101 करोड़ से बन रहा पूर्वांचल का पहला जीआईएस बिजली घर
गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता पूर्वांचल से अंधेरा खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने...
गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता
पूर्वांचल से अंधेरा खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल में बिजली आपूर्ति के क्षेत्र में गोरखपुर को कई सौगात दिए। पूर्वांचल का पहला 220/33 केवी जीआईएस बिजलीघर गोरखपुर को मिला। इसके साथ ही शहर के बाहरी मोहल्लों में बांस-बल्ली के खम्भों के सहारे बिजली इस्तेमाल कर रहे करीब 40 हजार परिवारों को बेहतर बिजली आपूर्ति देने के लिए सीमेंट के खम्भे, ट्रांसफॉर्मर व एबी कण्डक्टर लगाने के प्रोजेक्ट को स्वीकृति दी। इसके साथ ही शहर को 33 केवी के दो बिजलीघरों की सौगात भी दी। इनके बनने से करीब 25 हजार परिवारों को बेहतर बिजली आपूर्ति मिलेगी। आगामी 10 वर्ष तक ओवरलोड जैसी समस्या का सामना शहरवासियों को नहीं करना पड़ेगा।
महानगर के विभिन्न क्षेत्रों में बन रहे शॉपिंग माल, मल्टीस्टोरी बिल्डिंग व अन्य औद्योगिक संस्थानों में बिजली की मांग व बढ़ते लोड के मद्देनजर शहर में 220 केवी ट्रांसमिशन बिजलीघर की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। बिजली निगम ने अभियंताओं ने सीएम के सामने जीआईएस बिजली घर का प्रस्ताव सालभर में रखा। सीएम ने पूर्वांचल के पहले 220 केवी जीआईएस बिजलीघर की गोरखपुर को सौगात दी। इसके लिए 101 करोड़ रुपये स्वीकृत किए। इस बिजलीघर का निर्माण खोराबार क्षेत्र में चल रहा है। इसके बनने से गोरखपुर शहर व ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को काफी सहू0लियत मिलेगी। बाउण्ड्रीवाल का निर्माण अंतिम चरण में है। यह अत्याधुनिक तकनीकी वाला पूर्वांचल का पहला बिजली घर होगा।
10.96 करोड़ से हटाए गए बांस-बल्ली के खम्भें
शहर के बाहरी मोहल्लों में करीब 40 हजार परिवार काफी दिनों से बांस-बल्ली के सहारो केबल लगाकर बिजली का इस्तेमाल कर रहे थे। इससे लोगों को आए दिन बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा था। नगर विधायक की पहल पर बिजली निगम के अभियंताओं ने बांस-बल्ली के खम्भों को बदलने का प्रस्ताव बनाया। उसे सीएम के समक्ष रखा। सीएम ने उसे भी स्वीकृति दे दी। यह काम अब खत्म होने को है। इस तरह सीएम की पहल से करीब 40 हजार परिवारों को बेहतर बिजली आपूर्ति मिलने लगी है।
13.50 करोड़ से बनेंगे दो बिजली घर
शहर के दिव्यनगर व बिछिया मोहल्ले के लोगों को बेहतर बिजली आपूर्ति मुहैया कराने को सीएम ने दो बिजलीघरों का तोहफा भी दिया। इसके लिए भी 13.50 करोड रुपये स्वीकृत किए। जिला प्रशासन द्वारा अबतक जमीन नहीं उपलब्ध कराए जाने के कारण इन बिजलीघरों का निर्माण नहीं शुरू हो सका है। इन बिजलीघरों के बनने से दोनों क्षेत्रों के करीब 25 हजार परिवारों को बेहतर बिजली आपूर्ति मिलेगी।