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हाथरस कांड पर भड़का गुस्‍सा, कहीं सत्‍याग्रह तो कहीं कैंडिल मार्च निकालकर किया विरोध 

हाथरस गैंगरेप पीडि़ता की मौत के बाद इस मामले को लेकर शुक्रवार को दिन भर सड़कों पर लोगों का गुस्‍सा फूटता नज़र आया। दिन भर सत्‍याग्रह और पुतला फूंकने की कोशिश होती रही तो शाम को कैंडिल मार्च...

हाथरस कांड पर भड़का गुस्‍सा, कहीं सत्‍याग्रह तो कहीं कैंडिल मार्च निकालकर किया विरोध 
हिन्‍दुस्‍तान टीम ,गोरखपुर Fri, 02 Oct 2020 08:26 PM
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हाथरस गैंगरेप पीडि़ता की मौत के बाद इस मामले को लेकर शुक्रवार को दिन भर सड़कों पर लोगों का गुस्‍सा फूटता नज़र आया। दिन भर सत्‍याग्रह और पुतला फूंकने की कोशिश होती रही तो शाम को कैंडिल मार्च निकालकर लोगों ने अपने गम और गुस्‍से का इजहार किया। इस बीच चेतना तिराहे पर कैंडिल मार्च निकालते कांग्रेस कार्यकर्ताओं से पुलिस से तकरार भी हुई। 

भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। जिलाध्यक्ष अंशुमान पाठक के नेतृत्व में बेरोजगारों की मांगों को लेकर विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर छात्रों ने सत्याग्रह किया। इस दौरान राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा गया। सत्याग्रह के दौरान कार्यकर्ताओं ने महात्मा गांधी की तस्वीर पर माल्यार्पण कर रघुपति राघव राजा राम का भजन गाया। जिलाध्यक्ष ने बताया कि प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार, महिलाओं को सुरक्षा, छात्रों को शिक्षा देने में असफल है। सत्याग्रह के माध्यम से सरकार को उनकी जिम्मेदारी का एहसास काराया जा रहा है। इस मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष योगेश प्रताप सिंह, महासचिव पुनीत कुमार त्रिपाठी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुमित कुमार पांडेय, युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष अभिजीत पाठक ने अहिंसक छात्र सत्याग्रह को समर्थन दिया। सत्याग्रह में पीसीसी सदस्य महेंद्र मोहन तिवारी, आलोक कुमार सिंह, ऋषि यादव, विख्यात भट्ट, अभिषेक वर्मा, गोविंद गुप्ता, अंकित पांडेय, श्याम मिश्रा,विष्णु सिंह, अविनाश भट्ट उपस्थित रहे।

पुतला फूंकने की कोशिश की
एनएसयूआई के पूर्व जिला अध्यक्ष मनीष ओझा के नेतृत्व में आधा दर्जन लोगों ने विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर मुख्यमंत्री का पुतला फूंकने की कोशिश की। कार्यकर्ता हाथरस जा रहे कांग्रेस पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ किए गए दुर्व्यवहार के खिलाफ आक्रोशित रहे। पुतला फूंकने को लेकर पुलिस वालों से झड़प हुई। पुतला फूंकने वालों में आशुतोष शुक्ला, बृजेश कुमार, प्रबोध पांडेय, सत्यम गोस्वामी, विख्यात भट्ट, श्याम मिश्रा, सत्यम शुक्ला, सौरभ उपस्थित रहे।

गांधी प्रतिमा के सामने दो घंटे मौन धारण कर बैठे सपाई
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर 2 अक्तूबर, 'गांधी जयंती के अवसर पर पार्टी जिलाध्यक्ष नगीना प्रसाद साहनी के नेतृत्व में पदाधिकारीयो और कार्यकर्ताओं ने दो घंटे तक मौन सत्याग्रह किया। मौन सत्याग्रह 11 बजे से एक बजे तक चला।
मौन सत्याग्रह पर बैठे सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कहा कि हाथरस में हैवानियत की शिकार बेटी का प्रशासन द्वारा परिजनों की गैरमौजूदगी में अंतिम संस्कार करना अनुचित है। किसान विरोधी बिलों के जरिये किसानों के खिलाफ निर्णय लेना और उन्हें मजदूर बनाने की साजिश करना, विपक्ष व समाजवादी पार्टी के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का सत्ता द्वारा दमन किया जाना अनुचित है। भाजपा की सरकार में प्रदेश में कानून व्यवस्था बद से बदतर हो गई है। बेरोजगारी चर्मोत्कर्ष पर है।

