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खुलासा: दुष्कर्म में असफल होने पर बेटे ने ली 6 साल की बच्ची की जान, दो दिन छत पर शव रखने के बाद मॉ की मदद से फेंका

बरहज में हुए मासूम बच्ची की हत्याकांड का रविवार को पुलिस ने खुलासा कर दिया। पुलिस के अनुसार युवक ने मासूम से जबरदस्ती की। इसी दौरान बच्ची के सिर में गंभीर चोट लग गई और खून बहने लगा। मामले के खुलासे...

खुलासा: दुष्कर्म में असफल होने पर बेटे ने ली 6 साल की बच्ची की जान, दो दिन छत पर शव रखने के बाद मॉ की मदद से फेंका
देवरिया हिन्दुस्तान टीम,देवरिया Sun, 15 Dec 2019 06:56 PM
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बरहज में हुए मासूम बच्ची की हत्याकांड का रविवार को पुलिस ने खुलासा कर दिया। पुलिस के अनुसार युवक ने मासूम से जबरदस्ती की। इसी दौरान बच्ची के सिर में गंभीर चोट लग गई और खून बहने लगा। मामले के खुलासे के डर से आरोपी ने मुंह दबा कर उसकी हत्या कर दी। घटना के बाद दो दिनों तक घर की छत पर शव को रखने के बाद मां की मदद से उसे नाले के किनारे फेंक दिया।
 पुलिस लाइन में पत्रकारवार्ता करते हुए एसपी डा श्रीपति मिश्र ने बताया कि बरहज थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति की छह वर्षीय बेटी 5 नवम्बर की शाम को दरवाजे पर खेल रही थी। पड़ोस का युवक राकेश उसे अपने घर पर बुलाकर ले गया। उस समय युवक की मां व बहन पड़ोस में एक कार्यक्रम में गई थी। घर में अकेला मौजूद उसे अपनी छत पर ले गया और बच्ची से जबरदस्ती करने लगा। बालिका विरोध करते हुए भागी तो उसका सिर छत की बाउंड्रीवाल से टकरा गया और खून बहने लगा। रो रही मासूम ने घर जाकर पूरी बात मां से बताने को कहा तो युवक ने उसका मुंह दबा दिया जिससे उसकी मौत हो गई। घटना के बाद युवक शव को छत पर छोड़ कर चला गया। 7 नवम्बर को आरोपी की मां उर्मिला देवी अपने घर की छत पर गई तो बालिका का शव देखकर दंग रह गई। उन्होंने बेटे से पूछा तो उसने घटना के बारे में जानकारी दी।
खुरच-खुरच कर धोया छत
पुलिस से बचने के लिए मां-बेटे ने साक्ष्य छुपाने का पूरा प्रयास किया। दोनों ने छत पर पसरे खून को खुरच-खुरच कर पानी से धोया। रात में शव को ले जाने का प्रयास किया, लेकिन गांव के प्रधान के घर प्रवचन होने के चलते उस दिन सफल नहीं हो सके। 8 व 9 नवम्बर की रात में मां-बेटे ने मिलकर शव को बेलडाड़ स्थित ठाकुर मंदिर के समीप नाले के पास झाड़ी में फेंक दिया। किसी को उन पर शक न हो इसके लिए 9 नवंबर को भी वे गांव में ही मौजूद रहे।
विधि-विज्ञान प्रयोगशाला की मदद से खुलासा
 9 नवंबर की सुबह मासूम का शव मिलने पर परिजनों व ग्रामीणों ने जमकर हंगाम किया था। मौके पर पहुंचे डीएम-एसपी ने मामले का जल्द खुलासा का भरोसा देते हुए आक्रोशित लोगों को शांत कराया था। मामले में पेंच देख इंस्पेक्टर गिरजेश कुमार तिवारी ने विधि विज्ञान प्रयोगशाला के सहायक वैज्ञानिक हरी प्रसाद चौहान से मदद मांगी। शक के आधार पर पुलिस टीम ने आरोपी की छत पर मिले कुछ खून के धब्बों की जांच कराने के साथ ही चार बार पूछताछ की। जांच में खून किसी आदमी का खून होने के बाद शक और गहरा गया। जब सख्ती से पुलिस ने आरोपी व उसकी मां से पूछताछ की तो उन्होंने सच्चाई कबूल कर ली। पुलिस ने अरोपी राकेश पुत्र गोरखनाथ साहनी और उसकी मां उर्मिला देवी के विरुद्ध हत्या की धारा बढ़ाते हुए रविवार को न्यायालय में पेश किया, जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया।

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