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15 अगस्त तक शुरू होगी डीडीयू में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया

डीडीयू में शिक्षकों की कमियां दूर करने की पहल शुरू हो गई है। डीडीयू में खाली चल रहे 215 शिक्षकों के पद के लिए 15 अगस्त से पहले नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। कुलपति ने नियुक्तियों के लिए नए सिरे...

15 अगस्त तक शुरू होगी डीडीयू में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया
कार्यालय संवाददाता,गोरखपुरSat, 15 Jul 2017 06:43 PM
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डीडीयू में शिक्षकों की कमियां दूर करने की पहल शुरू हो गई है। डीडीयू में खाली चल रहे 215 शिक्षकों के पद के लिए 15 अगस्त से पहले नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। कुलपति ने नियुक्तियों के लिए नए सिरे से गाइड लाइन तैयार करा ली है। कोशिश है कि एक बार नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो तो फिर नियुक्तियां पूरी करने के बाद ही रुके।
डीडीयू में पिछले 17 सालों से शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई है। वर्ष-2010 से पहले मानदेय शिक्षकों को रखकर क्लासेज चलवाए जाते थे मगर जब मंडलायुक्त पीके महांति यहां के कार्यवाहक कुलपति थे, तब उन्होंने एक आदेश के तहत मानदेय शिक्षकों के नवीनीकरण पर रोक लगा दी। पहले डीडीयू शोधार्थियों की मदद से भी क्लास कराता था मगर पांच साल से शोध में पंजीकरण भी बंद है, लिहाजा अब पढ़ाने के लिए शोधार्थी भी नहीं बचे हैं। 
शिक्षकों के 215 पद खाली, नए सिरे से जारी होगा विज्ञापन
पुराने आवेदन मान्य होंगे या नहीं, इस पर चल रहा है विचार
नियुक्ति की नई नियमावली तैयार कर चुका डीडीयू प्रशासन

पूर्व कुलपति प्रो. अशोक कुमार ने शिक्षकों की नियुक्ति के तीन प्रयास किए। शासनादेशों के अध्ययन के बाद उन्होंने बीते वर्ष विज्ञापन भी प्रकाशित कराया। आवेदन आए भी मगर समय से उन्हें एक्सपर्ट्स की लिस्ट नहीं मिल सकी। अब मौजूदा कुलपति प्रो. वीके सिंह ने एक बार फिर इस पर काम शुरू कराया है। शासन से इस बारे में उन्हें हरी झंडी मिल गई है। समय-समय पर यूजीसी द्वारा जारी गाइडलाइन यूजीसी व राजाज्ञाओं का अध्ययन कर डीडीयू प्रशासन ने नियुक्तियों के लिए गाइडलाइन तैयार करा ली है। 
अब केवल एक मसला बचा है कि पूर्व में आए आवेदनों को नई नियुक्ति में विचार के लिए रखा जाएगा या नहीं। इस पर भी कुछ दिन में हर हाल में निर्णय कर लिया जाएगा। डीडीयू प्रशासन ने तय किया है कि 15 अगस्त से पहले नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।  
वर्ष-2003 से नहीं हुई हैं विश्वविद्यालय में नियुक्तियां
आलम यह है कि वर्ष-2003 के बाद विवि में शिक्षकों की कोई सीधी भर्ती नहीं हुई। जबकि हर साल औसतन 15 से 20 शिक्षक रिटायर हो रहे हैं। यहां महज 150 शिक्षक ही बचे हैं, जबकि विवि में शिक्षकों के सृजित पदों की संख्या 365 है।  
शिक्षकों की लगातार कमी से विश्वविद्यालय में शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रश्न चिह्न लगता जा रहा है। विश्वविद्यालय में एक ओर जहां विद्यार्थियों की संख्या भले ही बढ़ रही है वहीं शिक्षकों की संख्या लगातार घट रही है। विश्वविद्यालय प्रशासन के लाख प्रयास के बाद भी नए शिक्षकों की भर्ती नहीं हो पा रही थी। वर्ष-2011 में तत्कालीन कुलपति प्रो. पीसी त्रिवेदी ने शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया मगर मामला कोर्ट चले जाने पर नियुक्ति नहीं हो सकी। उनके जाने के बाद तत्कालीन कुलपति प्रो. अशोक कुमार ने भी शिक्षकों की भर्ती के लिए वर्ष-2014 विज्ञापन प्रकाशित कराया मगर यह नियुक्ति भी कोर्ट में मामाला फंसा होने के चलते नहीं हो पाई। पेंच रिजर्वेशन को लेकर फंसा था। पूर्व कुलपति प्रो. कुमार ने काफी प्रयास कर वर्ष-2016 में यह पेंच भी सुलझा लिया और दोबारा विज्ञापन प्रकाशित कराया। आवेदन भी काफी संख्या में आ गए मगर इसी बीच डीडीयू में उनका कार्यकाल समाप्त हो गया और नियुक्तियां नहीं हो सकीं। 


‘‘कुलपति जी के निर्देशों के मुताबिक नियुक्ति प्रक्रिया हर हाल में जल्द शुरू की जानी है। कोशिश है कि 15 अगस्त से पहले विज्ञापन जारी कर दी जाए।’’
 शत्रोहन वैश्य, कुलसचिव, डीडीयू 

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