बाले मियां के मेले की तैयारी पूरी, रविवार से जुटेंगे जायरीन
हिंदू- मुस्लिम एकता के प्रतीक हजरत सैय्यद सालार मसऊद गाजी उर्फ बाले मियां के मेले की शुक्रवार को औपचारिक शुरुआत हुई। मुतवल्ली इस्लाम हाशमी ने मेले का उद्घाटन किया। रविवार को मुख्य मेला है जिसमें...
हिंदू- मुस्लिम एकता के प्रतीक हजरत सैय्यद सालार मसऊद गाजी उर्फ बाले मियां के मेले की शुक्रवार को औपचारिक शुरुआत हुई। मुतवल्ली इस्लाम हाशमी ने मेले का उद्घाटन किया। रविवार को मुख्य मेला है जिसमें हजारों के पहुंचने की उम्मीद है।
बहरामपुर में हर साल जेठ के महीने में यहा मेला लगता है जिसमें गोरखपुर के अलावा आसपास के क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में अकीदतमंद पहुंचते हैं। अकीदतमंदों की ओर से पलंग पीढ़ी चढ़ाई जाएगी और मन्नतें मांगी जाएगी। ऐसा कहा जाता है कि बाबा के आस्ताने पर सच्चे दिल से मांगी गई मन्नतें जरूर पूरी होती है। इसलिए वहां बड़ी संख्या में अकीदतमंद पंहुचते हैं। रविवार की शाम से गाजे बाजे के साथ आकर्षक झांकियों के साथ बारातों के आने का सिलसिला शुरू होगा। पलंग पीढ़ी लेकर नाचते गाते आने वाली इन बारातों को देखने के लिए दरगाह क्षेत्र में जायरीनों की भीड़ उमड़ती है।
यह सिलसिला पूरी रात चलता है। बारातियों का स्वागत दरगाह पर किया जाता है। लोग जियारत कर अपने-अपने हिसाब से नजराने अकीदत पेश करते हैं। कई एकड़ मैदान में फैले मेला परिसर में खानपान व मनोरंजन की दुकानें सजी हैं। ईदगाह मैदान में भी श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए साफ सफाई करा दी गई है। दरगाह के खादिम इस्लाम हाशमी ने बताया कि दरगाह में सभी धर्मों के मानने वाले लोग आते हैं। एक माह तक चलने वाले इस एतिहासिक मेले में अकीदतमंदों की भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व नगर निगम ने परिसर में सफाई, पेयजल, पथ प्रकाश और अस्थायी शौचालय का इंतजाम किया है।