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एनआईवी में इंसेफेलाइटिस पर रिसर्च बंद

इंसेफेलाइटिस से जूझ रहे पूर्वांचल को बड़ा झटका लगा है। इंसेफेलाइटिस के कारणों पर चल रही रिसर्च को फंड देने से आईसीएमआर ने इनकार कर दिया। जिसके बाद टीम ने रिसर्च को बंद कर दिया। इसमें मच्छरों के कारण...

एनआईवी में इंसेफेलाइटिस पर रिसर्च बंद
कार्यालय संवाददाता ,गोरखपुरFri, 24 Nov 2017 11:00 PM
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इंसेफेलाइटिस से जूझ रहे पूर्वांचल को बड़ा झटका लगा है। इंसेफेलाइटिस के कारणों पर चल रही रिसर्च को फंड देने से आईसीएमआर ने इनकार कर दिया। जिसके बाद टीम ने रिसर्च को बंद कर दिया। इसमें मच्छरों के कारण होने वाले इंसेफेलाइटिस पर भी शोध किया जा रहा था। 
यह रिसर्च चार साल पहले शुरू हुआ। केन्द्र सरकार के वेक्टर कंट्रोल रिसर्च सेंटर(वीसीआरसी) व इंडियन काउंसिंल ऑफ मेडिकल रिसर्च(आईसीएमआर) ने संयुक्त रूप से रिसर्च शुरू किया। इस टीम की अगुआई मुख्य शोधकर्ता डॉ. भुवन भास्कर मिश्र ने की। टीम ने गोरखपुर, देवरिया और कुशीनगर में रिसर्च किया। इसके लिए शोधकर्ताओं ने एनआईवी के वैज्ञानिकों की भी मदद ली।

मच्छरों के घनत्व के साथ बीमारी के कारणों की हुई पड़ताल
शोध में इंसेफेलाइटिस प्रभावित गांवों में कारणों की पड़ताल की गई। टीम ने मच्छरों के घनत्व और उसके कारण हो रही बीमारी पर भी शोध किया। यह प्रोजेक्ट तीन वर्ष के लिए मंजूर किया गया। बीमारी की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रोजेक्ट की मियाद एक साल के लिए बढ़ाई गई। आईसीएमआर ने नवम्बर से प्रोजेक्टर की मियाद को आगे और बढ़ाने से इनकार कर दिया। इतना ही नहीं शोध में शामिल टीम को भी फंड देने से इनकार कर दिया । टीम के प्रभारी रहे डॉ. भुवन भास्कर मिश्र ने शोध खत्म होने की तस्दीक की। हालांकि उन्होंने शोध के मियाद को आगे और विस्तार न मिलने के कारणों को नहीं बताया। 

सेंट्रल रिजनल कंपोजिट रिसर्च सेंटर के लिए मिलेंगे 25 करोड़
लिए केन्द्र सरकार ने अहम कदम उठाया है। केन्द्र सरकार ने इसके लिए 25 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। खबर है कि इसकी पहली किश्त भी जारी कर दी गई। पूर्वांचल में इंसेफेलाइटिस के कारणों की पड़ताल के लिए केन्द्र सरकार नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे का एक सेंटर बीआरडी मेडिकल कालेज में संचालित कर रही है। केन्द्र सरकार ने इस सेंटर के विस्तार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। खबर है कि केन्द्र सरकार ने इस एनआईवी के विस्तार के लिए 25 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। प्राचार्य डॉ. पीके सिंह ने बताया कि प्रस्तावित भवन का नाम सेंट्रल रिजनल कंपोजिट रिसर्च सेंटर है। 

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