सपा जिलाध्यक्ष नगीना प्रसाद साहनी ने कहा कि भाजपा राज में लोकतंत्र और संविधान दोनों का तिरस्कार हो रहा है।किसान विरोधी बिलों के जरिये किसानों को खेत मालिक की जगह, खेत मजदूर बनाने की साजिश रच रही है जनता भाजपा के जिन लोकलुभावन वादों से भ्रमित हुई थी अब उनकी सच्चाई जानने लगी है। भाजपा के कुशासन का असली रंग लोग देख रहे है। छल प्रपंच के माहिर भाजपाईयों के झूठ का लबादा उतरने में अब देर नहीं लगेगी। निवर्तमान महानगर अध्यक्ष जियाउल इस्लाम ने कहा कि प्रदेश में अपराधों की असाधारण वृद्धि से यह प्रदेश हत्या प्रदेश के रूप में बदनाम हो गया है। सपा नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री एक बेटी को गरिमापूर्ण जीवन तो दे नहीं सके उन्होंने उसकी सम्मानजनक अंतिम बिदाई भी छीन ली। रात्रि में रीति रिवाज के विपरीत दाह संस्कार और जलाने की जो प्रक्रिया अपनाई गई उससे अधिक शर्मनाक कोई बात नहीं हो सकती है।

ये रहे मौजूद
कार्यक्रम के दौरान जिलाध्यक्ष नगीना प्रसाद साहनी, जियाउल इस्लाम, अखिलेश यादव, डॉ. मोहसिन खान, चंद्रबली यादव, अवधेश यादव, रजनीश यादव, विजय बहादुर यादव, यशपाल रावत, अमरेंद्र निषाद, मनुरोजन यादव, सिंहासन यादव, मुन्नीलाल यादव, मिर्जा कदीर बेग, जितेंद्र सिंह, अमित सिंह सैथवार, कृष्ण कुमार त्रिपाठी, विश्वनाथ विश्वकर्मा, प्रमोद यादव, दूधनाथ मौर्य, शहाब अंसारी, हाजी शकील अंसारी, रामनाथ यादव, सुरेन्द्र नाथ यादव, अशोक यादव, पंकज शाही, राघवेंद्र तिवारी राजू, बिंदा देवी, सुशीला भारती, नमिता सिंह, अख्तर जहां, उर्मिला देवी, कंचन श्रीवास्तव, सुमन पासवान, दुईजा देवी, राहुल यादव, एहतेशाम खान, अमर अग्रहरी, बाबूराम यादव, कीर्तिनिधि पांडेय, अनूप पांडेय, वेंकटेश तिवारी, राहुल गुप्ता, हीरालाल यादव, बीके सिंह, राजेश यादव, करुणानिधान, रामनक्षत्र यादव, संजय पहलवान, संजय यादव, रमेश यादव, रामप्रवेश यादव, गौरव प्रकाश, चर्चिल अधिकारी, बिट्टू यादव, महेश यादव, बृजेश, डीजे, सूरज शुक्ला, मनोज यादव, मंतोष यादव, रामअजोर मौर्या, गबीश दुबे, मनोज निषाद, कपिल मुनि यादव, त्रिलोकी यादव, सुरेंद्र निषाद, प्रशांत यादव, आजम लारी, संजय यादव, गजानंद यादव, नंदलाल कनौजिया, टार्जन यादव, राजाराम चौहान, पप्पू यादव, विकास यादव, सुरेंद्र यादव, श्यामदेव निषाद, मारकंडेय यादव, दयानंद विद्रोही, श्रवण कनौजिया, सूर्यनाथ यादव, धनपत यादव, लालमन, अयूब सिद्दीकी, अजय कनौजिया, मनोज निषाद, रमेश यादव, आफताब अहमद, चंद्रप्रकाश शुक्ला, संजय सिंह सैथवार, जुबेर अहमद, आकाश चौहान, असलम सन्नू, मनोज यादव, मुक्तिनाथ मिश्रा, सुनील श्रीवास्तव, शिवशंकर गौड़, अशोक चौधरी, विनोद विश्वकर्मा, विनोद यादव, आफताब, रणजीत पासवान, संतोष गौड़, जनार्दन चौधरी, मजनू भाई, दिलीप यादव, अरविंद यादव, धर्मेंद्र यादव, जावेद खान, अवधेश पांडेय, बेबी मौर्या, सुनील आजाद, भवनाथ यादव, इमरान खान, नौशाद अहमद, विक्रम यादव, मोहम्मद शाहिद, नारद यादव, राहुल यादव, विपिन, परशुराम निषाद, गिरीश यादव, मंजू, रुक्मिणी, प्रभानंद यादव, वीरेंद्र यादव, लल्लू सिंह, सत्य स्वरूप यादव, सौरव यादव, अमित यादव, गोपाल यादव, विकास यादव, देवेन्द्र सरोज, स्वतंत्र सिंह यादव, पंकजेश द्विवेदी, मकबूल हसन, रेनू सिंह, अमरनाथ यादव, जयप्रकाश यादव आदि मौजूद रहे।

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