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रामलीला : सीता की खोज में निकली वानर सेना

रामलीला कमेटी, बर्डघाट की ओर से सर्राफा भवन में आयोजित रामलीला के छठवें दिन गुरुवार को वानरों के प्रस्थान का मंचन किया...

रामलीला : सीता की खोज में निकली वानर सेना
हिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरThu, 22 Oct 2020 03:15 AM
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रामलीला कमेटी, बर्डघाट की ओर से सर्राफा भवन में आयोजित रामलीला के छठवें दिन गुरुवार को वानरों के प्रस्थान का मंचन किया गया।

बालि वध के बाद सीता की खोज में राम और सुग्रीव आगे बढ़ते हैं। सुग्रीव अपनी सेना के साथ सीता की खोज में निकल पड़ते हैं। आगे चलने पर समुद्र दिखाई देता है। समुद्र बहुत विशाल था उसको पार करना बहुत मुश्किल था। प्रभु राम नल और नील की सहायता से सेतु का निर्माण करते हैं। यह दृश्य देखकर लीला मैदान में बैठे सभी राम भक्त जय श्री राम के जय जयकार करने लगते हैं।

अध्यक्ष पंकज गोयल व महामंत्री अनूप अग्निहोत्री द्वारा प्रभु राम की आरती के साथ मंचन समाप्त हुआ। इसके बाद प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर अनिल बर्नवाल, विनोद कुमार, बेचू लाल, मदन गुप्ता, मृणाल बर्नवाल, बलवंत आर्य, गोपाल जी वर्मा, चन्द्र कुमार, अमरनाथ व अनुराग आदि मौजूद थे।

रावण ने छलपूर्वक किया सीता का हरण सचित्र

गोरखपुर। रामलीला समिति, आर्यनगर द्वारा मानसरोवर मैदान में चल रही रामलीला के छठवें दिन बुधवार को जयन्त परीक्षा, पंचवटी प्रवेश, नासिका भेदन व सीता हरण का मंचन किया गया।

मंचन का प्रारम्भ राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष अंजू चौधरी, भाजपा के अमिता गुप्ता व निहारिका त्रिपाठी, महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता, बंगाली समिति के सचिव अभिषेक चटर्जी व उपाध्यक्ष विजय कृष्ण नंदी द्वारा भगवान राम की आरती के साथ शुरू हुआ। देवराज इन्द्र के पुत्र जयन्त कौआ के रूप में जानकी के पैर में चोंच से प्रहार करते हैं। राम क्रोधित होकर बाण छोड़ देते हैं। जयन्त जान बचाकर भागते हैं। यहां से आगे बढ़ते हैं। वहांरावण की बहन शूर्पणखा राम व लक्ष्मण को देखकर मोहित हो जाती है। वह शादी का प्रस्ताव रखती है। संवाद के दौरान ही लक्ष्मण उसे पहचान लेते हैं और उसकी नासिका काट देते हैं।

उसके बाद पंचवटी में सुन्दर मृग देख कर जानकी उसे प्राप्त करना चाहती हैं। श्री राम मृग का पीछा करते हुए वन में जाते हैं। इसी दौरान अपनी माया से मारीच लक्ष्मण को आवाज देता है। लक्ष्मण बाहर निकलते हैं तभी रावण साधु भेष बनाकर कुटी में पहुंचता है और सीता का हरण कर लेता है।

गिद्धराज जटायु ने रावण को रोकने की कोशिश की, जिसके बाद दोनों में युद्ध छिड़ जाता है। जटायु घायल हो जाते हैं और रावण माता सीता का हरण कर लंका ले जाता है। उधर, राम मारीच को मारकर वापस लौटते हैं। सीता को न देख उनकी दुखी हो जाते हैं और सीता की खोज में निकल जाते हैं। रास्ते में जटायु मिलते हैं और राम को वृतांत बताते हैं। जटायु उनकी गोद में ही आखिरी सांस लेते हैं। उनका अंतिम संस्कार कर सीता की खोज में राम आगे बढ़ते हैं। सेबरी के आश्रम में पहुंचते हैं। सेबरी उनकी सेवा करती है। यहीं बुधवार का मंचन समाप्त हो गया। गुरुवार को हनुमान जी की भेंट, सुग्रीव से मित्रता, बालि वध, सीता की खोज व लंका दहन का मंचन किया जाएगा।

इस अवसर पर महामंत्री पुष्पदन्त जैन, भगवती जालान, विजय प्रकाश अग्रवाल, शोभित मोहन दास, महेश पोद्दार, गोवर्धन सिंह, डॉ. सुरेश, दिनेश शर्मा, मनीष अग्रवाल सराफ, राजीव रंजन अग्रवाल, जितेन्द्र नाथ व श्याम मोहन अग्रवाल आदि मौजूद थे।

रामायण प्रतियोगिता आज से

रामलीला समिति, आर्यनगर द्वारा रामायण प्रतियोगिता शुरू की जा रही है। प्रवक्ता विकास जालान ने बताया कि इसके तहत रामलीला समिति, आर्यनगर के फेसबुक पेज पर प्रतिदिन पांच सवाल किए जाएंगे। रामलीला के लाइव प्रसारण के दौरान ही रामलीला मंचन पर आधारित प्रश्न पूछे जाएंगे। जवाब कमेंट बॉक्स में देना होगा। मंचन समाप्त होने पर सही जवाब देने वाले पांच श्रद्धालुओं का नाम लकी ड्रा से चयनित किया जाएगा। अगले दिन मंचन शुरू होते समय विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा। सभी विजेताओं में से एक को विजयदशमी के दिन सम्मानित किया जाएगा।

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