तो क्या पुलिस के लिए मुश्किल है राघवेंद्र को पकड़ना
पचास हजार के इनामी राघवेन्द्र यादव को पकड़ना पुलिस के लिए मुश्किल होता जा रहा है। करीब तीन साल से राघवेन्द्र पुलिस को छका रहा है। पुलिस उसे पकड़ने की लगातार प्रयास कर रही है लेकिन नाकाम हो जा रही है।...
पचास हजार के इनामी राघवेन्द्र यादव को पकड़ना पुलिस के लिए मुश्किल होता जा रहा है। करीब तीन साल से राघवेन्द्र पुलिस को छका रहा है। पुलिस उसे पकड़ने की लगातार प्रयास कर रही है लेकिन नाकाम हो जा रही है। पिछले दिनों पुलिस को उसके गांव में होने की लोकेशन मिली थी जिसके बाद पुलिस ने घेराबंदी की थी लेकिन कामयाबी नहीं मिली थी।
झंगहा के सुगहा गांव निवासी राघवेन्द्र यादव ने एक अप्रैल 2018 को गांव के रहने वाले रिटायर्ड दरोगा जय हिंद यादव और उनके बेटे नागेन्द्र यादव को गोलियों से भून दिया था। पिता-पुत्र मुकदमें की तारीख देखकर कचहरी से लौट रहे थे। इस घटना से करीब ढाई साल पहले राघवेन्द्र ने जयहिंद के भाई बलवंत यादव और बेटे कौशल यादव की गोली मारकर हत्या की थी। तभी से वह फरार था। फरारी के दौरान ही उसने एक अप्रैल की घटना को अंजाम दिया था। सनसनीखेज वारदात के बाद से ही पुलिस ने राघवेन्द्र को पकड़ने का दावा कर रही है पर कामयाबी नहीं मिल रही है। इस बीच आईजी ने उसके ऊपर पचास हजार रुपये का इनाम भी घोषित कर दिया है। उसके विदेश भागने की भी आशंका जताई गई लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो पाई।
जयहिंद के अन्य बेटे की हत्या के फिराक में है राघवेन्द्र
रिटायर दारोगा जयहिंद और उनके दो बेटों की हत्या के बाद अन्य बेटों को मारने के लिए भी राघवेन्द्र उस इलाके में घूम रहा है। इधर, राघवेन्द्र की खौफ से जयहिंद के परिवार के लोगों ने उनका क्रियाक्रर्म तो किया पर ब्रम्हभोज नहीं किया। वहीं डर की वजह से अब गांव से बाहर खेत में मकान बनवा रहा है।
पुलिस ने राघवेन्द्र के शरणदाता को दबोचा
पचास हजार के इनामी राघवेन्द्र को तो पुलिस नहीं पकड़ पाई। पर उसके शरणदाता उग्रसेन यादव को रविवार की रात में दबोच लिया है। गगहा थाना क्षेत्र के कहला गांव निवासी उग्रसेन यादव उसका रिश्तेदार है। पुलिस के मुताबिक उग्रसेन यादव ने राघवेन्द्र को शरण दिया था। हालांकि वर्तमान समय में राघवेन्द्र कहां है किसके पास शरण लिया है इसके बारे में पुलिस पूछताछ कर रही है।