ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश गोरखपुरटैक्‍स के मुकदमों की लिस्‍ट ही तैयार नहीं कर पा रहे अफसर

टैक्‍स के मुकदमों की लिस्‍ट ही तैयार नहीं कर पा रहे अफसर

वाणिज्य कर विभाग के अफसर वैट के दौरान यानि 2015-16 तक के टैक्स विवादों संबंधी मुकदमों की अब तक फाइनल सूची ही वेबसाइट पर अपलोड नहीं कर सके हैं। जबकि इन सभी मुकदमों का ऑनलाइल निस्तारण 31 मार्च तक कर...

टैक्‍स के मुकदमों की लिस्‍ट ही तैयार नहीं कर पा रहे अफसर
हिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरWed, 30 Jan 2019 06:20 PM
ऐप पर पढ़ें

वाणिज्य कर विभाग के अफसर वैट के दौरान यानि 2015-16 तक के टैक्स विवादों संबंधी मुकदमों की अब तक फाइनल सूची ही वेबसाइट पर अपलोड नहीं कर सके हैं। जबकि इन सभी मुकदमों का ऑनलाइल निस्तारण 31 मार्च तक कर देना है। यह हाल तब है जब राज्य कर कमिश्नर इसके लिए बार-बार निर्देश जारी कर चुके हैं। राज्य कर कमिश्नर ने इस पर नाराजगी जताते हुए सभी जोन मुख्यालयों को निर्देश दिया है कि 5 फरवरी तक लंबित मुकदमों की सूची अपलोड कर सभी अफसरों को समान संख्या में मुकदमों का वितरण कर निस्तारण की जिम्मेदारी तय कर दें। इसी दिन इसकी डिटेल राज्य मुख्यालय के ई मेल पर भी भेजने का निर्देश दिया है।

वैट में सभी काम मैनुअल होते थे। जीएसटी लागू होने के बाद मैनुअल कार्य पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। केन्द्र सरकार के निर्देश पर राज्य मुख्यालय ने सभी जोन मुख्यालयों के पेंडेंसी रजिस्टर पर दर्ज आंकड़ों के आधार पर लंबित मुकदमों की कुल संख्या मंगाई और उन्हें अविलंब निस्तारित करने के निर्देश दिए। नवंबर महीने में मुख्यालय ने समीक्षा की तो पाया कि पूरे प्रदेश में एक लाख से अधिक मुकदमे लंबित हैं। गोरखपुर जोन में लंबित मुकदमों की संख्या करीब 18000 है।

राज्य कर कमिश्नर ने तब सभी जोन मुख्यालयों को आदेश दिया कि मुकदमों को विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन दर्ज कराएं और सभी अफसरों को समान संख्या में मुकदमे बांट कर 31 मार्च तक निस्तारित करने की जिम्मेदारी तय कर दें। मुख्यालय ने ऑनलाइन लंबित मुकदमों की सूची 7 जनवरी तक ई मेल से इसकी डिटेल मांगी थी कितने मामलों में पेंडेंसी तैयार हो चुकी है और कितने में नहीं। मगर किसी जोन मुख्यालय ने यह डिटेल मुख्यालय को उपलब्ध नहीं कराई। इस पर नाराजगी जताते हुए राज्य कर कमिश्नर अमृता सोनी ने 5 फरवरी तक मुकदमों का हस्तांतरण करते हुए अफसरों की जिम्मेदारी तय करने का निर्देश दिया है।

लंबित मामलों का निस्तारण तेजी से चल रहा है। पिछले दिनों मुख्यालय ने वेबसाइट पर सूची अपलोड करने की प्रक्रिया खुद रोक दी थी। इसलिए इसमें देर हुई। अब दोबारा प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। तय समय तक मुख्यालय को डिटेल उपलब्ध करा दी जाएगी। 31 मार्च तक 2015-16 के लंबित वादों का निस्तारण हर हाल में कर दिया जाएगा।

वीएन द्विवेदी, एडिशनल कमिश्नर

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें