जल्द 500 करोड़ रुपये का निवेश में होगा।

गीडा के स्थापना दिवस के अवसर पर बुधवार को सर्किट हाउस के एनेक्सी भवन में ‘पूर्वांचल में औद्योगिक विकास की संभावनाएं विषय पर हुए उद्यमी सम्मेलन में प्रमुख सचिव ने कहा कि गीडा में औद्योगिक विकास का माहौल बन रहा है। गीडा में वर्तमान में 96 गांव नोटिफाइड हैं और 474 इकाइयां लगी हैं। अभी तक हुआ 1500 करोड़ रुपये का निवेश पर्याप्त नहीं है। गीडा और आसपास के इलाकों में सुविधाएं बढ़ रही हैं। कालेसर में अन्तर्राज्यीय बस अड्डा प्रस्तावित किया गया है। वहीं गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ 18 गांव में जमीन करार के आधार पर ली जा रही है। गीडा में सड़क, स्ट्रीट लाइट और पानी पर 20 करोड़ खर्च किया जा रहा है।

सम्मेलन में औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक कुमार ने कहा कि यूपी एक ट्रिलियन डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बनने की तरफ अग्रसर है। यहां एम्स से लेकर यूरिया खाद कारखाना तक विकसित हो रहा है। करीब 5800 करोड़ रुपये से बनने वाला 91 किमी लंबा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे को पूरा होने में दो वर्ष लगेंगे। इसके दोनों ओर औद्योगिक कॉरिडोर में कई उद्योग लगेंगे। श्री कुमार ने उद्यमियों को भरोसा दिलाया कि प्रदूषण रोकने के लिए सीईटीपी जल्द स्थापित किया जाएगा। नमामि गंगे योजना के तहत केन्द्र प्लांट के लिए धन देगा। गीडा में स्टील और टेक्सटाइल के उद्योग का विशेष महत्व है। इन्वेस्टर्स समिट में 2500 करोड़ का प्रस्ताव आया था, जिसमें से 4 इकाइयां शुरू हो गई है। जल्द अन्य निवेशकों से बात होगी। उन्होंने कहा कि उद्यमियों की समस्या का निस्तारण होगा। उधोग बंधु की बैठक नियमित हो रही है। निवेशकों के काम लंबित नहीं रहे इसे सुनिश्चित किया जा रहा है। निवेश मित्र पोर्टल को लेकर उद्यमियों की शिकायतें आई हैं। उद्यमियों की सहूलियत के लिए गीडा में हेल्पडेस्क बनाया जाएगा।

स्वागत भाषण में चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष विष्णु अजीत सरिया ने कहा कि गीडा की स्थापना को 31 वर्ष पूरे हो चुके हैं। बुनकर बाहुल्य इलाके में टेक्सटाइल उद्योग की आपार संभावना है। उन्होंने कहा कि गीडा में लैंड की समस्या को दूर करना होगा। पंजाब की तर्ज पर उद्योगों को 5 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मुहैया होनी चाहिए। अध्यक्ष ने गीडा बोर्ड बैठक में चैंबर के सदस्य को शामिल करने की मांग की। विभागों की अनापत्ति को लेकर समय सीमा निर्धारित करने की भी उन्होंने मांग की। इस दौरान महापौर सीताराम जायसवाल, विधायक शीतल पांडेय, सीइओ गीडा संजीव रंजन, एसके अग्रवाल, आरएन सिंह, प्रवीण मोदी, आलोक चौरसिया, योगेंद्र दूबे, डॉ.आरिफ साबिर आदि उपस्थित रहे।

गोरखपुर में 4000 करोड़ की योजनाएं आईं : कमिश्नर

कमिश्नर जयंत नार्लीकर ने कहा कि 76 गांव के नोटिफिकेशन के साथ गीडा की स्थापना हुई थी। 18 गांव को लेकर फिर नोटिफिकेशन हो गया है। सीईटीपी को लेकर गीडा 17 करोड़ का अपना हिस्सा देने को तैयार है। नमामि गंगे योजना के तहत 40 करोड़ केंद्र से मिलना है। विभिन्न योजनाओं में जिले में 2300 करोड़ की योजनाएं आई है। इसके अतिरिक्त 1700 करोड़ रुपये सड़क के निर्माण पर खर्च हो रहे हैं।

योगी के हाथों सम्मानित हुए उद्यमी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष विष्णु अजीत सरिया, इंडिया ग्लाईकाल लिमिटेड के महाप्रबंधक एसके शुक्ला, कारर्पोरेट टैक्स के जानकार ध्रुव सेठी और फिक्की के काउंसिल मेंबर मनोज गुप्ता को सम्मानित किया।

