जानिए, गोरखपुर टेरर फंडिंग का मास्टरमाइंड कैसे बन गया मार्ट का मालिक
टेरर फंडिंग में पुणे से पकड़ा गया रमेश शाह रातोंरात फर्श से अर्श तक पहुंचा है। उसके पिता और भाई गोरखपुर के मोहद्दीपुर में सब्जी बेचते हैं लेकिन जाने कहां से रमेश के पास इतनी दौलत आई कि वह मेडिकल कालेज...
टेरर फंडिंग में पुणे से पकड़ा गया रमेश शाह रातोंरात फर्श से अर्श तक पहुंचा है। उसके पिता और भाई गोरखपुर के मोहद्दीपुर में सब्जी बेचते हैं लेकिन जाने कहां से रमेश के पास इतनी दौलत आई कि वह मेडिकल कालेज रोड पर दो मंजिला मार्ट का मालिक बन बैठा।
एक साल पहले ही उसने यह मार्ट खोला था। टेरर फंडिंग में नाम आने के बाद से मार्ट बंद है। रमेश के परिवार का टिनशेड का एक मकान गोरखपुर के बिछिया में है। वह मूल रूप से बिहार के गोपालगंज का रहने वाला है। रमेश घर का बड़ा बेटा है। छोटा बेटा पिता के साथ मोहद्दीपुर में ओवरब्रिज के नीचे सब्जी की दुकान लगाता है।
पिता का कहना है कि उसे नहीं मालूम कि रमेश किस किस्म के अपराध में शामिल है। रमेश के मार्ट में आठ-दस कर्मचारी काम करते थे। उसकी मां ने बताया कि बेटा मार्ट खोलने से पहले प्रापर्टी डीलिंग का काम करता था। उसका दावा है कि मार्ट के लिए उसने अपने गहने बेचकर रुपए दिए थे।
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