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Hindi News उत्तर प्रदेश गोरखपुरVIDEO: तो कुरहवां घाट पर नहीं SSB जवानों ने एसएलआर से ही कमलेश को गांव में मारी थी गोली! 

VIDEO: तो कुरहवां घाट पर नहीं SSB जवानों ने एसएलआर से ही कमलेश को गांव में मारी थी गोली! 

रविवार देर शाम एसएसबी ने तस्करी के आरोप में झड़प के बाद जिस पूर्व प्रधान के पुत्र कमलेश को गोली मारने का दावा किया है वह घटनास्थल, साक्ष्यों और पुलिस की अब तक की जांच को देख झूठ प्रतीत हो रहा है!...

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अतीक अहमद, आलोक जोशी ,महराजगंज Mon, 08 Jan 2018 03:59 PM
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रविवार देर शाम एसएसबी ने तस्करी के आरोप में झड़प के बाद जिस पूर्व प्रधान के पुत्र कमलेश को गोली मारने का दावा किया है वह घटनास्थल, साक्ष्यों और पुलिस की अब तक की जांच को देख झूठ प्रतीत हो रहा है! प्रत्यक्षदर्शियों और मृतक के बड़े भाई अनिल के अनुसार एसएसबी जवानों ने कमलेश को गोली गांव में ही विवाद के बाद मारी है। इसके बाद उसे बेरहमी से पीटा और फिर पैर पकड़ घसीटते हुए घटनास्थल बदलने के लिए नेपाल बार्डर की तरफ ले गए। बचाव को गए गांव के दूसरे युवकों पर भी जवानों ने राइफल तानी। संयोग रहा कि कोई और हताहत नहीं हुआ।

नौतनवा पुलिस को जांच में मौके से एक जिंदा एसएलआर राइफल का कारतूस और एक खोखा मिला है। गोली लगने के बाद कमलेश का खून भी मौके पर बड़ी मात्रा में बिखरा पड़ा है। वहीं, एसएसबी ने जो घटनास्थल बताया है वहां झड़प और गोली चलने का कोई निशान तक नहीं मिला है।

यूपी: झड़प के दौरान SSB जवानों ने मारी गोली, युवक की मौत VIDEO

पहले कमलेश और उसके साथी एसएसबी पर पड़े थे भारी
एसएसबी बीओपी जोगियाबारी से कुरहवां घाट का रास्ता संपतिहा गांव के कुरहवां टोले से ही होकर जाता है। रविवार देर शाम भी एसएसबी के तीन जवान उसी रास्ते गश्त पर कुरहवां घाट जा रहे थे। इसी बीच कमलेश सड़क किनारे साथियों के साथ बॉलीवॉल खेल कर बैठा था। जवानों ने तस्करी की आशंका में उनकी फोटो लेनी शुरू कर दी। इस पर कमलेश ने आपत्ति जताई। यहीं से बात बिगड़ी। एसएसबी जवान नहीं माने तो कमलेश साथियो के साथ उनसे भिड़ गया। मारपीट में एसएसबी जवान संख्या में कम होने के कारण खुद को घिरा देख अन्य साथियों को फोन से मौके पर बुला लिए। देखते ही देखते वहां आठ अन्य जवान बाइक से पहुंच गए। इस बीच किसी जवान ने कमलेश के पैर में गोली मार दी। इसके बाद वहां भगदड़ मच गई और कमलेश मौके पर ही गिर पड़ा। 

कमलेश का पैर पकड़ कर घसीटते हुए ले गए सीमा पर 
ग्रामीणों के अनुसार जवान उसे पीटकर अधमरा कर पैर पकड़ घसीटते हुए नेपाल सीमा की ओर ले गए। बचाने पहुंचे बड़े भाई अनिल पर भी जवानों ने राइफल तान दी। उसके बाद से कमलेश का कुछ पता नहीं चला। मामले की गंभीरता को देखते हुए अनिल ने 100 नंबर के साथ ही नौतनवा पुलिस को सूचना दी। मौके पर पुलिस पहुंची भी लेकिन कमलेश का पता नहीं चल सका। वहीं देर शाम करीब आठ बजे एसएसबी जवानों ने ही कमलेश को नौतनवा पीएचसी में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

