जेएन सिंह प्रकरण के बाद भी नहीं सुधरी पुलिस!
गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता अपने साथ हो रही ज्यादती पर न्याय की मांग कर रहे

गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता
अपने साथ हो रही ज्यादती पर न्याय की मांग कर रहे छात्रों ने पुलिस पर बेरहमी से पिटाई का आरोप लगाया है। जिला अस्पताल में भर्ती कुशीनगर के छात्र राहुल मद्धेशिया की माने तो पुलिस ने उसके साथ बर्बरता की है।
जिला अस्पताल में भर्ती राहुल ने ‘हिन्दुस्तान से पुलिस की ज्यादती की कहानी बताई। कहा कि उसकी सांस फूल रही थी। वह इंजेक्शन लगवाने की गुहार लगा रहा था लेकिन पुलिस बेरहमी से पीट रही थी। खुद की जान बचाने के लिए उसने जेब में मौजूद पूरी दवा खा ली। जब उल्टी होने लगी तब पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया। राहुल की बातों में अगर सच्चाई है तो गोरखपुर पुलिस पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। वह भी तब जब मनीष गुप्ता की पिटाई से हुई मौत के प्रकरण में इंस्पेक्टर सहित छह पुलिसवाले अभी भी जेल में हैं। पुलिस जेएन सिंह सहित छह पुलिसवालों का हाल देखकर भी नहीं सुधरी है!
राहुल ने बताया कि मुझे पहले से सांस की दिक्कत है। मैं दवा खाता हूं। मैं बार-बार बोल रहा था कि मेरी तबीयत खराब है पर कोई पुलिसवाला सुन नहीं रहा था और डंडे और लात-घूसे से पिटाई कर रहा था। गाड़ी में बैठाने के दौरान तबीयत खराब होने से उसका सिर लटक रहा था। उस समय पुलिसवालों ने फाटक बंद किया जिससे गले पर भी चोट आई। वहां से दूसरी गाड़ी में बैठाए। गालियां भी दीं। पानी भी पीने के लिए नहीं दिया।
राहुल ने बताया कि यह सभी लोग जानते हैं कि हमलोग कोई अपराधी नहीं हैं फिर भी हमलोगों को अपराधियों की तरह बेरहमी से पीटा गया। पुलिस वालों ने डंडों व लात से मारा था उसके बाद ही सांस फूलने लगा। अन्य बच्चों को भी पीटा था। एक बहन थी उसके पेट में भी पुलिसवालों ने लात से मार दिया था। हालांकि गोरखनाथ पुलिस इन आरोप को खारिज कर रही है।
बोले इंस्पेक्टर
किसी बच्चे की पिटाई नहीं हुई है। एक छात्र उल्टी कर रहा था। उसने बताया कि उसे दिक्कत महसूस हो रही है तो तत्काल उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
- मनोज कुमार सिंह, गोरखपुर इंस्पेक्टर
