क्लब पर कब्जे से रोकने पर पुलिस ने पीटा, किया चालान
सहारा एस्टेट परिसर में क्लब पर कब्जा करने पहुंचे बाहरी लोगों से का वहां की व्यवस्था संचालित करने वाली सोसायटी के लोगों ने विरोध किया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने विरोध करने वाले लोगों को पीटा और पकड़ कर...
सहारा एस्टेट परिसर में क्लब पर कब्जा करने पहुंचे बाहरी लोगों से का वहां की व्यवस्था संचालित करने वाली सोसायटी के लोगों ने विरोध किया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने विरोध करने वाले लोगों को पीटा और पकड़ कर थाने भिजवा दिया। इसी के साथ कब्जा कर रहे दोनों पक्ष के दो लोगो को भी थाने भेजवा दिया। साथ ही क्लब पर प्रबंधन का ताला बंद कर दिया। इसके बाद पकड़े गए लोगों में 11 का शांति भंग में चालान कर दिया।
मामला तब और गंभीर हो गया जब चालान किए गए सोसायटी के लोगों ने जमानत कराने से इनकार कर दिया। रात में कॉलोनी के लोग मंदिर पहुंच गए। मंदिर से द्वारिका तिवारी ने फोन किया तो सीओ कैंट सोसायटी के लोगों के मान मनौवल में जुट गए। रात करीब 10 बजे सोसायटी के लोग इस बार पर जमानत को राजी हुए कि क्लब की स्थति पहले जैसी बहाल की दी जाएगी और मामले की निष्पक्ष जांच की दोषी पुलिस वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
शाम को कलेक्ट्रेट में जुटे कालोनीवासी, पुलिस के खिलाफ है लोगों में गुस्सा
कॉलोनीवासियों की सूचना पर पूरे प्रकरण की जानकारी नगर विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने उच्चाघिकारियों को देकर निष्पक्ष जांच की मांग की है। सहारा एस्टेट ने यहां आवासीय कॉलोनी बनाने के बाद आवंटियों को पार्क, क्लब आदि की सुविधाओं के साथ सड़क, बिजली और पानी की जिम्मेदारी उठाने का वादा किया था। कंपनी जब तक ठीक हाल में थी तब तक यह काम करती भी रही। कुछ वर्ष पहले जब कंपनी की हालत खराब हुई तो सभी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ लिया। ऐसे में स्थानीय लोगों ने कानूनी सलाह के अनुसार सहारा वेलफेयर सोसायटी का पंजीयन कराया और 2013 से सभी के सहयोग से सोसयटी सभी तरह की व्यवस्था करने लगी। क्लब की खस्ताहाल सुविधाओं को बहाल कराया। कुछ सड़कों का भी निर्माण हुआ।
इधर 29 अप्रैल 2019 को सहारा प्रबंधन ने मेंहदावल के मानवेन्द्र सिंह उर्फ गुड्डू के नाम से क्लब लीज पर यहां का क्लब आवंटित कर दिया। एग्रीमेंट लेकर यह लोग पहुंचे तो सोसायटी के लोगों ने पुलिस को बुलाया। पुलिस ऐसा करने से रोक दिया।
सोसायटी के अध्यक्ष एपी त्रिपाठी ने बताया कि रविवार को फिर में दो बजे मानवेन्द्र व मंजीत कई बाहरी लोगों को सहारा एस्टेट पहुंचे और क्लब पर जबरन ताला बंद करने लगे। हम लोगों ने विरोध किया। सूचना पर पहुंची खोराबार की पुलिस भी ने सोसायटी के लोगों को पीट कर थाने भेज दिया। दूसरे पक्ष से भी लोग थाने भेजे गए। अन्य बाहरी लोगों को छोड़ दिया गया। पीछे से बड़ी संख्या में सोसायटी के लोग भी थाने पहुंच गए। लोगों ने नगर विधायक व अधिकारियों को भी यह सूचना दी।
पकड़े गए लोगों ने जमानत से किया इनकार
