डीडीयू ने लड़कों को आवंटित कर दी गर्ल्स कॉलेज की सीटें
केस एक-डीडीयू की संयुक्त प्रवेश परीक्षा समिति ने तीन छात्रों को इंदिरा गांधी गर्ल्स डिग्री कॉलेज तारामंडल में बीए की सीटें आवंटित कर दी। जब आवंटन लेटर के साथ छात्र कॉलेज में पहुंचे तो कॉलेज के गेट पर...
केस एक-डीडीयू की संयुक्त प्रवेश परीक्षा समिति ने तीन छात्रों को इंदिरा गांधी गर्ल्स डिग्री कॉलेज तारामंडल में बीए की सीटें आवंटित कर दी। जब आवंटन लेटर के साथ छात्र कॉलेज में पहुंचे तो कॉलेज के गेट पर उन्हें फटकारा गया। वह आवटन लेटर दिखाते रहे मगर कॉलेज प्रबंधन ने उनकी एक न सुनी और डांट कर भगा दिया। लौटकर तीनों छात्रों ने प्रवेश समिति को इसकी जानकारी तब विवि प्रशासन को चूक का अहसास हुआ।
केस दो-बीएससी नर्सिंग में अभी प्रवेश शुरू नहीं हुए हैं मगर डीडीयू से संबद्ध इकलौते गर्ल्स नर्सिंग कॉलेज में भी आधा दर्जन से अधिक छात्रों को डीडीयू की प्रवेश समिति ने सीटें आवंटित कर दी हैं। कॉलेज प्रशासन ने इसकी जानकारी होने के बाद उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि कॉलेज केवल छात्राओं के लिए है, इसमें लड़कों को प्रवेश नहीं दे सकते। अब विवि प्रशासन इसे भी मानवीय त्रुटि मानकर गलती सुधारने में जुटा है।
वैसे तो ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने पीछे विवि प्रशासन की यही मंशा थी कि इसमें गड़बड़ियों की गुंजाइश बिलकुल नहीं होगी। मगर ऐसा नहीं है। दोनों मामले यह बताने को पर्याप्त हैं कि संयुक्त प्रवेश परीक्षा की ऑनलाइन प्रक्रिया में किस हद तक गड़बड़ियां हुई हैं। जो कॉलेज केवल लड़कियों के लिए संचालित हैं और उनकी मान्यता केवल लड़कियों को पढ़ाने के नाम पर ही ली गई है, उनमें भी लड़कों को सीटें आवंटित कर दी गई है। अब डीडीयू प्रशासन इसे मानवीय त्रुटि करार देते हुए भले ही इसे सुधार लेने की बात कह रहा है मगर लड़कों को इसके चलते जो परेशानियां उठानी पड़ीं, विवि के पास उसका कोई जवाब नहीं है।
प्रवेश समिति के लोगों का कहना है कि कॉलेजों की सीटों का आवंटन वेबसाइट पर मौजूद कॉलेजों की सूची के अनुसार किया गया। वेबसाइट पर इन दोनों गर्ल्स कॉलेजों के बारे में कोएजुकेशन दर्ज था। ऐसे में इन कॉलेजों के लिए लड़कों को भी च्वाइस लॉक की अनुमति दी गई थी और उसी आधार पर इन्हें गर्ल्स कॉलेज में सीटों का आवंटन हो गया था। इंदिरा गांधी गर्ल्स कॉलेज से लौटाए गए छात्रों की जानकारी होने के बाद क्रास चेकिंग में इसका पता चला। इसके बाद विवि प्रशासन को यह गड़बड़ियां दुरूस्त करने को लिखा गया है। छात्रों को प्रवेश समिति अगली बार फिर से च्वाइस लॉक का मौका देगी। 30 व 31 जुलाई को फिर से च्वाइस लॉक का मौका दिया जाएगा।
बीए के कॉलेजों में अभी सीटें खाली हैं, इसलिए इन छात्रों का तो काम चल जाएगा मगर डीडीयू से संबद्ध केवल एक ही कॉलेज ऐसा है, जहां बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई होती है। यहां जिन छात्रों को सीटें आवंटित हुई हैं, उन्हें लिए अब कोई विकल्प नहीं है। विवि प्रशासन अब इन छात्रों को प्रवेश परीक्षा की फीस वापस करने की तैयारी कर रहा है। इसका कोई जवाब नहीं है कि विवि की प्रवेश परीक्षा पर भरोसा कर इन छात्रों ने क्या गलती की।