Ram Katha Spiritual Insights from Raghuvansh Hindu in Gorakhpur भरत रहते तो राम का वनवास नहीं हो सकता था, Gorakhpur Hindi News - Hindustan
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भरत रहते तो राम का वनवास नहीं हो सकता था

Gorakhpur News - गोरखपुर में आयोजित राम कथा के पांचवें दिन, कथावाचक रघुवंश हिंदू ने श्रद्धालुओं को अमृत वर्षा का रसपान कराया। उन्होंने कैकेई और राजा दशरथ की कहानी, मंथरा के प्रभाव और राम के वनवास पर प्रकाश डाला। कथा...

Newswrap हिन्दुस्तान, गोरखपुरSun, 29 Dec 2024 02:15 AM
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भरत रहते तो राम का वनवास नहीं हो सकता था

गोरखपुर, निज संवाददाता। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा और प्रताप सभागार फाउंडेशन ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित राम कथा के पांचवें दिन शनिवार को कथावाचक रघुवंश हिंदू ने श्रद्धालुओं को राम कथा की अमृत वर्षा का रसपान कराया।

रघुवंश हिंदू ने कैकेई द्वारा राजा दशरथ से दो वरदान मांगने की घटना पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे मंथरा ने कैकेई के मन में राम के विरुद्ध विचार डाले, जिससे उसकी बुद्धि भ्रष्ट हो गई। उन्होंने यह भी कहा कि राम का वनवास भरत की अनुपस्थिति में ही संभव हो पाया, क्योंकि भरत रहते तो राम का वनवास नहीं हो सकता था। राम के प्रति प्रेम का उल्लेख करते हुए कथा व्यास ने कहा कि जब राम का प्रेम मूर्त रूप लेता है, तो वह भरत के रूप में व्यक्त होता है।

उन्होंने केवट के साथ राम के संवाद और उसकी भक्ति का भी वर्णन किया। राम कथा के समापन में आरती का आयोजन किया गया, जिसमें प्रहलाद शाही, रामदेव सिंह, राधेश्याम चंद, इंद्रजीत सिंह चंदेल समेत अन्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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