जब पुलिस उन्हें जमानत के लिए लेकर कलेक्ट्रेट पहुंची तो इन लोगों ने जमानत कराने से मना कर दिया। उधर छह बजे मानवेन्द्र व मंजीत ने जमानत करा लिया। चालान किए गए लोगों में नौसेना के कुश्ती कोच रहे यश भारती पुरस्कार प्राप्त 65 वर्षीय ले. लालबचन यादव, सोसायटी के अध्यक्ष एपी त्रिपाठी, ट्रांसपोर्टर धर्मेंद्र सिंह, सहारा सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष दिनेश राय, चन्द्रकिशोर सिंह, मनीष सिंह व वरिष्ठ नागरिक सीके मिश्रा आदि ने जमानत कराने से इनकार कर दिया और कहा कि जब तक इस मामले को मुख्यमंत्री तक नहीं पहुंचा देते, शांत नहीं बैठेंगे। पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनका कोई दोष नहीं है तो वह जमानत क्यों कराएं। सोसायटी के लोगों ने इस मामले में एसओ खोराबार को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की मांग की है। सोसायटी का आरोप है कि खोराबार पुलिस ने जानबूझ कर ऐसे दिन कब्जा कराने का प्रयास किया जिस दिन छुट्टी थी। हम लोगों ने सुशासन व भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने के नाम पर मतदान किया। सीएम के गोरखपुर आने पर हम लोग यह बात उन तक पहुंचाएंगे।
रात करीब नौ बजे सोसायटी के लोग मंदिर पहुंचे। महिलाएं भी पहुंच गईं। पूरी बात सुनने के बाद द्वारिका तिवारी ने पुलिस अधिकारियों से बात की। सीओ कैंट मौके पर पहुंचे और क्लब की स्थिति पहले जैसी बहाल कराई। समझा बुझा कर आक्रोशित लोगों को शांत कराया। सीओ के आश्वासन के बाद सोसायटी के लोगों ने जमानत के प्रपत्र पर हस्ताक्षर बनाए।
नगर विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने इस संबंध में पूछने पर बताया कि संपत्ति या जमीन के मामले में पुलिस को बिना सक्षम न्यायालय के आदेश के हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। चुनाव बीतते ही ऐसी क्या जल्दी थी कि खोराबार पुलिस ने संभ्रांत नागरिकों को थाने उठा ले गई और चालान कर दिया। मैंने पूरे प्रकरण पर डीएम से बात की है। वह जांच करा रहे हैं। यह मामला भी जेल भेजे गए टीपीनगर चौकी इंचार्ज की ही तरह का लग रहा है।
सहारा स्टेट के थ्लब संचालन को लेकर दो पक्षों में विवाद है। एक पक्ष रविवार को ताला खोलने गया था, जिसे लेकर विवाद हो गया। पुलिस ने दोनों पक्षों के लोगों को शांति भंग की आशंका में चालान किया है।
विनय कुमार सिंह, एसपी सिटी
बिना न्यायालयी आदेश पुलिस ने किया हस्तक्षेप : नगर विधायक
नगर विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने इस संबंध में पूछने पर बताया कि संपत्ति या जमीन के मामले में पुलिस को बिना सक्षम न्यायालय के आदेश के हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। चुनाव बीतते ही ऐसी क्या जल्दी थी कि खोराबार पुलिस ने संभ्रांत नागरिकों को थाने उठा ले गई और चालान कर दिया। मैंने पूरे प्रकरण पर डीएम से बात की है। वह जांच करा रहे हैं। यह मामला भी जेल भेजे गए टीपीनगर चौकी इंचार्ज की ही तरह का लग रहा है।
सहारा स्टेट के थ्लब संचालन को लेकर दो पक्षों में विवाद है। एक पक्ष रविवार को ताला खोलने गया था, जिसे लेकर विवाद हो गया। पुलिस ने दोनों पक्षों के लोगों को शांति भंग की आशंका में चालान किया है।
विनय कुमार सिंह, एसपी सिटी