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लॉकडाउन में कोरोना के इन सिपाहियों पर भी फूटा पुलिस का गुस्‍सा, नतीजेे में बंद हो गईं दवा मंडी की दुकानें

लॉकडाउन को लेकर लोगों की लापरवाही और बार-बार भीड़ की शक्‍ल में जुट जाने की प्रवृति के चलते दिन-रात ड्यूटी में जुटे पुलिसवाले भी आपा खो बैठ रहे हैं। इस माहौल में गोरखपुर में दवा व्यापारियों को...

लॉकडाउन में कोरोना के इन सिपाहियों पर भी फूटा पुलिस का गुस्‍सा, नतीजेे में बंद हो गईं दवा मंडी की दुकानें
हिन्‍दुस्‍तान टीम ,गोरखपुर Fri, 27 Mar 2020 11:35 AM
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लॉकडाउन को लेकर लोगों की लापरवाही और बार-बार भीड़ की शक्‍ल में जुट जाने की प्रवृति के चलते दिन-रात ड्यूटी में जुटे पुलिसवाले भी आपा खो बैठ रहे हैं। इस माहौल में गोरखपुर में दवा व्यापारियों को लेकर पुलिस का रवैया नरम होता नजर नहीं आ रहा और जब कभी ऐसा हो रहा है दवा मंडी और शहर के अलग-अलग हिस्‍सों में दवा की दुकानों पर ताला लटकने लग रहा है। संकट की इस घड़ी में दवा की दुकानें खुली रखने की प्रशासन की व्‍यवस्‍था के बीच यह 'बंदी' मरीजों पर भारी पड़ सकती है। कोरोना से जंग मेें भी दवा की दुुकानोंं की बड़ी भूूमिका है इसलिए जानकार प्रशासनिक अफसरों से इस समस्‍या पर ध्‍यान देने की अपील कर रहे हैं।

लॉकडाउन के दौरान गुरुवार को पुलिस अपने रौ में रही। पुलिस ने आधा दर्जन थोक दवा विक्रेताओं और कर्मचारियों पर लाठी चटकाया। कई दुकानदारों को वापस कर दिया। इसके कारण थोक दवा मंडी की 90 फीसदी दुकानें बंद रहीं। मंगलवार की रात में पीएम के संबोधन के बाद से पुलिस लगातार दवा व्यापारियों को निशाने पर लिए हुए हैं। मंगलवार को दवा विक्रेता समिति के महामंत्री से दरोगा उलझ गया। बुधवार को चौरीचौरा, कौड़ीराम, झंगहा, भटहट, कैम्पियरगंज और सहजनवा में पुलिसकर्मियों ने दवा दुकानदारों से बक-झक की।

कर्मचारियों और दुकानदारों पर सख्त रहे तेवर 
गुरुवार को एक बार फिर पुलिसकर्मी अपने रौं में रहे। असुरन चौराहे के पास भालोटिया में काम करने वाले करुणाकर को पीट दिया। गणेश चौराहे के पास दो कर्मचारियों पर लाठी चटका दी। इसके अलावा थोक दवा विक्रेताओं को टाउन हॉल चौराहे से लौटा दिया। इसी कारण गुरुवार को थोक दवा मंडी की 90 फीसदी दुकानें बंद रहीं। मंडी में सन्नाटा पसरा रहा। कुछ दुकानदारों ने दुकानें खोली मगर वहां भी ग्राहक नदारद रहे।

प्रशासन से बात करेगा एसोसिएशन
दवा व्यापारियों और कर्मचारियों के साथ पुलिसिया अभद्रता को लेकर दवा व्यापारी समिति संजीदा है। उन्होंने मामले की सूचना संगठन के अध्यक्ष योगेंद्र दूबे को दी। उन्होंने प्रशासन से वार्ता का आश्वासन दिया है।

रिटेलर की सूची में थोक दवा विक्रेताओं के नाम

गुरुवार को प्रशासन ने 70 दुकानों की सूची जारी की। इसमें दुकानों के नाम के साथ संचालकों के मोबाइल नंबर भी दिए। इसमें 40 थोक विक्रेताओं के नाम हैं। थोक विक्रेता फुटकर बिक्री नहीं करते। दवा विक्रेता एसोसिएशन ने इसकी सूचना प्रशासन को दे दी है।
 
पास बनाने के निर्देश दिए आए दिन दवा व्यापारियों से हो रही अभद्रता की शिकायत केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने शासन से की। महामंत्री दिलीप सिंह ने बताया कि संगठन की शिकायत पर खाद्य एवं औषधि प्रशासन की आयुक्त मिनिस्ती एस ने सूबे के सभी डीएम व एसएसपी दवा विक्रेताओं और कर्मचारियों का पास बनाने का निर्देश दिया है।
 
ट्रांसपोर्ट पर फंसी हैं जीवन रक्षक दवाएं और किट

थोक दवा मंडी भालोटिया में गुरुवार को भी दवाओं की आपूर्ति नहीं हो सकी। करीब 40 करोड़ का माल जिले के 80 से अधिक ट्रांसपोर्टर के गोदामों में रखा है। थोक दवा विक्रेता सुनील सिंह ने बताया कि इस समय एन-95 मास्क, पर्सनल प्रोटेक्शन किट, ्प्रिरट, सैनेटाइजर की मांग जबरदस्त है। इसकी खेप ट्रांसपोर्टर के गोदाम में रखी है। बीपी, शुगर, सांस की तकलीफ में प्रयोग की जाने वाली सैकड़ों प्रकार की जीवनरक्षक दवाओं की खेप ट्रांसपोर्टर के गोदाम में रखी गई है। पिछले छह दिनों से किसी भी दुकानदार को कोई सप्लाई नहीं हो सकी।
 

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