ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश गोरखपुरशोहदा-ए-कर्बला के जिक्र से अकीदतमंदों की भर आई आंखे

शोहदा-ए-कर्बला के जिक्र से अकीदतमंदों की भर आई आंखे

अंधियारीबाग स्थित आस्ताना हजरत मिस्कीन शाह अलैहिर्रहमां पर मुफ्ती अख्तर हुसैन ने कहा कि कर्बला के मैदान में जबरदस्त मुकाबला हक (सत्य) और बातिल (असत्य) के बीच शुरू हुआ। तीर, नेजा और शमशीर के 72 जख्म...

शोहदा-ए-कर्बला के जिक्र से अकीदतमंदों की भर आई आंखे
मुख्य संवाददाता,गोरखपुर  Thu, 01 Jan 1970 05:30 AM
ऐप पर पढ़ें

अंधियारीबाग स्थित आस्ताना हजरत मिस्कीन शाह अलैहिर्रहमां पर मुफ्ती अख्तर हुसैन ने कहा कि कर्बला के मैदान में जबरदस्त मुकाबला हक (सत्य) और बातिल (असत्य) के बीच शुरू हुआ। तीर, नेजा और शमशीर के 72 जख्म खाने के बाद इमाम हुसैन सज्दे में गिरे और अल्लाह का शुक्र अदा करते हुए शहीद हो गए। पैगंबर-ए-इस्लाम के घराने वालों में से कुल 17 हजरात हजरत इमाम हुसैन के हमराह हाजिर होकर रुतबा-ए- शहादत को पहुंचे। यजीदी फौजों ने बचे हुए लोगों पर बहुत जुल्म किया। 

होठों से निकली या हुसैन की सदा
 शहर में जारी हैं जिक्रे शोहदा-ए-कर्बला की महफिलें

मोहर्रम की आठवीं तारीख को मस्जिदों और घरों में इमाम हुसैन व उनके जांनिसारों की याद में महफिलों का दौर जारी रहा। मस्जिदों, घरों और इमाम चौकों पर फातिहा-नियाज हुई। तकरीरों में उलेमाओं ने 'शहीद-ए-आजम इमाम हुसैन' और 'शोहदा-ए-कर्बला' की कुर्बानियों को याद किया जिसे सुन कर अकीदतमंदों ने नम आंखों से या हुसैन की सदा की। इसी क्रम में अहमदी सुन्नी जामा मस्जिद सौदागार मोहल्ला बसंतपुर में कारी मोहसिन बरकाती ने कर्बला की शहादत बयान की। हज्जन बीबी जामा मस्जिद धर्मशाला बाजार में मौलाना शमसुद्दीन निज़ामी और मौलाना महबूब ने कहा कि कर्बला के मैदान में हर तड़पती लाश की आखिरी हिचकी पर हजरत सैयदना इमाम हुसैन मैदान में पहुंचे। शहीदों का जिस्म गोद में उठा लिया। खेमे तक ले आए। जिगर के टुकडे़ भी है। आंखें के तारे भी है। बीबी हजरत जैनब के दुलारे भी। तीन दिन का भूखा प्यासा शेर 22 हजार के लश्कर के घेरे में है। तीरों की बारिश के बीच बहादुरी के जौहर दिखाते सज्दे के हालात में शहादत पा ली।
नूरी मस्जिद तुर्कमानपुर में मौलाना असलम रज़वी ने कहा कि नौवीं और दसवीं मोहर्रम दोनों दिन रोजा रखना चाहिए। पीएसी बिछिया स्थित निजामिया गौसिया मस्जिद में हाफिज मोहम्मद शरीफ बरकाती और मौलाना अब्दुर्रहीम ने कहा कि कर्बला से हक की राह में कुर्बान हो जाने का सबक मिलता है। मस्जिद जोहरा मौलवी चक बड़गो पर मौलाना अमीरुल्लाह ने बताया कि इमाम हुसैन के साथ हजरत इमाम हसन के चार नौजवान पुत्र हजरत कासिम (19), हजरत अब्दुल्लाह, हजरत उमर, हजरत अबु बक्र और हजरत अली के पांच पुत्र हजरत अब्बास, हजरत उस्मान, हजरत अब्दुल्लाह, हजरत मुहम्मद इब्ने अली, हजरत जाफ़र बिन अली ने शहादत पायीं। अहमद कटरा साहबगंज में मदीना मस्जिद के इमाम मौलाना अब्दुल्लाह बरकाती, मस्जिद सुप्पन खां (कुरैशिया मस्जिद) खूनीपुर में मौलाना अब्दुल कलाम अजहरी व मौलाना सदरुल हक निजामी, बेलाल मस्जिद इमामबाड़ा अलहदादपुर में कारी शराफत हुसैन कादरी ने तकरीर की। इसी तरह गौसिया मस्जिद छोटे काजीपुर, बहादुरिया जामा मस्जिद रहमतनगर, मस्जिद हरमैन रायगंज, गाजी मस्जिद गाजी रौजा, हजरत मुकीम शाह जामा मस्जिद बुलाकीपुर, मक्का मस्जिद मेवातीपुर इमामबाड़ा आदि में भी 'जिक्रे-शोहदा-ए-कर्बला' की महफिल हुई।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें