ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश गोरखपुरसाहब! सुरक्षा कोष में कुछ अंश ले लें पर समय से दें पेंशन

साहब! सुरक्षा कोष में कुछ अंश ले लें पर समय से दें पेंशन

सिंचाई विभाग ड्रेनेज खंड से रिटायर अवर अभियंता गोविंद भाष्कर मणि आर्थिक तंगी की वजह से बुरी तरह टूट चुके हैं। तकरीबन 8 साल पहले रिटायर भाष्कर को अब तक पीएफ और अन्य वाजिब भुगतान नहीं मिला है। लम्बी...

साहब! सुरक्षा कोष में कुछ अंश ले लें पर समय से दें पेंशन
हिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरMon, 02 Mar 2020 02:02 AM
ऐप पर पढ़ें

सिंचाई विभाग ड्रेनेज खंड से रिटायर अवर अभियंता गोविंद भाष्कर मणि आर्थिक तंगी की वजह से बुरी तरह टूट चुके हैं। तकरीबन 8 साल पहले रिटायर भाष्कर को अब तक पीएफ और अन्य वाजिब भुगतान नहीं मिला है। लम्बी दौड़ लगाने के बाद उन्हें वर्ष 2018 से प्रोविजनल पेंशन दी जा रही है। यह पेंशन भी उन्हें कभी दो माह पर तो कभी 5 माह पर दी जा रही है। रिटायर अवर अभियंता ने विभाग के अफसरों के साथ ही मंडलायुक्त से गुहार लगाई है कि उनके इस प्रोविजनल पेंशन में से भी कुछ अंश राष्ट्रीय सुरक्षा कोष के लिए काट लिया जाए लेकिन भुगतान नियमित किया जाए।

सिंचाई विभाग ड्रेनेज खंड में वर्ष 1977 में अवर अभियंता पद पर भर्ती होकर 31 जुलाई 2011 को इसी पद से रिटायर होने वाले गोविंद भाष्कर मणि पाई-पाई के लिए मोहताज हो गए हैं। बीते तकरीबन 8 वर्षों में उन्होंने हर जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारी और जन प्रतिनिधि का दरवाजा खटखटाया जहां से उन्हें उम्मीद थी कि यदि पहल हो जाएगी तो उन्हें उनका हक मिल जाएगा। गोविंद भाष्कर मणि ने यही गुजारिश की कि उनके वेतन वृद्धि को जोड़कर फिक्सेशन कर दिया जाए। लेकिन हर जगह से उन्हें निराशा ही हाथ लगी। ऐसा न हो पाने के पीछे की वजह वह खुद यही बता रहे हैं कि उनका सर्विस बुक अपूर्ण है। विभागीय अधिकारी यही कहकर उन्हें टाल दे रहे हैं।

रिटायर अवर अभियंता ने काफी मिन्नतें की तो 17 जनवरी 2018 को तत्कालीन अधिशासी अभियंता द्वारा उनकी प्रोविजनल पेंशन मंजूर कर दी गई। उन्हें प्रोविजनल पेंशन के रूप में हर माह 17700 रुपये दिए जाने का आदेश हो गया। यह प्रोविजन पेंशन भी उन्हें समय से नहीं मिल रही है। आर्थिक रूप से जूझ रहे परिवार के इस मुखिया ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ ही मंडलायुक्त को पत्र लिखकर गुजारिश की है...साहब! मेरे प्रोविजनल पेंशन से हर माह कुछ अंश काटकर राष्ट्रीय सुरक्षा कोष में जमा कर लिया जाएऔर शेष राशि उन्हें नियमित भुगतान की जाए ताकि वह बुढ़ापे में गुजर-बसर कर सकें।

भुखमरी की कगार पर पहुंचा परिवार

मंडलायुक्त और अधिशासी अभियंता ड्रेनेज खंड गोरखपुर को लिखे गए प्रार्थना पत्र में कहा है कि उनका परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गया है। परिवार का बोझ उनके ही ऊपर है। एक बेटा प्राइवेट नौकरी कर रहा है और छोटा बेटा अभी पढ़ रहा है। जो प्रोविजन पेंशन तय कर दी जा रही है उसी उसे उनकी गृहस्थी की गाड़ी चल रही है। वह भी बार-बार रुक जाने की वजह से उनके परिवार के सामने रोटी तक का संकट खड़ा हो जा रहा है।

काश! सेवा पुस्तिका भर देते जिम्मेदार

‘हिन्दुस्तान से रविवार को बातचीत करते हुए रिटायर अवर अभियंता गोविंद भाष्कर मणि काफी भावुक हो गए। उनकी आवाज कांपने लगी जो इस बात का अहसास करा रही थी कि उनके मुंह से बोल बड़ी मुश्किल से फूट रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि जिम्मेदार अफसर उनकी सेवा पुस्तिका के खाली पड़े पन्नों को भर देते तो उन्हें उनका वाजिब हक मिल जाता।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें