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खौफ के सात घंटे: कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता लल्लू भैया डूबने से बचे

कुशीनगर के करीब साढ़े तीन सौ लोगों ने सोमवार की रात बीच नारायणी नदी में खौफ के साए में सात घंटे गुजारे। नदी के बीच में बड़ी नाव बालू के टीले से अटक जाने और डीजल खत्म होने की सूचना पर छोटी नाव से डीजल...

खौफ के सात घंटे: कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता लल्लू भैया डूबने से बचे
हिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरTue, 26 Dec 2017 06:50 PM
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कुशीनगर के करीब साढ़े तीन सौ लोगों ने सोमवार की रात बीच नारायणी नदी में खौफ के साए में सात घंटे गुजारे। नदी के बीच में बड़ी नाव बालू के टीले से अटक जाने और डीजल खत्म होने की सूचना पर छोटी नाव से डीजल लेकर जा रहे तमकुहीराज विधायक व कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू की नाव की बड़ी नाव के पास पहुंचते-पहुंचते पलट गई थी। घंटों बाद दूसरी बड़ी नाव के पहुंचने के बाद सभी लोगों को रेस्क्यू कर बाहर लाया गया, तब तक रात के डेढ़ से अधिक बज गए थे।

नदी किनारे बसे जवही दयाल, जवही मुस्तकील, जवही एहतमाली व घघवा जगदीश आदि के सैकड़ों लोग रोज की तरह सोमवार की सुबह नारायणी नदी उस पार अपने खेतों में काम करने गए थे। शाम साढ़े पांच बजे के करीब बड़ी इंजन वाली नाव में करीब डेढ सौ लोग गन्ना लदी चार ट्रैक्टर-डीसी, बाइक, साइकिल व गन्ने का गेंड आदि लादकर इस पार के लिए चले। कोहरा हो गया था। कुछ मिनटों के बाद अचानक झटके के साथ नाव बालू के टीले में अटक गई। कुछ देर के प्रयास के बाद इस नाव का डीजल भी खत्म हो गया।

फंसे लोगों में से किसी ने इसकी सूचना मोबाइल से इस पार दी। इस सूचना पर चैनपट्टी घाट से चंद्रभान यादव की छोटी नाव पर डीजल लेकर विधायक अजय लल्लू तीन-चार लोगों के साथ मौके पर रवाना हुए। करीब दो सौ मीटर का ही फासला रहा होगा, लेकिन घने कोहरे की वजह से फंसी नाव तक पहुंचने में घंटों लग गए। बड़ी नाव दिख ही रही थी कि यह छोटी नाव असंतुलित होकर पलट गई और सभी लोग कमर भर पानी में डूबने लगे। किसी तरह बचकर लोग बड़ी नाव के पास बालू के टीले पर पहुंचे। प्रशासन को भी इसकी खबर हो गई।

मौके पर तमकुहीराज एसडीएम, सीओ व तरयासुजान एसओ मयफोर्स पहुंच गए। जंगलीपट्टी से वीर साहनी की बड़ी नाव मंगाई गई। कुछ साहसी तैराक व एसओ सत्येन्द्र कुंवर कुछ चुनिन्दा साथियों के साथ बड़ी नाव से डीजल आदि लेकर घंटों मशक्कत के बाद बड़ी नाव तक पहुंचे। नाव में फंसे लोगों को इस नाव में बिठाया गया। फंसी नाव में डीजल डालकर और धक्का देकर बालू के टीले से अलग कर स्टार्ट कराया गया। फिर आगे-पीछे दोनों नाव इस पार किनारे पर करीब डेढ बजे रात को पहुंची।

कांप रहे थे लोग, बिलख रही थीं महिलाएं और बच्चे

नाव में फंसे लोगों का हाल बेहाल था। बचाने गए विधायक व अन्य लोगों के अनुसार किसी अनहोनी की आशंका से सब परेशान थे। कड़ाके की ठंड में लोग कांप रहे थे। महिलाएं व बच्चे डर की वजह से रो रहे थे। मदद पहुंचने के बाद इन लोगों में बचने की आस बंधी।

रात भर उस पार ही रह गए सैकड़ों लोग

नदी इस पर से कई सौ लोग रोज उस पार अपने खेतों में काम करने जाते हैं। सोमवार को भी ऐसा हुआ। साढे पांच बजे नाव में जितने लोग सवार हो सकते थे, उतने सवार हुए और बाकी दूसरी बारी में जाने की प्रतीक्षा में उसी पार रुक गए। लेकिन इस हादसे के बाद दुबारा रात को नाव उस पार नहीं गई और सैकड़ों की संख्या में लोग उसी पर रात भर किकुड़ते हुए रात गुजारी।

चैनपट्टी घाट पर वर्षों से हो रही है पीपे के पुल की मांग

जवही दयाल के पास नारायणी नदी के इस छोर से उस छोर का पाट पांच से छह सौ मीटर है। उस पार अपने खेतों में जाने को रोज मजबूर लोग वर्षों से इस घाट पर पीपे के पुल की मांग कर रहे हैं। विधायक अजय लल्लू कहते हैं कि पिछले साल और इस साल भी सदन में उन्होंने इस पीपे के पुल की मांग की। अभियंताओं ने दौरा भी किया, लेकिन अभी तक कुछ सार्थक पहल नहीं हो सकी है।

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