एसएसबी का आरोपों से इंकार
मामले में एसएसबी के डिप्टी कामांडेंट दिलीप कुमार झा ने बताया कि आरोप गलत है। जवानों ने कमलेश को नेपाल सीमा पर तस्करी के सामान के साथ पकड़ा था। झड़प के बाद जवानों ने आत्मरक्षा में गोली पैर में मारी। कमलेश के खिलाफ पहले भी नौतनवा थाने में तस्करी के कई मामले दर्ज हैं। उसके तीन भाई हिस्ट्रीशीटर हैं।  

कुरहवां गांव में पुलिस ने संभाली कमान, हाई अलर्ट में गुजरा एक-एक पल  

नौतनवा क्षेत्र के कुरहवा में एसएसबी जवानों से झड़प के बाद हुई कमलेश की मौत से सीमावर्ती सभी गांव आक्रोश में आ गए। मामला बढ़ता देख रविवार रात ही पांच थानों की पुलिस ने संपतिहा से लगायत कुरहवां गांव तक मोर्चा संभाल लिया। डीएम विरेन्द्र कुमार सिंह और एसपी आरपी सिंह भी पूरी रात जागते रहे। नौतनवा थाने में दोनों अधिकारियों ने पहुंच कमलेश के बड़े भाई अखिलेश की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ मारपीट और हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। इस बीच विवाद की आशंका में पुलिस फोर्स गांव में डटी रही। एएसपी आशुतोष शुक्ला वहीं मौजूद हैं। वहीं, महराजगंज कोतवाली पुलिस की मौजूदगी में संतोश के शव को पीएम के लिए भेजा गया। 

चार थानों की पुलिस तैनात
सोमवार सुबह पूर्व प्रधान रासमुझ के पुत्र संतोष की एसएसबी की झड़प में मौत की खबर पाकर आसपास के गांव के लोग भी उसके घर जुट गए। ग्रामीणों ने गोरखपुर-सोनौली मार्ग जाम कर प्रदर्शन की योजना बनाई लेकिन गांव में पहले से तैनात बरगदवा, सोनौली, परसामलिक, कोल्हुई, बृजमनगंज और फरेंदा थाने की फोर्स के आगे विरोध की योजना सफल नहीं हो सकी। उधर, एहतियातन एसपी ने पीएम हाउस में भी चार थानों की पुलिस फोर्स तैनात कर दी। मौके पर पनियरा, श्यामदेउरवा, चौक और कोतवाली के एसओ पूरी टीम के साथ मौजूद रहे। 

एसएलआर राइफल से मारी गई है गोली 
अब तक की जांच में संतोष के पैर में गोली एसएलआर राइफल से मारी गई है। मौके से पुलिस ने दो जिंदा कारतूस भी बरामद किया है। एसपी ने ग्रामीणों से निश्पक्ष जांच का भरोसा देकर कानून अपने हाथ में न लेने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि मामले में जो भी आरोपित होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा। भले ही वह एसएसबी जवान ही क्यों न हो। डीएम विरेन्द्र कुमार सिंह ने भी पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की बात कही है। 

परिजनों का रो रोकर बुरा हाल 
रविवार देर रात तक संतोश के परिजनों को नहीं पता था कि एसएसबी की झड़प में उसकी मौत हो गई है। इस बीच उसके बड़े भाई ने नौतनवा थाने में पहुंच तरीर देकर कार्रवाई की मांग की। रात करीब एक बजे एसपी की मौजूदगी में आईपीसी की धारा 302, 147, 249, 364 के तहत अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। इस बीच मौत की खबर पाकर परिजनों का रो रोकर बुरा हाल हो गया। पत्नी सरिता दो बच्चों को लेकर बेसुध पड़ी रही। गोद में आठ माह के बेटे आलोक और तीन वर्षीय अनिकेत से असमय पिता का साया उठ गया। 

9 भाइयों में 6वें नंबर का था कमलेश 
पूर्व प्रधान रासमुझ के नौ बेटे हैं। इनमें कमलेश छठें नंबर पर था। वह भाइयों के साथ मिलकर खेती बाड़ी करता था। पूरा परिवार हंसी खुशी साथ रहता था। लेकिन इसी बीच रविवार रात की घटना ने परिवार को बिखेर कर रख दिया।

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