1000 करोड़ की योजना निर्णय के आभाव में लंबित-सीपी अग्रवाल

प्रमुख उद्यमी चंद्र प्रकाश अग्रवाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा करने के साथ ही औद्योगिक नीति को लेकर खरी-खरी बातें कीं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री बुखार के बाद भी 16 से 18 घंटे तक काम कर रहे हैं। श्री अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान समय में मेरी मुलाकात प्रोत्साहित उद्यमियों से नहीं हो रही है। लखनऊ का पिकप भवन खुद को नहीं संभाल पा रहा है। रिटायर लोगों के भरोसे यह चल रहा है। मेरी 1000 करोड़ की योजना निर्णय के अभाव में लंबित है। अधिकारी जांच को लेकर भयभीत है। उद्योग जगत से जुड़े विभिन्न अंगों में समन्वय का अभाव दिख रहा है। सरकार को चाहिए कि वह उद्यमियों की सहभागिता सुनिश्चित करें।

बोले एक्सपर्ट--

प्रदेश की भाजपा सरकार ने उद्योगों को बढ़ावा दिया है। सरकार की नीतियों के चलते यूपी ईज ऑफ डूइंग में कई पायदान ऊपर आया है। इन्वेस्टर्स समिट के समय डिफेंस कॉरिडोर का ऐलान हुआ था। अब इस पर अमल हो रहा है। यूपी एक ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य पूरा करेगा। डिफेंस में निवेश को प्रदेश में संभावनाएं हैं।

मनोज गुप्ता, काउंसिल सदस्य, फिक्की

गीडा के विकास में सबसे बड़ी समस्या लैंड बैंक की है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ जमीन का अधिग्रहण तेजी से हो तो पूर्वांचल में औद्योगिक विकास का माहौल बनेगा। प्रदेश सरकार बेहतरी के लिए काम कर रही है, पर दूसरे राज्यों से प्रतियोगिता को लेकर सरकार को बिजली दरें कम करनी होंगी। जमीन खरीदने में भी सब्सिडी देनी होगी।

विष्णु अजीत सरिया, अध्यक्ष, चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज

प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई एक जिला, एक उत्पाद योजना से क्रान्तिकारी परिवर्तन हो रहे हैं। प्रदेश भर योजना से जुड़े उत्पादों की मांग बढ़ी है। ई-बाजार के प्लेटफार्म फ्लिपकार्ट और अलीबाबा से बात चल रही है। ओडीओपी के 56 प्रोडक्ट की जिओ टैगिंग हो जाएगी। 2 करोड़ की बिक्री अमेजन पर हो चुकी है।

गौरव श्रीवास्तव, कंसलटेंट

प्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति से कारोबार 150 फीसदी बढ़ गया है। ऑर्गेनिक खेती का भविष्य है। इसकी बिक्री बड़े शहरों में हो सकती है। गीडा के विस्तार के लिए रेल टर्मिनल की जरूरत है। हमें 70 फीसदी पैकेजिंग बाहर से करनी पड़ रही है। स्थानीय स्तर पर इसे विकसित करना होगा। उद्योग जगत को शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर भी काम करना होगा।

एसके शुक्ला, बिजनेश हेड, इंडिया ग्लाईकाल लिमिटेड

कारपोरेट टैक्स को लेकर सरकार ने बेहतर कदम उठाये हैं। रियल इस्टेट में को ऑक्सीजन देने के लिए फ्लैट खरीदारी में जीएसटी की रेट काफी कम हुई है। गरीबों के लिए ईडब्ल्यूएस मकान बानने में जो लाभ होता है, उस पर कारपोरेट टैक्स पूरी तरह माफ है। कंपनी में नए कर्मचारी रखने पर 30 फीसदी तक छूट मिल रही है।

ध्रुव सेठ, जीएसटी एक्सपर्ट

ऐसे आयोजनों से माहौल बनता है। मुख्यमंत्री ने हर तीसरे महीने उद्यमियों से मुलाकात की बात कही है, जो बड़ा कदम है। इसके साथ ही एक बार औद्योगिक आयुक्त उद्यमियों के साथ उनकी दिक्कतों पर चर्चा करेंगे। सम्मेलन सफल रहा। कुछ बुनियादी बातें हैं जो मुख्यमंत्री और अधिकारियों से अगल से की जाएंगी। जरुरी यह है गीडा राष्ट्रीय फलक पर चर्चा में आए।

एसके अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष, चैंबर ऑफ इंडस्ट्री

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